NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
डीटीसी बस हादसे: चालक क्यों चढ़ें बलि!
बसों में सुरक्षा उपायों की हालत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि अधिकतर बसों में सीट बेल्ट तक नहीं हैं, तकनीकी गड़बड़ियों की बात तो छोड़ ही देंI
मुकुंद झा
18 Oct 2018
DTC
Image Courtesy: ANI

दिल्ली के वजीराबाद में कल तड़के सुबह डीटीसी बस और डंपर में टक्कर हुईI जिसमें बस में सवार यात्री व चालक को गंभीर चोट आई उन्हें असपताल ले जाया गया जहाँ मामूली रूप से घायल लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद वापस भेज दिया गया जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को ट्रोम सेंटर में भर्ती कराया गयाI

इस तरह के हादसे दिल्ली में होते रहते हैं जहाँ डीटीसी बस या अन्य बसों की टक्कर होती है, परन्तु इन हादसों को लेकर डीटीसी के चालक व सह-चालक इस सन्दर्भ में कई गंभीर प्रश्न उठा रहे हैंI उनकी एक यूनियन डीटीसी वर्कर्स युनिटी सेंटर (एक्टू) का कहना है कि ये हादसे सरकार व निगम की गलत नीतियों के कारण होते हैंI उनके अनुसार निगम सुरक्षा मानदंडों का पूरी तरह उल्लंघन करती है जिस वजह से इस तरह के हादसे होते हैंI इसके बाद सारा दोष चालक के सर मढ़, निगम अपना पल्ला झाड़ लेता हैI

डीटीसी के बस चालकों से आम लोगों की हमेशा यह शिकायत रहती है कि वे सवारी देखकर भी बस नहीं रोकते या कई बार तेज़ी से बस भगा ले जाते हैंI डीटीसी बसों में सफर करने वाले किसी भी व्यक्ति की यह मुख्य शिकायत होगी कि डीटीसी के चालक बहुत तेज़ बस चलाते हैंI परन्तु डीटीसी वर्कर्स युनटी सेंटर (एक्टू) के अभिषेक की बात सुनने के बाद शायद यह शिकायत चालकों से नहीं निगम से ही जायेI उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, “डीटीसी निगम द्वारा बसों के चालक व सहचालक पर दबाब डाला जाता है कि वो अपनी निर्धारित ड्यूटी व किलोमीटर को पूरा करें नहीं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाती है जिस कारण चालक बसों को कई बार जोखिम लेकर तेज़ भगाते हैI”

उन्होंने निगम द्वारा एक सर्कुलर हम से साझा किया जिसमें साफ तौर देखा जा सकता है कि निगम के अधिकारी कर्मचारियों को लिख रहे हैं कि उन्हें किसी भी हाल में निर्धारित दूरी तय करनी है किसी भी कारण से इसमें रियायत नहीं दी जाएगीI ट्रैफिक जाम या अन्य किसी कारण से आप अपनी डयूटी नहीं छोड़ सकतेI

WhatsApp Image 2018-10-17 at 15.22.04.jpeg

डीटीसी के एक चालक ने बताया कि ड्यूटी पूरी करने के लिए वे कई बार तनाव में रहते हैं क्योंकि डीटीसी की लो-फोलर बस बहुत अधिक खराब होती हैं लेकिन डिपो के अधिकारी ब्रेकडाउन (बस खराब होने) होने के बावजूद उन पर कार्यवाही करते हैंI ऐसे हालात में बस ख़राब होने के कारण बर्बाद हुए समय की भरपाई करने के लिए उन्हें कई बार 8 घन्टे से अधिक लगातार गाड़ी चलानी पड़ती है या फिर वे कोशिश करते हैं कि गाड़ी को अधिक गति से चलाकर इस समय की भरपाई करेंI

अभिषेक कहते हैं कि, “ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले उस के भी खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति को 6.5 घन्टे से अधिक गाड़ी नहीं चलानी हैI साथ ही एक कर्मचारी से 8 घन्टे से अधिक कम नहीं करवाया जा सकता, परन्तु डीटीसी में समय की बात ही नहीं, यहाँ तो किलोमीटर व डयूटी पूरी करने का दबाब रहता हैI”

डीटीसी ने बसों की देखरेख (मेंटेनेंस) निजी लोगो में सौंप दी हैI इसके बाद से डीटीसी की बसों की हालत बहुत ही खस्ता होती जा रही हैI डीटीसी के चालकों ने बताया कि बसों में सुरक्षा उपायों की हालत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि अधिकतर बसों में सीट बेल्ट तक नहीं हैं, तकनीकी गड़बड़ियों की बात तो छोड़ ही देंI

यह बहुत ही खतरनाक और गंभीर स्थिति है क्योंकि यह न सिर्फ बस चालकों की ज़िंदगियों के लिए खतरा पैदा करती है बल्कि बस में सवार यात्रियों और सड़क पर मौजूद लोगों की जान के साथ भी खिलवाड़ करती हैI

इन सभी मुद्दों व कर्मचरियों के अन्य महत्वपूर्ण मांगों के साथ डीटीसी वर्कर्स युनिटी सेंटर (एक्टू) के नेतृत्व में डीटीसी के कर्मचारियों ने 29 अक्टूबर को दिल्ली के सभी डिपो में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया हैI यह डीटीसी के इतिहास में दूसरी आम हड़ताल होने जा रही हैI इससे पूर्व 1989 में आम हड़ताल हुई थीI

DTC
DTC workers
DTC Strike

Related Stories

DTC ठेका कर्मचारियों ने अभियान चलाकर केजरीवाल सरकार को दी चेतावनी, 'शवयात्रा' भी निकाली

दिल्ली: डीटीसी कर्मचारियों का लेबर कोड्स के विरुद्ध व किसानों के समर्थन में प्रदर्शन

ट्रांसपोर्ट उद्योग को बचाने की मांग को लेकर श्रमिकों का देशव्यापी प्रदर्शन

यमुना की सफ़ाई में 'आधिकारिक उदासीनता' बड़ी चुनौती, हटाया जाय मिलेनियम बस डिपो

कोरोना संकट: दिल्ली सरकार का एंबुलेंस सेवा के साथ खिलवाड़, डीटीसी ड्राइवर चला रहे है एंबुलेंस

दिल्ली में महिलाओं को मुफ़्त बस यात्रा स्वागत योग्य, लेकिन कर्मचारियों पर कौन ध्यान देगा?

दिल्ली में महिलाओं के लिए बस से मुफ्त यात्रा योजना शुरू

अधमरी अर्थव्यवस्था : मंदी की मार झेल रहे श्रमिकों में आक्रोश!

बौखलाहट : रेल सेवा के बाद पाकिस्तान की ओर से व्यापार और बस सेवा भी बंद

नफ़ा-नुक़सान से आगे जाकर डीटीसी को बचाने और बढ़ाने की ज़रूरत


बाकी खबरें

  • समीना खान
    विज्ञान: समुद्री मूंगे में वैज्ञानिकों की 'एंटी-कैंसर' कम्पाउंड की तलाश पूरी हुई
    31 May 2022
    आख़िरकार चौथाई सदी की मेहनत रंग लायी और  वैज्ञानिक उस अणु (molecule) को तलाशने में कामयाब  हुए जिससे कैंसर पर जीत हासिल करने में मदद मिल सकेगी।
  • cartoon
    रवि शंकर दुबे
    राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास
    31 May 2022
    10 जून को देश की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने अपने बेस्ट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि कुछ दिग्गजों को टिकट नहीं मिलने से वे नाराज़ भी हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 
    31 May 2022
    रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना, पहले की कल्पना से कहीं अधिक जटिल कार्य साबित हुआ है।
  • अब्दुल रहमान
    पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन
    31 May 2022
    फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों ने रूस पर यूक्रेन से खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात को रोकने का भी आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट
    31 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,338 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 30 मई को कोरोना के 2,706 मामले सामने आए थे। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License