NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
समाज
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
नफ़ा-नुक़सान से आगे जाकर डीटीसी को बचाने और बढ़ाने की ज़रूरत
महिलाओं के लिए मेट्रो में मुफ़्त यात्रा को लेकर बहुत सारे किंतु-परंतु हैं, लेकिन डीटीसी बसों में इस योजना को लागू किया जा सकता है। मगर, डीटीसी की दशा न सुधारी गई तो कैसे किसी को लाभ मिलेगा।
मुकुंद झा
10 Jun 2019
DTC

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार 8 जून को दिल्ली सरकार का परिणाम बजट (आउटकम बजट) जारी किया। बजट के अनुसार, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) खराब स्थिति में है, और घाटे में है। हालांकि, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के तहत विभाग की क्लस्टर बसें आय में वृद्धि हुई है। 
वर्ष 2017-18 में सड़क पर चलने वाली डीटीसी बसों की संख्या 3,974 थी। दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को 2018-2019तक 4,176 तक बढ़ाना था। हालांकि, यह संख्या 3,897 पर ही रुक गई। परिणाम बजट के अनुसार, 2018-2019 में डीआईएमटीएस क्लस्टर प्रणाली की संख्या 2,758 करने का लक्ष्य रखा गया था, हालांकि, वर्तमान में क्लस्टर बसों की संख्या 1,679 ही है।

वर्ष 2018-2019 के दौरान, डीटीसी की औसत दैनिक सवारियों में थोड़ा सुधार हुआ, जो प्रतिदिन 33 लाख यात्रियों के लक्ष्य के साथ32.93 लाख थी। वर्ष 2019-2020 के लिए लक्ष्य 33.50 लाख निर्धारित किया गया है। 2018-2019 में 12.24 लाख के लक्ष्य के मुकाबले DIMTS बसों की औसत सवारियां 12 लाख थी।

इसको लेकर कई लोगो सवाल कर रहे है की डीटीसी लगातर घाटे में जा रही है जबकि निजी कम्पनी द्वार संचालित बसे फायदे में रहती है क्यों?

इसको लेकर एक बात समझनी चाहिए की डीटीसी सर्वजनिक परिवहन है न कोई प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, जिसका आकलन और संचालन नफे-नुकसान की वजह से किया जाए, बल्कि इनका आकलन उनके काम के आधार पर किया जाना चाहिए कि क्या वो शहर के आमजन को सुविधा देने में सफल रही है। क्या आम जन के लिए पर्याप्त गाड़ियां हैं और सफ़र सुरक्षित है। क्या उसके कर्मचारियों को भी सरकार बेहतर वेतन और सुविधाएं दे पा रही है।

इसे भी पढ़ें: डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया

शायद हमारी सरकारें इस तरफ ध्यान नहीं देती हैं। अगर ऐसा होता तो आज दिल्ली के हज़ारों डीटीसी कर्मचारी और इस निगम की यह खस्ता हालत नहीं होती। डीटीसी के कर्मचारी पिछले काफी समय से ट्रेड यूनियन के साथ आवाज उठती रहे हैं लेकिन कभी भी किसी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। डीटीसी कर्मचारियों का कहना की आज उनकी स्थिति दयनीय है, न ही उनको उनके काम का पूरा दाम मिल रहा है न ही सामाजिक सुरक्षा। 

ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू) के दिल्ली राज्य सचिव अभिषेक कुमार ने न्यूज़क्लिक से कहा, “अगर कर्मचारी खुश नहीं हैं तो डीटीसी कैसे बच सकती है? कर्मचारी, ड्राइवर, कंडक्टर लगातार अपनी आजीविका के बारे में अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। उनके पास पर्याप्त बसें नहीं हैं, कर्मचारियों को स्थायी नहीं किया जा रहा है, उन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा है।”

डीटीसी कर्मचारियों की अलग-अलग यूनियनों के अनुसार, ट्रांसपोर्टर के अधिकांश कर्मचारी अनुबंध के आधार पर काम करते हैं। अभिषेक ने कहा, “सरकार यूनियनों से बात नहीं करना चाहती। वे यह नहीं सुनना चाहते कि कर्मचारी क्या चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि यूनियनों ने दिल्ली के विकास, श्रम और रोजगार, सामान्य प्रशासन विभाग और मंत्री गोपाल राय को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। यह पत्र अंतत: श्रम आयुक्त के पास पहुंचा, जिन्होंने अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारियों से मजदूर संघों के साथ मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया। अभिषेक ने कहा, "लेकिन वे अभी हमारे किसी भी मुद्दे पर हमसे बात नहीं करना चाहते हैं।"

इसे भी पढ़ें:  भाजपा का दोहरा रवैया : डीटीसी के समर्थन का दावा, हरियाणा में रोडवेज़ कर्मियों का दमन

दिल्ली के लिए डीटीसी क्यों जरूरी है?

डीटीसी अभी दिल्ली में वर्किंग क्लास के लिए लाइफ लाइन है। उनके लिए कहीं आने जाने का एक अहम साधन हैं डीटीसी बसें। कैब इत्यादि तो छोड़िए मेट्रो का किराया भी आम लोगों की क्षमता से बाहर जा रहा है। दिल्ली सरकार मेट्रो को भी महिलाओं के लिए मुफ्त करने की बात कर रही है, लेकिन फिलहाल इसमें कई दिक्क़ते हैं। इसके अलावा सरकार ने यह नहीं माना है कि डीटीसी बसें महिलाओं के लिए असुरक्षित हैं, उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि दिल्ली मेट्रो महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन है। लेकिन किसी भी बस सेवा की तुलना में डीटीसी कहीं बेहतर है। 

परिणाम बजट के अनुसार, 2017-2018 में डीटीसी बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शल की संख्या 3,153 थी।2018-2019 में यह संख्या बढ़कर 4,280 हो गई, लेकिन बसों में केवल 3,041 मार्शल ही उपलब्ध थे। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में मार्शल तैनात करना है। परिणाम के बजट से यह भी पता चला है कि बसों में अभी तक सरकार सीसीटीवी कैमरे लगाने में सफल नहीं हुई हैं। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि जून में ही सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और नवंबर 2019 तक काम पूरा हो जाएगा।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, डीटीसी कर्मचारी राजेश कुमार ने कहा, “हर कोई DIMTS की कमाई में वृद्धि के बारे में बात कर रहा है। हालांकि, जो कोई नहीं जानता है कि डीआईएमटीएस के कर्मचारियों को हर रोज एक निश्चित संख्या में किलोमीटर कवर करना पड़ता है। जब तक वे पूर्व निर्धारित दूरी को कवर नहीं करते, तब तक उन्हें उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। जिस कारण कर्मचारियों द्वारा बसों को सवारी की जान को जोखिम में डालकर तेज़ी से भगाई जाती है। क्योंकि वो अपना टारगेट पूरा करना चाहते हैं और अपना वेतन प्राप्त करना चाहते हैं। वे इसके लिए भीड़-भाड़ वाले बस स्टैंड पर रुकते हैं, लेकिन जिस बस स्टैंड पर यात्रियों की संख्या कम होती है वहाँ नहीं रुकते हैं, क्योंकि वो जितने अधिक टिकटों को बेचेंगे उसके आधार पर प्रोत्साहन मिलता है।"

महिलाओं को लिए डीटीसी मुफ़्त करना अच्छा लेकिन जब डीटीसी के पास संसाधन नहीं तो यह कैसे होगा?

अभिषेक कुमार ने कहा, “हम महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन मुफ्त बनाने के लिए इस प्रस्ताव का स्वागत करते हैं। हालाँकि, हम यह नहीं समझ सकते कि इस योजना को कैसे लागू किया जाएगा, क्योंकि दिल्ली सरकार के पास पहले से पर्याप्त बसें नहीं हैं?एक साल से डीटीसी में कोई नई सरकारी बस नहीं आई है।”

उन्होंने कहा, "हर कोई जानता है कि इस योजना को दिल्ली मेट्रो में लागू नहीं किया जा सकता है। DMRC में केंद्र सरकार की समान भागीदारी है, वे ऐसा नहीं होने देंगे।” दिल्ली मेट्रो दिल्ली सरकार के साथ-साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आती है। विभाग के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल की घोषणा के तुरंत बाद कहा कि महिलाओं के लिए मेट्रो की सवारी को मुफ्त बनाना संभव नहीं है। उन्होंने योजना को जुमला कहा, और कहा कि सीएम की कोई निश्चित योजना नहीं है।

अभिषेक ने कहा, “डीटीसी बसों में इस योजना को लागू किया जा सकता है। लेकिन अगर डीटीसी बसों की संख्या नहीं बढ़ाई गई तो महिलाएं इस योजना से कैसे लाभान्वित होंगी?”

DTC बसें
CITU
CITU in India
DTC workers
DTC Strike
DTC BUS
DTC
Delhi
delhi govt
Arvind Kejriwal
Women

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License