NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डॉ. तडवी आत्महत्या मामला : जांच में देरी पर बंबई उच्च न्यायालय ने जांचकर्ताओं को फटकारा
तडवी (26) मेडिकल की द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर की छात्रा थी, उसने बीवाईएल नायर अस्पताल में तीन डॉक्टरों की रैगिंग और जातिसूचक टिप्पणियों से तंग आकर अपने हॉस्टल के कमरे में 22 मई को कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Aug 2019
tadvi's suicide
Image Courtesy: The New Indian Express

अपनी जूनियर डॉक्टर पायल तडवी को आत्महत्या के लिये उकसाने की आरोपी तीन महिला डॉक्टरों की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने जांच में देरी को लेकर अभियोजन पक्ष की खिंचाई की।

मामले की सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति साधना जाधव ने अपराध शाखा को ‘‘अपनी जिम्मेदारी ठीक तरीके से नहीं निभाने’’ के आरोप में बीवाईएल नायर
अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ. यी चिंग लिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अनुमति मांगने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

तडवी (26) मेडिकल की द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर की छात्रा थी, उसने बीवाईएल नायर अस्पताल में तीन डॉक्टरों की रैगिंग और जातिसूचक टिप्पणियों से तंग आकर अपने हॉस्टल के कमरे में 22 मई को कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।

 तडवी अनुसूचित जाति (एसटी) समुदाय से थीं। उनकी मां ने दावा किया कि हेमा आहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहर उनकी बेटी को  मानसिक प्रताड़ना दे रही थीं। इसके बारे में उसने डॉ. लिंग से शिकायत की थी। ये तीनों उनके विभाग में उसकी सीनियर थीं।

 विशेष अदालत द्वारा 24 जून को तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था।मंगलवार को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि मेडिकल का पेशा अब कोई आदर्श पेशा नहीं रह गया है।

न्यायमूर्ति जाधव ने यह भी सुझाव दिया कि सुनवाई पूरी होने तक आरोपी डॉक्टरों का मेडिकल लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए।अदालत ने बचाव पक्ष के वकील अबद पोंडा की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि आरोपी डॉक्टरों को जमानत मिलनी चाहिए क्योंकि वे हत्या या नरसंहार के किसी मामले में आरोपी नहीं हैं।

न्यायमूर्ति जाधव ने कहा कि हत्या या नरसंहार से इसकी तुलना ठीक नहीं है क्योंकि आरोपियों ने पीड़िता को ‘‘मानसिक आघात पहुंचाया’’ और अक्सर यह कहा जाता है कि मानसिक आघात से कहीं बेहतर शारीरिक आघात है क्योंकि मानसिक आघात कभी दिखता नहीं है जिससे वह इलाज से अछूता रह जाता है। 

Bombay High Court
Payal Tadvi Suicide
Scheduled Tribe
Crime Branch
investigation

Related Stories

रिश्वत लेकर अपराधी छोड़ने के मामले में क्राइम ब्रांच प्रभारी व मुख्य आरक्षी बर्ख़ास्त

"पॉक्सो मामले में सबसे ज़रूरी यौन अपराध की मंशा, न कि ‘स्किन टू स्किन’ टच!"

क्रूज ड्रग्स पार्टी केस: बंबई उच्च न्यायालय ने आर्यन खान को दी जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब क्या करेंगे राज्यपाल कोश्यारी?

आज भी न्याय में देरी का मतलब न्याय न मिलना ही है

एल्गार परिषद मामले में पुणे के न्यायाधीश का क्षेत्राधिकार होने के कागजात पेश करिए :उच्च न्यायालय

गुलशन कुमार हत्याकांड: अदालत ने निर्माता रमेश तौरानी को बरी करने का फैसला रखा बरकरार

फ़र्ज़ी टीकाकरण के मामलों में 'बड़ी मछली' को न छोड़ें: उच्च न्यायालय

एल्गार मामला: अदालत ने स्टेन स्वामी को अस्पताल में रखने की अवधि बढ़ाई

स्टैन स्वामी को 18 जून तक अस्पताल में भर्ती रखने का निर्देश


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License