NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एक और यूजीसी नेट परीक्षा, छात्रों और शिक्षकों की माँग पर कोई ध्यान नहीं
बेहतर उच्च शिक्षा के लिए और शिक्षकों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण है कि ,नेट कीके परीक्षा ओब्जक्टिव से सब्जेक्टिव कर दी जाए|




न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Jun 2018
Translated by मुकुंद झा
UGC

बेहतर उच्च शिक्षा के सुधार के लिए , और शिक्षकों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण है कि होगा |  इस प्रकार, नेट कीके परीक्षा के लिए ओब्जक्टिव प्रकार से सब्जेअक्टिवे प्रकार की परीक्षा की ओर जाना  बेहतर होगा  कर दी जाए|
 
यूजीसी नेट परीक्षा इस साल 8 जुलाई को आयोजित की जाएगी। प्रवेश पत्र 21 जून को डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवाए कराए गए थे। लेकिन एक और नेट परीक्षा आने के बावजूद, छात्रों और शिक्षकों की लंबी मांगोंमाँगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और  न ही समग्र ज्ञान-उत्पादन के लाभों के बारे में कोई चिंताओ पर कोई ध्यान नहीनहीं दिया हैं।

लेक्चररशिप  के लिए योग्यता निर्धारित करने और भारतीय नागरिकों कीको जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) के मिलने वाले पुरस्कार के लिए योग्यता निर्धारित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा नेट (राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा) की परीक्षा को आयोजित किया की जातीता है।
वर्तमान योग्यता मानदंड
 
यूजीसी नेट परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा मानविकी (Humanities) (भाषाओं सहित), सामामजिक विज्ञान , फोरेंसिक साइंस, पर्यावरण  विज्ञान, कंप्यूटर साइंस और एप्लीकेशन और इलेक्ट्रॉनिक साइंस के लिए आयोजित की किया जातीता है।
 
सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए यूजीसी नेट के लिए योग्यता मानदंड मास्टर डिग्री में कम से कम 55% अंक हो या यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से स्नातकोत्तर मास्टर डिग्री के  समकक्ष परीक्षा में 55% स्कोर किया होहै । आरक्षित (एससी / एसटी / ओबीसी-एनसीएल / पीडब्ल्यूडी / ट्रांसजेंडर) श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए योग्यता मानदंड 50% है। ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए विषयवार कट ऑफ संबंधित विषय में ओबीसी-एनसीएल / एससी / एसटी / पीडब्ल्यूडी श्रेणियों में से  सबसे कम ही  होता है।

'दोनों जेआरएफ और सहायक प्रोफेसर के लिए योग्यता' और 'केवल सहायक प्रोफेसरशिप के लिए योग्यता' के लिए, उम्मीदवार दोनों परीक्षाओंओ  में उपस्थित होना चाहिए और सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार लिए दोनों परीक्षाओंओ को मिलाकर  में कम से कम 40% कुल अंक होनेना चाहिए और आरक्षित श्रेणियों (जैसे एससी, एसटी, ओबीसी-एनसीएल और पीडब्ल्यूडी) और ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के सभी उम्मीदवारों के लिए कम से कम 35% अंक होनेना चाहिए ।

पैटर्न में बदलव

आगामी 8 जुलाई की परीक्षा के लिए इस वर्ष 1 फरवरी को सीबीएसई द्वारा जारी अधिसूचना में यूजीसी नेट की परीक्षा पैटर्न बदल दिया गया है । इसे 12 मार्च को प्रेस को जारी किया गया था। इसके अनुसार, परिवर्तन इस प्रकार हैं:

"पहले दो पेपर बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ पहले की तरह बने हुए हैं। सामान्य जागरूकता के पहले पेपर में प्रत्येक के दो अंक वाले 60 प्रश्नों में से के 50 अनिवार्य प्रश्न करना अनिवार्य होताते हैहैं। पेपर -1 में 10 प्रश्नों काकी पसंद को विकल्प समाप्त कर दिया गया है। पेपर -1 की अवधि 1 घंटे 15 मिनट से 1 घंटे कर दी गई है। जबकी परीक्षा 100 अंकों का बना हुआ है। "

"पेपर -2 और पेपर -3 जो दोनों एक ही विषय परपे होते थे, उन दोनों को एक कर दिया गया है | इसे अब उमीदवार के चुने हुए विषय के 100 अनिवार्य बहुविकल्पीय प्रश्न वाले पेपर -2  के रूप में बदल दिया गया है समझा जाएगा | जो की उम्मीदवार द्वारा चुने गए विषय से होगा प्रत्येक के दो अंक होंगे |"

"जेआरएफ में उपस्थित होने के लिए ऊपरी आयु सीमा दो साल तक बढ़ा दी गई है, यानि 28 साल से 30 साल की मौजूदा ऊपरी आयु सीमा है । अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / विकलांग विक्लांग व्यक्तियों / अन्य पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमी लेयर) (गैर-मलाईदार परत) श्रेणियों और महिलाओं के उम्मीदवारों के लिए उम्मीदवारों के लिए उम्र में आयु सीमा में पां पाँच वर्ष की छूट है।"

पहले की तरह, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के पद के लिए आवेदन करने की कोई आयु सीमा नहीं होगी। इसके अलावा, यूजीसी ने सूचित किया है कि यूजीसी-नेट परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी।

नवंबर 2017 में, यूजीसी ने प्रत्येक विषय और श्रेणी के सभी परीक्षाओं में न्यूनतम आवश्यक अंक प्राप्त करने वाले शीर्ष 15% से योग्यता मानदंड भी बदल दिए थे, जो परीक्षा के सभी परीक्षाओं में भाग लेने  वाले कुल उम्मीदवारों के शीर्ष 6% तक कम कर दिया है, केरल उच्च न्यायालय के फैसले के बाद। कुल स्लॉट भारत सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार विभिन्न श्रेणियों को आवंटित किए जाएंगे। चिंतित छात्रों और शिक्षकों ने कहा है कि यह कदम छात्रों को विशेष रूप से आरक्षित श्रेणियों से सम्मानित छात्रवृत्ति की मात्रा को कम करने केका इरादा से किया गया है।
Figure 1-Image Courtesy: The Telegraph
ऑब्जेक्टिव से सब्जेक्टिव करने की मांगमाँग है

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक राजेश झा, जो की कार्यकारी समीमिति के सदस्य हैं, विश्वविद्यालय के उच्चतम निर्णय लेने वाले निकाय है, उन्होंने टेलीग्राफ को बताया कि नेट में सुधार करने के लिए केवबल एक बदलाव आवश्यक है किकी  सब्जेक्टिव प्रकार के प्रश्नों को लागूगु किया जाए ।

झा ने कहा,"यूजीसी लगागतार पैटर्न बदल रहा है। लेकिन कॉस्मेटिक बदलावों का मतलब कुछ भी नहीं है। हर उम्मीदवार अलग है। शिक्षण कौशल और विषय ज्ञान के संदर्भ में उनको अंतर को ऑब्जेक्टिव प्रकार परीक्षण में वो दिखता नहीं है" ।
यूजीसी नेट एक ऑब्जेक्टिव-प्रकार का पेपर है। इसे सब्जेक्टिव प्रकार का बनाना शिक्षकों और छात्रों की एक लंबी मांगमाँग रही है। अफसोस की बात है, अब तक यह मांगमाँग पूरी नहीं हुई है | बल्कि चीजें इसके विपरीत तरीके से आगे बढ़ती दिखाई देती रही हैं।
इसके अलावा, परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए वर्तमान में उम्मीदवारों को तथ्यों और सूत्रों को याद रखने की आवश्यकता होती है जो सिखाए जाने वाले विषय से काफी असंबंधित हैं, और छात्रों के ज्ञान के लिए भी अप्रासंगिक है।
 
यह मूल रूप से चुने गए शिक्षकों के प्रकार को प्रभावित करता है, छात्रों को दिए गए निर्देशों का यह प्रारूप, और देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की समग्र गुणवत्ता और दिशा को प्रभावित करता है |

' फेडुका का फेडकूटा पे का सुधार पर दस्तावेज़' एक दिलचस्प घटना को इंगित करता है।
"फेडुका फेडकूटा [सेंट्रल यूनिवर्सिटीज फेडरेशन ऑफ फेडरल एसोसिएशन] आगे जोज़ोर देता है कि न केवल भारत सरकार की सिविल सेवाओं में पदों के लिए योग्यता की तुलना में एक शिक्षण स्थिति (मास्टर  स्नातकोत्तर स्तर पर कम से कम 55%) के लिए आवश्यक योग्यताएँएं अधिक हैं | उम्मीदवार को शिक्षण पेशे के लिए योग्यता की स्थिति को पूरा करने के लिए यूजीसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) को पास करना आवश्यक है। इसके अलावा, ज्यादातर मामलों में एम.फिल/ पीएच.डी. के रूप में उच्च डिग्री होना , किसी व्यक्ति को चुनने के लिए आवश्यक है। इसलिए, आज शिक्षण पेशे में प्रवेश की औसत आयु लगभग 30 वर्ष है और एक शिक्षक आमतौर पर 32-33 साल की उम्र में स्थायी रोजगार प्राप्त करता है | लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है |  उदाहरण के लिए, दिल्ली विश्वविद्यालय में 60% से अधिक शिक्षक अस्थाई (एड-होक) तौर पर कार्य कर रहे हैं। "

यूजीसी नेट नियमित रूप से परीक्षा आयोजित करने के संबंध में बहुत अविश्वसनीय रहा है, कभी-कभी साल में केवल एक बार परीक्षा आयोजित करता है ,और दूसरी बार इसे साल में दो बार आयोजित किया जाता है। अक्सर, अधिसूचनाएँएं महीने के अंत में आती हैं, और 2017 में, जुलाई में होने वाली परीक्षा उस साल नवंबर तकको स्थगित कर दी गई थी। इसने छात्रों के संगठनों के साथ-साथ शिक्षकों द्वारा इसकी आलोचना और विरोध प्रदर्शन किया गया ।

एक अन्य चिंता हहाल ही में यूजीसी विनियमन (2021 से प्रभावी हो रहा है ) में पीएचडी को प्रत्यक्ष रूप से सहायक प्रोफेसर और पदोन्नति के लिए अनिवार्य बना रही है | इसके अलांवा अलावा , कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के रूप में सीधी भर्ती में मास्टर्सडिग्री और नेट योग्यता (या पीएचडी) के मानदंडो को बरकरार रखा गया है , वैसे कॉलेजो में भी सहायक प्रोफेसर बनने के बाद पदोन्नति के लिए पीएचडी की आवश्यकता होगी |

UGC
NET exams
mandatory PHD
assistant professor
University

Related Stories

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  

नेट परीक्षा: सरकार ने दिसंबर-20 और जून-21 चक्र की परीक्षा कराई एक साथ, फ़ेलोशिप दीं सिर्फ़ एक के बराबर 

यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होगी प्रवेश परीक्षा, 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश खत्म

शिक्षाविदों का कहना है कि यूजीसी का मसौदा ढांचा अनुसंधान के लिए विनाशकारी साबित होगा

नगालैंड में AFSPA 6 महीने बढ़ा, नफ़रती कालीचरण गिरफ़्तार और अन्य ख़बरें

उत्तराखंड: असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती की शर्तों का विरोध, इंटरव्यू के 100 नंबर पर न हो जाए खेल!

बिहारः विश्वविद्यालयों-कॉलेजों के 25 हज़ार कर्मियों को चार माह से नहीं मिला वेतन, करेंगे आंदोलन

रचनात्मकता और कल्पनाशीलता बनाम ‘बहुविकल्पीय प्रश्न’ आधारित परीक्षा 


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License