NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एम जे अकबर को अंततः देना पड़ा इस्तीफ़ा
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ वाली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने आखिरकार दबाव में आकर इस्तीफ़ा दियाI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Oct 2018
M J Akbar
Image Courtesy: NDTV

#MeToo कैंपेन के दौरान 14 महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद आखिरकार पूर्व सम्पादक और विदेश मंत्री एम जे अकबर ने बुधवार को इस्तीफ़ा दे दियाI उन्होंने खुद पर सबसे पहले आरोप लगाने वाली महिला प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसकी पहली सुनवाई (18 अक्टूबर) से पिछले दिन ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया हैI

ANI ने अकबर का एक वक्तव्य जारी किया है जिसके मुताबिक वे अपना पद इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि अब वे व्यक्तिगत तौर पर न्यायालय में न्याय माँगने जा रहे हैं, ताकि अपने खिलाफ लगे इल्ज़ामों को चुनौती दे सकेंI

अकबर ने जब से यह मुकदमा दायर किया है तभी से उनके इस्तीफ़े की माँग और ज़ोर-शोर से उठ रही थीI मंगलवार को अकबर के साथ The Asian Age में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकार रमानी के समर्थन में सामने आयीं और कहा कि वे न्यायालय में गवाही देने के लिए तैयार हैंI तमाम पत्रकारों और महिला संगठनों के समर्थन के साथ रमानी ने बड़े ही हौंसले के साथ इस मुकदमे के बारे में कहा कि ‘सच ही उनका बचाव है’I कुछ पुरुष पत्रकार भी अपनी साथी महिला पत्रकारों के समर्थन में सामने आये हैंI

जब यह आरोप सोशल मीडिया में सामने आये थे तब अकबर देश में नहीं थे और कयास लगाये जा रहे थे कि जब वे दिल्ली लौटेंगे तो इस्तीफ़ा देंगेI लेकिन ऐसा नहीं हुआI यह बातें भी हुईं कि शायद मोदी सरकार ने उन्हें इस्तीफ़े के लिए नहीं कहा हैI हालांकि, तीन महिला कैबिनेट मंत्री- मेनका गाँधी, स्मृति इरानी और निर्मला सीतारमण- ने खुलकर अकबर पर आरोप लगाने वाली महिलाओं का समर्थन किया थाI

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मोदी सरकार यूँ तो महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन इस पूरे मामले में वे ख़ामोश रहेI इस वजह से महिला संगठनों, विपक्षी दलों और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने उन पर सवाल भी उठायेI मोदी सरकार की इस चुप्पी से साफ़ ज़ाहिर होता है कि महिला सुरक्षा उनके लिए ऐसा मुद्दा नहीं जिसके आधार पर वे किसी मंत्री की छुट्टी करेंI  

मोदी ने तो अपनी कैबिनेट में राजस्थान से सांसद निहाल चंद को शामिल किया और आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई हैI उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप है लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई हैI ऐसे और भी कई मामले भाजपा के नेताओं, सांसदों और विधायकों आदि पर हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होतीI

आरोपों की पुष्टि?

जिन महिला पत्रकारों ने अकबर के खिलाफ आरोप लगाये थे वे खुश हैं कि आखिरकार अकबर को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ाI

मानहानि का मुकदमा झेल रहीं प्रिया रमानी ने कहा है कि इससे उनके आरोपों की पुष्टि होती हैI

रमानी ने ट्वीट किया कि, “महिला होने के नाते हमें लगता है कि एम जे अकबर के इस्तीफ़े से हमारे आरोपों की पुष्टि होती हैI मैं उस दिन के इंतज़ार में हूँ जब मुझे न्यायालय में भी इन्साफ मिलेगाI”

पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर उनकी 'ब्रा का स्ट्रैप खींचने' का आरोप लगाया है, उनके मुताबिक सिर्फ इस्तीफ़े पर यह मामला खत्म नहीं होगाI 

अकबर ने रविवार को अपने खिलाफ आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एक वक्तव्य जारी किया थाI सुपर्णा शर्मा का कहना है कि, “वक्तव्य जारी करने की बजाये अकबर को भारत लौटते ही इस्तीफ़ा दे देना चाहिए थाI”

पत्रकार हरिंदर बवेजा, जिन्होंने भी अकबर पर आरोप लगाये थे, इंतज़ार कर रही हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी चुप्पी तोड़ेंगेI

(आईएएनएस के इनपुट सहित)

M J AKBAR
sexual harassment
sexual crimes
Modi Govt

Related Stories

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

मोदी सरकार 'पंचतीर्थ' के बहाने अंबेडकर की विचारधारा पर हमला कर रही है

लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा

ज्ञानवापी, ताज, क़ुतुब पर बहस? महंगाई-बेरोज़गारी से क्यों भटकाया जा रहा ?

तिरछी नज़र: ...ओह माई गॉड!


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License