NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
स्वतंत्रता दिवस को कमज़ोर करने एवं हिंदू राष्ट्र को नए सिरे से आगे बढ़ाने की संघ परिवार की योजना को विफल करें: येचुरी 
माकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का “फोकस 5 अगस्त को देश की वास्तविक स्वतंत्रता की तारीख के रूप में बढ़ावा देने पर है।"  
संदीप चक्रवर्ती
25 Feb 2022
Sitaram Yechury

कोलकाता : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेतृत्व वाली ताकतों द्वारा हिंदू राष्ट्र के निर्माण के नैरटिव को नए सिरे से बढ़ावा दिया जा रहा है, जो हमारे देश के स्वतंत्रता दिवस के महत्त्व को भी कमजोर करता है। 

बैंक कर्मचारी संघ (बीईएफआई) के संस्थापक महासचिव आशीष सेन की जयंती के इस अवसर पर बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए येचुरी ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर 5 अगस्त की तारीख को महत्त्व देकर स्वतंत्रता दिवस की तारीख 15 अगस्त की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। 5 अगस्त को वह एक 'बड़ा' दिन इसलिए बना रही है कि उस दिन ही जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया था। सरकार ने 5 अगस्त 2022 तक सेंट्रल विस्टा के निर्माण को पूरा करने का भी लक्ष्य रखा है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह काम तय अवधि में पूरा नहीं हो पाएगा। 

येचुरी ने कहा कि “सरकार का फोकस 5 अगस्त को देश की वास्तविक स्वतंत्रता की तारीख के रूप में बढ़ावा देने का है।”

उन्होंने कहा, “अभी, संविधान के मूल सिद्धांतों का दिन-प्रतिदिन उल्लंघन किया जा रहा है।” 

माकपा महासचिव येचुरी ने कहा कि "यदि आप ठोस परिस्थितियों का ठोस विश्लेषण करना चाहते हैं तो आपको 1920 के स्वतंत्रता संग्राम के वर्षों में वापस जाना होगा।" 

"स्वतंत्र देश होने के बाद भारत कौन सा मार्ग अख्तियार करे, इसके बारे में तीन दृष्टिकोण सामने आए थे। उस समय कांग्रेस ने देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए इस बात की वकालत की थी कि भारत को एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य होना चाहिए। दूसरी तरफ कम्युनिस्ट थे, जिन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य के आधार पर भारत की राजनीतिक स्वतंत्रता को आर्थिक स्वतंत्रता बनाने और समाजवाद की ओर बढ़ने के लिए और संघर्ष करना चाहिए। एक तीसरा दृष्टिकोण, जिन्ना और आरएसएस जैसे व्यक्तियों-संगठनों का था, जिन्हें राज्य के चरित्र को उन लोगों की धार्मिक संलग्नता के आधार पर तय करना था, जिनमें वे निवास करते हैं। जिन्ना ने उस दृष्टि से पाकिस्तान बनाया, लेकिन भारत में, विविधता में एकता की अवधारणा फिर भी कायम रही और महात्मा गांधी, अपने विशाल व्यक्तित्व के साथ, इन ताकतों के लिए भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के मार्ग में मुख्य अवरोधक बन गए थे।”

येचुरी ने कहा कि भारत को एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने में गांधी की भूमिका और उनके नेतृत्व को लेकर आजादी मिलने के तत्काल बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी, वर्तमान परिस्थिति उसी लगातार चल रही लड़ाई के रूप में हमारे सामने है।" 

माकपा महासचिव ने कहा कि “इस लड़ाई का नतीजा क्या होना चाहिए, यह हम सब पर निर्भर करता है। हिंदू राष्ट्र तभी बन सकता है जब देश के संविधान को कमजोर किया जाए।” 

येचुरी ने कहा कि वर्तमान शासन के तहत, "यूएपीए और देशद्रोह कानूनों के जरिए लोगों को उनके सामाजिक न्याय से वंचित किया जा रहा है, जिसके तहत कार्यकर्ता बिना मुकदमे के ही तीन साल से जेल में बंद हैं।"

देश की आर्थिक संप्रभुता पर येचुरी ने कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद जो हुआ, अब उसके ठीक विपरीत हो रहा है। बैंक के राष्ट्रीयकरण का विचार और इसका उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति तक बैंकिंग लेन-देन तक पहुंचना था। 

उन्होंने कहा,"पहली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय, मनरेगा जैसी योजनाओं को हाथ में लिया गया था, जिन्हें बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से जोड़ा गया था। अब, महामारी संकट के बाद भी, जब लोग गंभीर संकट में हैं, मनरेगा जैसी योजना में 25 फीसदी आवंटन कम कर दिया गया है।" 

माकपा महासचिव ने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद है कि विश्व स्तर पर अत्यधिक गरीबी में मजबूर होने वाले 60 फीसदी गरीबों में से अधिकाधिक भारत से थे। "हमारे देश की 67 फीसदी दौलत के महज 10 सबसे अमीर भारतीयों के पास है। ये असमानताएं हैं, जो अपने देश में उत्पन्न हो रही हैं…अगर इसे ठीक नहीं किया जाता है तो सरकार चलाने वाले लोगों को बदला जाना चाहिए”, उन्होंने कहा।

येचुरी ने यह भी कहा कि संघवाद को नकारा जा रहा है और यह आरोप लगाया कि "न्यायपालिका जैसे अंग संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और चुनावी बांड जैसे मुद्दों पर सुस्त बैठे हुए हैं। चुनावी बांड ने तो राजनीतिक व्यवस्था में कई अनसुनी भ्रष्ट प्रथाओं की घुसपैठ करा दी है।"

किसान आंदोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए येचुरी ने कहा: “किसानों को ऐतिहासिक संघर्ष ने सरकार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर किया और यह निश्चित रूप से किसानों की एक बड़ी जीत है।" 

उन्होंने आगाह किया कि “ये टुकड़े-टुकड़े के संघर्ष नहीं हैं, कृषि क्षेत्र के संघर्षों को मजदूर आंदोलन के साथ मिला देना चाहिए। इन प्रतिरोधों को उन्हीं ताकतों द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए रोका जाएगा।”

येचुरी ने बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारी आंदोलन के दिवंगत नेता आशीष सेन को अपनी श्रद्धांजलि दी और उनके साथ 1980 के दशक के जुड़ाव के बारे में बताया। 

सेन 1944 में भारतीय रिजर्व बैंक के कोलकाता कार्यालय में शामिल हुए और 1949 में उन्हें आरबीआई कर्मचारी संघ का सचिव चुना गया।

बाद में वह देश में बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारी आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक बन गए और बीईएफआई के संस्थापक सचिव भी थे। बाद में, वे राज्य सभा के सदस्य (1988-94) भी चुने गए। एक सांसद के रूप में वे हमेशा बैंक कर्मचारियों और मजदूर वर्ग के हित में मुखर रहते थे और उनसे संबंधित मुद्दों को उठाते थे। 

अंग्रेजी में मूल रूप से लिखे गए लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें 

Foil Sangh Parivar’s Plan to Undermine I-Day, Push Hindu Rashtra Narrative Anew: Yechury

Ashis Sen
Sitaram yechury
hindu rashtra
BEFI
Bank Nationalisation

Related Stories

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

क्यों मुसलमानों के घर-ज़मीन और सम्पत्तियों के पीछे पड़ी है भाजपा? 

महंत ने भगवानपुर में किया हनुमान चालीसा का पाठ, कहा ‘उत्तराखंड बन रहा कश्मीर’

अब भी संभलिए!, नफ़रत के सौदागर आपसे आपके राम को छीनना चाहते हैं

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

हिंदुत्व एजेंडे से उत्पन्न चुनौती का मुकाबला करने को तैयार है वाम: येचुरी

नफ़रत की क्रोनोलॉजी: वो धीरे-धीरे हमारी सांसों को बैन कर देंगे

बीजेपी का पाखंड: सेकुलर स्कूलों में हिजाब से दिक़्क़त, लेकिन गीता का स्वागत

पूंजीवाद के अंतर्गत वित्तीय बाज़ारों के लिए बैंक का निजीकरण हितकर नहीं

साल 2021: भारत के 'तालिबानीकरण' की परियोजना सरकारी शक्ल लेती दिखी!


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License