आज जब मीडिया कुछ विशेष लोगों के हाथों की कठपुतली बन चुका है, एक कठपुतली ने सोचा कि वो ही मीडिया बन जायेI
माता बनाकर सामाजिक बँटवारे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाय खतरे में है?
जंतर मंतर पर बिखरे कूड़े के ढेर में पड़े अख़बारों से जन्मी गऊ पत्रकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में घूमकर जानने की कोशिश की कि कैसे उनके समुदाय का दुरुपयोग राजनीतिक फायदे और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा हैI
गऊ पत्रकार ने आम लोगों से बात कर यह समझने का प्रयास किया कि देश में गाय के नाम पर क्या-क्या हो रहा है!
आज जब मीडिया कुछ विशेष लोगों के हाथों की कठपुतली बन चुका है, एक कठपुतली ने सोचा कि वो ही मीडिया बन जाये I
माता बनाकर सामाजिक बँटवारे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाय खतरे में है?
जंतर मंतर पर बिखरे कूड़े के ढेर में पड़े अख़बारों से जन्मी गऊ पत्रकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में घूमकर जानने की कोशिश की कि कैसे उनके समुदाय का दुरुपयोग राजनीतिक फायदे और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है I
गऊ पत्रकार ने आम लोगों से बात कर यह समझने का प्रयास किया कि देश में गाय के नाम पर क्या-क्या हो रहा है!
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