NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
‘गुरुग्राम के वाहन कारखानों में हर साल दुर्घटना का शिकार होते हैं हजारों श्रमिक’
हर साल गुरुग्राम के वाहन कारखानों में हजारों श्रमिक दुर्धटना में अपने हाथ और उंगलियां खो देते हैं। देशभर के कारखानों में यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है
भाषा
12 Aug 2019
factories accidents
image courtesy: hindustan times

गुरुग्राम के वाहन कारखानों में काम करने वाले हजारों श्रमिक हर साल विभिन्न तरह की दुर्घटना का शिकार होते हैं। यह दावा एक कर्मचारी कल्याण समूह ने किया है। इस संबंध में उसने एक रपट जारी की है।

 द सेफ इन इंडिया फाउंडेशन (एसआईआई) ने रविवार को ‘क्रश्ड’ रपट जारी की। इस रपट को 1,300 दुर्घटना में घायल कर्मचारियों के वास्तविक अनुभव पर तैयार किया गया है।

इस मौके पर श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अपने संबोधन में कहा कि कारखानों में परिचालन संस्कृति को और अधिक पेशेवर एवं आधुनिक बनाया जा रहा है।

एसआईआई के अनुसार हालांकि, बड़ी वाहन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा नीतियां बनायी हुई हैं। लेकिन इन कंपनियों को कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाले कारखानों को अपनी सुरक्षा नीतियां सुदृढ़ करने की जरूरत है।

रपट में दावा किया गया है कि हर साल गुरुग्राम के वाहन कारखानों में हजारों श्रमिक दुर्धटना में अपने हाथ और उंगलियां खो देते हैं। देशभर के कारखानों में यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है।

रपट में कहा गया है कि इनमें अधिकतर श्रमिक युवा, दूसरे राज्यों से आए हुए और अनुबंध पर काम करने वाले होते हैं। इसमें अधिकतर संख्या दोपहिया और कार कंपनियों को कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाले कारखानों में काम करने वाले कामगारों की होती है।

इसमें कहा गया है कि इन कारखानों में कम लागत पर उत्पादन करने का दबाव होने और सुरक्षा संस्कृति की कमी को देखते हुये बड़ी संख्या में कर्मियों के साथ दुर्घटना होती है।

रिपोर्ट को गुरुग्राम के मंडलीय आयुक्त अशोक सांगवान ने जारी किया। इसमें समस्या के समाधान भी दिये गये हैं और विनिर्माताओं तथा सरकार से कार्रवाई करने को कहा गया है।

कारखानों में दुर्घटना का शिकार हुये इन 1,300 कर्मचारियों की सहायता एसआईआई ने की। आईआईएम अहमदाबाद के छात्र रहे तीन लोगों ने 2015 में इसकी शुरुआत की और ईएसआईसी से इन कर्मचारियों की स्वास्थ्य देखभाल करने के साथ ही मुआवजा भी दिलाया।

worker
worker safety
auto sector
Gurugram
workers right
the safe in india foundation
India

Related Stories

एमएसपी कृषि में कॉर्पोरेट की घुसपैठ को रोकेगी और घरेलू खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी

गुड़गांव पंचायत: औद्योगिक मज़दूर एंव किसानों ने लेबर कोड्स और कृषि कानूनों का विरोध

गुड़गांव पंचायत : औद्योगिक मज़दूर, किसान आए एक साथ, कहा दुश्मन सांझा तो संघर्ष भी होगा सांझा!

भारत में भूख की अंतहीन छाया

हरियाणा के मानेसर में प्रवासी मजदूर संकट में 

रिवर्स माइग्रेशन: महामारी के साल भर बाद भी मज़दूरों को सरकारों पर नहीं हुआ विश्वास!

खनन कानून: क्या केंद्र प्रचुर खनिज संपदा वाले राज्यों की शक्तियां छीनेगा?

काम की स्थिति और शर्तों पर नया कोड  : क्या कार्य सप्ताह में चार या छह दिन होने चाहिए?

सबको जाननी चाहिए यह कहानी: बेगूसराय के लोगों ने कैसे शुरू किया था श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में राहत अभियान

भट्ट कैंप: बजबजाती नालियों में डूबता विकास


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License