NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हिंसा ने बनाया राज्य के पंचायत चुनावों को दागदार
पश्चिम बंगाल में बुनियादी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रहार!
एस. एम. सेराज अली
18 May 2018
West Bengal

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों ने भारतीय लोकतंत्र पर गहरा धब्बा लगाया है. अब जबकि पंचायत चुनावों के वोटों की गिनती की तारीख करीब आ रही है, राज्य में हुई चुनावी हिसा में अबतक कुल 23 लोग मारे गये हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं.

राज्य के 19 जिलों में कड़ी सुरक्षा के बीच पुनर्मतदान के आदेश दिए जा चुके हैं, और हिंसा अभी भी जारी है. एएनआई के एक वीडियो में मालदा जिले के रतुआ क्षेत्र में अपराधियों को हथियार लहराते हुए एक मतदान केंद्र पर कब्ज़ा जमाते हुए देखा गया.

पुनर्मतदान से पूर्व, व्यापक रूप से हिंसा और बूथ - कब्ज़ा की घटनायें हुईं. मुर्शिदाबाद में, आपसी झड़पों के बाद मतपत्रों को एक तालाब में फेंक दिया गया जिसकी वजह से वहां मतदान रोकना पड़ा.

इससे कुछ घंटे पहले, दक्षिणी 24 परगना जिले के नामखाना गांव में एक सीपीएम समर्थक और उसकी पत्नी को उनके घर में जिंदा जला दिया गया.

एक अन्य मतदान केंद्र पर, तृणमूल कांग्रेस के एक मंत्री को एक विपक्षी उम्मीदवार, जिसे उन्होंने बाद में भाजपा का ‘एजेंट’ करार दिया और उसपर बूथ – कब्ज़ा करने का आरोप लगाया, को थप्पड़ मारते हुए तस्वीरों में कैद किया गया.

इसके कुछ ही देर बाद, साधनपुर अम्दांगा में हुए एक बम विस्फोट में 20 लोग घायल हुए.

द सिटिज़न से बात करते हुए पश्चिम बंगाल के विधि एवं न्याय मंत्री मलय घटक ने कहा, “बगैर किसी विश्वसनीय सूचना के मैं भी प्रतिक्रिया नहीं दे पाऊंगा. टेलीविज़न समाचारों में 2 – 5 बूथों के बारे में दिखा रहे हैं और उसे ही बार – बार दोहरा रहे हैं. जबतक हम पुष्टि न कर लें, हम कुछ नहीं कर सकते. कुल 572 बूथों के बारे में शिकायतें थीं, वहां पुनर्मतदान कराया जा रहा है. पुनर्मतदान हो जाने दीजिए, हमें विश्वसनीय सूचना हासिल कर लेने दीजिए, उसके बाद ही हम प्रतिक्रिया दे पायेंगे. हम किसी तस्वीर या अख़बार की ख़बर पर प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त कर सकते.”

हालांकि, द सिटिज़न के साथ एक बातचीत में सीपीएम के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सलीम ने बताया, “यह पंचायत चुनावों के वोटों का एक अभूतपूर्व एवं संगठित लूट था, जोकि लोकतांत्रिक संस्थाओं को ध्वस्त कर देने के लिए पर्याप्त था. मुख्यमंत्री के सनक को पूरा करने के लिए नामांकन से लेकर पुनर्मतदान की प्रक्रिया तक पुलिस एवं चुनाव आयोग की शह पर संगठित अपराधियों का बोलबाला रहा. सरकार इससे इंकार कर रही है क्योंकि उसने उन सभी लोगों को सलाखों के पीछे कैद कर रखा है, जो इन प्रयासों का या तो विरोध कर रहे थे या उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे.”

उन्होंने आगे कहा, “पुनर्मतदान का आदेश भी सिर्फ उन्हीं इलाकों में दिया गया है जहां तृणमूल कांग्रेस वोट पाने में असफल रही है, न कि उन इलाकों में जहां मांग की जा रही थी. हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, लेकिन उनकी हरकतों का विरोध करने वालों को पुलिस द्वारा झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है.”

हिंसा के माहौल में होने वाला कोई चुनाव भला कितना प्रासंगिक होगा?

सुप्रीम कोर्ट के वकील अभीक चिमनी ने बताया, “इस बारे में कानून बहुत स्पष्ट है. किसी चुनाव में बूथ – कब्ज़ा या धमकाने की घटना होने पर जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 100 के तहत उसे अवैध घोषित किया जा सकता है.”

मोहम्मद सलीम ने कहा, “ पश्चिम बंगाल की जनता राजनीतिक रूप से जागरूक है और वो लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन को सहन नहीं करेगी और उसका विरोध करेगी. पंचायती संस्थाओं को यहां ध्वस्त किया जा रहा है. राज्य चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन से लोगों का भरोसा उठ गया है.”

Courtesy: The Citizen,
Original published date:
17 May 2018
West Bengal
panchayat polls
communal violence

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया

मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF

जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार

‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

बिना अनुमति जुलूस और भड़काऊ नारों से भड़का दंगा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License