NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा मेयर चुनाव : क्या दो मशीनों के जोड़ ने जिताया भाजपा को?
माकपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम संबोधित एक ज्ञापन पर्यवेक्षक को सौंपा जिसमें बदइंतजामी और धांधलियों को ठोस रूप में सबूतों सहित रखा और पुन: मतदान कि मांग की।

मुकुंद झा
19 Dec 2018
हरियाणा निकाय चुनाव

हरियाणा के पांच नगर निगम हिसार, रोहतक, करनाल, यमुनानगर और पानीपत के चुनाव परिणाम आज आ गए हैं। इस चुनाव में भाजपा जीती है लेकिन इस  चुनाव के शुरुआत से ही चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे थे और वो चुनाव के दिन तक बने रहे। 

यहाँ ये बताना आवश्यक है कि स्थानीय निकाय चुनाव सीधे मुख्य चुनाव अयोग नहीं करता है बल्कि इन चुनावों  को राज्य चुनाव आयोग करता है और राज्य सरकार पर यह जिम्मेदारी होती है कि वो चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराये परन्तु हरियाणा के स्थनीय चुनावों में सत्ताधारी भाजपा पर ही धांधली करने व आचार संहिता को तोड़ने का आरोप लग रहा है। चुनावों में धांधली को लेकर माकपा ने पुन:मतदान की मांग की है।

चुनाव के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जिन्हें लेकर बड़े सवाल हैं। जैसे शिकायत आई कि दो ईवीएम मशीनों को एक साथ जोड़ दिया गया है। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब नहीं मिला। साथ ही कई जगह लोगों का कहना था कि मेयर पद के लिए वोट डालने के बाद बीप की आवाज नहीं आ रही थी जबतक कि वो पार्षद को वोट न डाले। इससे इन सवालों को मजबूती मिलती है कि कोई गड़बड़ की गई है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में अन्य राजनीतिक दलों, एक निर्दलीय उम्मीदवार सहित सिविल सोसायटी के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल रोहतक में कल 18 दिसंबर को चुनाव पर्यवेक्षक बीजेन्द्र सिंह से मिला और 16 दिसंबर को हुए नगर निगम चुनाव में हुई अनियमितताएं, धांधलियां और बदइंतजामी बारे एक ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल में माकपा मेयर प्रत्याशी डॉ. जगमति  सांगवान, माकपा राज्य सचिव सुरेन्द्र सिंह, निर्दलीय मेयर प्रत्याशी अनिल भाटिया, नागरिक मंच के कैप्टन शमशेर सिंह मलिक, दो जमा पांच मुद्दे अभियान के रोहतास सिंहमार, एडवोकेट सतबीर हुड्डा, स्वराज इंडिया की रेणु यादव, डॉ. संतोष मुदगिल शामिल थे।

इस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम संबोधित एक विस्तृत ज्ञापन पर्यवेक्षक को सौंपा जिसमें बदइंतजामी और धांधलियों को ठोस रूप में सबूतों सहित रखा था।

इस चुनाव कि निष्पक्षता पर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?

इस चुनाव के निष्पक्षता पर कई सवाल हैं परन्तु मुख्य सवाल जो विपक्ष व आम जनता सरकार से पूछ रही है। वो हैं-

दो वोटिंग मशीनों को आपस में जोड़े जाने की प्रणाली

हरियाणा में पांच शहरों में मेयर के साथ ही स्थनीय पार्षदों के लिए चुनाव हुए थे। इसके लिए दो ईवीएम को जोड़ दिया गया था। इसको लेकर मतदाताओं में भारी असमंजस दिखा क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चल पा रहा था कि उन्हें अपना वोट कैसे डालना है। साथ ही इसे किस तकनीक से जोड़ा गया इसको लेकर भी प्रश्न खड़े किये जा रहे थे। 

न्यूज़क्लिक ने इस बारे में इस क्षेत्र के विशेषज्ञ से बात कि उन्होंने बताया कि ईवीएम कैसे जोड़ी जा सकती है यह कह पाना मुश्किल है क्योंकि आम तौर पर जब किसी निर्वाचन क्षेत्र में अधिक उम्मीदवार  होते हैं तब दो मशीनों को जोड़ा जाता है परन्तु वो एक ही पद के उम्मीदवार होते हैं, परन्तु हरियाणा में जो हुआ है वहां दो अलग-अलग  पद के उम्मीदवार थे। उनकी मशीन को कैसे जोड़ा जा सकता है ये सवाल है इसका जबाब चुनाव अधिकारियों को देना चाहिए।

माकपा सचिव सुरेन्द्र सिंह ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि दो वोटिंग मशीनों को आपस में जोड़े जाने की प्रणाली ने जिन धांधलियों का रास्ता खोला उस पक्ष पर पर्यवेक्षक महोदय ने भी सैद्धांतिक तौर पर माना कि माकपा ने मतदान के दिन सवेरे उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया था और वास्तव में इस पद्धति में मतदाता के विचलित होने की संभावनाएं हैं।

आगे सुरेन्द्र ने बताया कि  चुनाव पर्यवेक्षक ने ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया है कि वे अपनी रिपोर्ट लिखित में चुनाव आयोग को भेज देंगे।

“रोहतक में भाजपा के मेयर पद उम्मीदवार जो एक डिफाल्टर है उनका नामांकन कैसे स्वीकार हुआ?”

 

हरियाणा नगर निगम अधिनियम 2016 संशोधन के मुताबिक  किसी प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाइटी, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक  का बकाया चुकाने में असफल और बिजली बिलों का बकाया चुकाने में भी असफल व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता है परन्तु  भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार पर बिजली बिलों के भुगतान न करने का आरोप था फिर भी उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया  है | इसको लेकर  भाजपा उम्मीदवार ने सफाई दी कि उन्हें न्यायलय से स्टे मिला है जिसको लेकर भी विपक्ष ने सवाल किये।

माकपा ने भाजपा प्रत्याशी का नामांकन गैर कानूनी और अवैध तौर पर स्वीकार किये जाने का आरोप लगाते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। माकपा नेता के मुताबिक बिजली बिलों के डिफाल्टर द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र जमा किये बिना उसका नामांकन पत्र स्वीकार करके रिटर्निंग अफसर व राज्य चुनाव आयोग ने घोर पक्षपात का परिचय दिया है, जबकि माकपा ने नामांकन के बाद ही इस तथ्य से चुनाव अधिकारियों को अवगत करा दिया था कि भाजपा के प्रत्याशी डिफाल्टर है  इस पर चुनाव अयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कि गई जो उसके निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं।

 “अगर किसी ने एक पद के लिए वोट दिया तो उसका वोट अमान्य कर दिया गया”        

लोकतंत्र में ये वोटर का अधिकार है वो किसे वोट करे या न करे। इसके साथ उसका यह भी अधिकार है वोट ही न करे लेकिन हरियाणा के स्थनीय चुनावों में मेयर पद पर वोट डालने के बाद बीप की आवाज नहीं आ रही थी जब तक वो पार्षद को वोट न डाले। डॉ. सांगवान के चुनाव एजेंट इंद्रजीत सिंह ने कहा कि “इसका मतलब है कि यदि एक मतदाता ने केवल मेयर चुनाव के लिए बटन दबाया और उसने  पार्षद के लिए वोट नहीं किया है तो  उसका वोट पंजीकृत नहीं होगा, जो मतदान प्रक्रिया में गंभीर चूक है।”

चुनाव आचार सहिंता का मज़ाक बना!

सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो चल रहे हैं जिसमें साफ दिख रहा कि कैसे बूथ के भीतर लोग खड़े होकर बात रहे हैं कि किसे वोट डालना है।  यहाँ तक कि मशीन के पास खड़े होकर उनके लिए बटन भी दबा रहे हैं। कई जगह लोगों का कहना था कि जानबूझकर दल विशेष के लोगों के हाथ पर स्याही नहीं लगा रहे थे जिससे वो फर्जी वोट डाल सकें।

जगमती सांगवान ने कहा कि यह हमारे दावों को और अधिक साबित कर रहे  हैं। एक आधिकारी स्पष्ट रूप से मतदाताओं को बताता रहा  कि कौन सा बटन दबाए जाए। उन्होंने कहा कि हम इन वीडियो को चुनाव पर्यवेक्षक के पास भी जमा करेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने कहा की “कुछ बूथों पर भी मतदान में पूरी तरह जाँच होनी चाहिए। वोटिंग हमारा सबसे बुनियादी अधिकार है और हमें किसी भी राजनीतिक दल  को इसका मजाक नहीं बनाना देना चाहिए”।

“द ट्रिब्यून” के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयुक्त दिलीप सिंह ने कहा कि मामले की जांच होगी। साथ ही उन्होंने माना कि इस चुनाव में कुछ खामी थी। उन्होंने कहा, "मतदाताओं के बीच व्यापक भ्रम था और संबंधित अधिकारियों को बहु-पद ईवीएम के कामकाज के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए थी जो काम ठीक से नहीं हुआ है।"

 

 

Haryana
haryana civic polls results
BJP
EVM controversy
EVM manipulation
CPI(M)

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License