NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
हरियाणा: निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों का अनशन जारी, प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग 
हरियाणा के झज्जर में एक निजी मेडिकल कॉलेज के छात्र पिछले एक हफ़्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Sep 2019
medical college protest

हरियाणा के झज्जर में एक निजी मेडिकल कॉलेज के छात्र पिछले एक हफ़्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। धरने के छठे दिन यानी 7 सिंतबर को एवं आमरण अनशन का पांचवां दिन है। अनशन पर बैठे दो छात्र योगिता और नीरज अस्पताल में भर्ती हैं, नीरज की स्थिति अभी भी गंभीर है। इन दोनों की स्थिति इतनी ख़राब थी कि इन्हे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। योगिता या नीरज से मिलने कोई भी प्रशासनिक या कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं गए। इससे वहां के छात्रों में और भी ग़ुस्सा है।

अब छात्रों के इस आंदोलन को कई अन्य छात्र संगठनों ने भी अपना समर्थन किया, शुक्रवार को एसएफ़आई के राज्यसचिव विनोद गए और अपना समर्थन दिया। इसके अलावा वकीलों के संगठन आईएलयू झज्जर, कई अन्य जन-संगठन और कई पंचायतों ने भी अपना खुला समर्थन दिया है।

ओमप्रकाश धनकर और उनके साथियों पर छात्राओं के साथ मारपीट की

इतने दिनों से धरने पर बैठे छात्रों से मिलने या बात करने प्रशासन या सरकार का कोई भी आदमी नहीं गया है। शुक्रवार को अचानक से हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनकर अपने कुछ समर्थकों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। जिसके बाद छात्रों ने ओमप्रकाश धनखड़ और उनके साथियों पर छात्राओं के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की का आरोप लगाया। छात्रों ने कहा कि उन्होंने हमें डराया और कहा कि मैं अभी इसी समय तुम्हारा धरना ख़त्म कर दूंगा।

मंत्री और उनके साथियों के इस ग़लत रवैये की शिकायत छात्रों ने पुलिस को भी की और साथ में एक चिट्ठी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया, गवर्नर हरियाणा, मुख्यमंत्री हरियाणा, नेशनल विमन कमिशन और नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन को भी लिखी है।

ओम प्रकाश धनकर हरियाणा के कृषि मंत्री की इस हरकत को छात्रों ने सर्कस बताया और कहा इससे एक बात तो तय हो गई कि हरियाणा सरकार का नारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' मात्र एक जुमले से ज़्यादा कुछ नहीं है।

आपको बता दें कि योगिता और नीरज की तबीयत ख़राब होने के बाद उनका स्थान अंशुल और विकास ने ले लिया है।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा, "कोई भी कॉलेज खुलने से पहले राज्य सरकार उसमे दाख़िल हुए छात्रों की ज़िम्मेदारी लेने का घोषणा पत्र भारत सरकार को देता है, उसे Essentiality सर्टिफ़िकेट कहते हैं। परंतु हरियाणा सरकार पिछले 3 साल से अपनी ज़िम्मेदारियों से भागती आ रही है। हम आप सब से यह पूछना चाहते हैं कि क्या आप या नेताओं में से कोई भी नेता हमारे जैसे बने हुए डॉक्टरों के पास इलाज करवाना चाहेंगे?"

वर्ल्ड कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की वैधता मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने ख़ारिज़ कर दी है। इस कॉलेज की शुरुआत 2016 से हुई, 2016 में यहां 150 बच्चों का दाख़िला हुआ। इसके बाद अगले 3 सालों में यहां दाख़िला नहीं हुआ। इस बार 2016 में जिन छात्रों ने एडमिशन लिया था उनकी भी मान्यता रद्द कर दी गई है। एमसीआई द्वारा 31 मई 2019 को जारी रिपोर्ट में इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के रिनुअल पर भी रोक लगा दी है। इसके साथ ही एमसीआई ने किसी नए एडमिशन पर भी रोक लगा दी है।

ये सभी छात्र वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज झज्जर हरियाणा के MBBS कोर्स के हैं। इन्होंने इससे पहले जंतर मंतर दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। यह कॉलेज आज तक एक बार भी मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा कराए गए एक भी निरीक्षण को पास नहीं कर पाया है। पिछले 3 साल से छात्रों पढ़ाने के लिए ना तो कोई डॉक्टर मौजूद हैं ना ही वहां पर क्लीनिकल शिक्षा के लिए कोई मरीज़ उपलब्ध है।

कॉलेज ने एक अख़बार की रिपोर्ट में यह दावा किया है कि उनके पास फ़ैकल्टी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने इस बाबत एक लिस्ट भी जारी की थी। लेकिन इस लिस्ट पर सवाल करते हुए अनशन पर बैठे छात्र अंशुल ने कहा, "जिन फ़ैकल्टी के नाम दिए हैं उस संबंध में हम आपको बताना चाहते हैं कि एमबीबीएस के कोर्स के लिए कुल 18 विषय होते हैं जिनमें प्रत्येक विषय को पढ़ाने के लिए के 8 से 10 डॉक्टर फ़ैकल्टी की ज़रूरत होती है, जबकि अख़बार के हवाले से ही छापी गई ख़बर में कॉलेज ने केवल 3 डॉक्टर के नाम दिए हैं।"

मोटी फ़ीस के बावजूद छात्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित

यह आम बात है और हर कोई जानता है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज छात्रों से कितनी मोटी फ़ीस वसूली जाती है। इसको लेकर समय-समय पर कई मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन भी किया है। लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकलता क्योंकि ये सभी मेडिकल कॉलेज बहुत ही अमीर और ऊंची पहुँच वाले लोगों के होते हैं। झज्जर के इस कॉलेज में तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले नीरज ने कहा, "कॉलेज की भारी-भरकम फ़ीस देकर और इतनी लंबी लड़ाई लड़कर हमारे घरवालों का सब कुछ दांव पर लग गया है इसलिए थक हार कर अब हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है जिसके चलते हम इच्छा मृत्यु चाहते हैं।"

एक अन्य छात्र विकास ने कहा, “हम 3 सालों में लगभग 30 लाख रुपए दे चुके हैं। इसके बावजूद हमें नहीं पता हमारा क्या होगा। हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है। अब आप ही बताएँ हम अपनी जान क्यों न दें?”

छात्रों ने अपील की है और कहा है कि हम इस समाज से और इस देश से माफ़ी चाहते हैं, और हम राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री से और तमाम समाज से इच्छा मृत्यु की गुहार करते हैं। 

इसे भी पढ़े:हरियाणा: निजी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने इच्छा मृत्यु के लिए आमरण अनशन शुरू किया

छात्रों की ऐसी अपील हमारी सरकारों और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जिन को समाज का इलाज करना था, और लोगों की ज़िंदगी बचानी थी, वो आज ख़ुद के लिए मौत मांग रहे हैं, लेकिन सवाल है क्यों? और इसका जबाब कोई नहीं दे रहा है!

Haryana
Private Medical College
Student Protests
death demanded from the Prime Minister
Narendra modi
Amit Shah
haryana govt.
MBBS

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

उत्तराखंड : हिमालयन इंस्टीट्यूट के सैकड़ों मेडिकल छात्रों का भविष्य संकट में

छत्तीसगढ़ : युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों ने अपने दु:खद अनुभव को याद किया

यूपी चुनाव : छात्र संगठनों का आरोप, कॉलेज यूनियन चुनाव में देरी के पीछे योगी सरकार का 'दबाव'

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

डीयू: कैंपस खोलने को लेकर छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने को एक महीना पूरा

उत्तराखंड: NIOS से डीएलएड करने वाले छात्रों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनुमति नहीं


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License