NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अर्थव्यवस्था
हुआवेई प्रतिबंध: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और तकनीक का युद्ध जारी
सवाल यहाँ आकर ठहरता है कि अमेरिका अपनी एवम चीन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार दोनों को अपूरणीय क्षति पहुँचने से पहले चीन के साथ कब तक यह कायरता भरा खेल खेलता रहेगा।
प्रबीर पुरकायस्थ
08 Jun 2019
Translated by महेश कुमार
हुआवेई प्रतिबंध

हुआवेई पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों ने अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुए व्यापार युद्ध को एक पूर्ण तकनीक युद्ध में बदल कर रख दिया है। अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के चीनी माल पर 10-25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ़ लगाते हुए, चीनी टेलीकॉम और मोबाइल निर्माता दिग्गज को "एंटिटीज़ लिस्ट" में डाल दिया है, जो प्रभावी तौर पर एक प्रतिबंध सूची ही है। यह उन सभी कंपनियों को व्यापार करने के लिए मना करती है जो इसके साथ व्यापार में संलग्न होने के लिए अमेरिका की सामग्री रखते हैं। हुआवेई पर अमेरिकी प्रतिबंधों को पूरी तरह से लागू करने से पहले तीन महीने की "छूट" की अवधि होगी। दूसरी तरफ़ चीन ने भी बदले की कार्यवाही करते हुए 60 अरब अमेरिकी डॉलर के अमेरिकी माल आयात पर टैरिफ़ लगा दिया है और अब विभिन्न अमेरिकी कंपनियों को "अविश्वसनीय साझेदार सूची" में रखने की धमकी दे दी है जिससे चीनी कंपनियों को अमेरीकी कंपनियों से हार्डवेयर ख़रीदने के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।
ट्रम्प के ट्वीट का जवाब देते हुए और काफ़ी सख़्त रवैया इख़्तियार करते हुए चीनी मीडिया ने कहा कि, "यदि अमेरिका व्यापार युद्ध चाहता है, तो इसके लिए चीन पूरी तरह से तैयार है।"

यदि हम अग्रणी तकनीकी क्षेत्रों की बात करें जिसमें दूरसंचार और कंप्यूटर/स्मार्ट फ़ोन आते हैं, तो चीन ने अमेरिका को इन उपकरणों के निर्माता के रूप में काफ़ी पीछे छोड़ दिया है। यहाँ तक कि एप्पल जो प्रतिष्ठित स्मार्टफ़ोन और पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माता है, उसे भी चीन से निर्मित उपकरण लेने पड़ते हैं। एप्पल के पूर्व सीईओ टिम कुक ने इस बारे में स्पष्ट किया कि ऐसा क्यों है। उन्होंने कहा, "चीन बहुत ही उन्नत क़िस्म का विनिर्माण क्षेत्र है, इसलिए आपको चीन में शिल्पकार का कौशल, विवेक से भरपुर परिष्कृत रोबोटिक्स और कंप्यूटर विज्ञान की अलग ही दुनिया मिलती है। हमारे लिए, नंबर एक आकर्षण लोगों की गुणवत्ता है।"

दूरसंचार के क्षेत्र में, यूरोपीय कंपनियाँ नोकिया और एरिक्सन अभी भी प्रमुख विनिर्माण खिलाड़ी हैं, इसके साथ ही दो चीनी दूरसंचार कंपनियाँ हुआवेई और ज़ेडटीई भी हैं जो इस दौड़ में शामिल हैं। लेकिन अमेरिका के पास ऐसा कोई निर्माता नहीं है जो इन चारों का मुक़ाबला कर सके। स्मार्टफ़ोन में, हालांकि ऐप्पल बाज़ार की हिस्सेदारी के मामले में, राजस्व और मुनाफ़े के मामले में, सबसे आगे है, लेकिन बेचे जाने वाले स्मार्टफ़ोन की संख्या के मामले में यह सैमसंग, जो कि एक कोरियाई दिग्गज कंपनी है और हुआवेई के बाद अब तीसरे स्थान पर आ गया है।

बेचे गए स्मार्टफ़ोन्स की संख्या ही केवल एक ऐसा उपाय है जो तय करता है कि कौन बाज़ार का नेतृत्व करता है। नीचे दी गई तालिका से पता चलता है कि एप्पल, जिसे बाज़ार में हिस्सेदारी में हुआवेई द्वारा नंबर तीन स्थान पर धकेल दिया गया है, अभी भी राजस्व और मुनाफ़े में सैमसंग और हुआवेई दोनों से काफ़ी आगे है।

तालिका: पहली छ्माई 2019 में बेची गई इकाइयां, राजस्व, लाभ

विनिर्माता  संख्या लाखों में  राजस्व अरब डॉलर में  लाभ अरब डॉलर में 
सैमसंग  71.9 44.7 5.3
हुआवेई 59.1 26.8 2.1
एप्पल 36.4 58 11.6

(ज़ेडनेट 6 मई 2019 और आईडीसी 30 अप्रैल 2019 से संकलित) 

5जी तकनीक में, हुआवेई स्पष्ट रूप से बाज़ार का नेता है, इसमें 5जी नेटवर्क का समाधान देने की क्षमता है। इसके यूरोपीय प्रतियोगी, एरिक्सन और नोकिया, अभी भी इससे कम से कम एक या दो साल पीछे हैं। जबकि अमेरिकी विक्रेता जैसे क्वालकॉम, इंटेल और हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज़ भी इस दौड़ में शामिल हैं, उनमें से किसी के भी पास 5जी समाधान पूरा नहीं है - नेटवर्क से लेकर 5जी स्मार्टफ़ोन तक।

तो, ऐसा क्या है जो हुआवेई और अन्य चीनी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के लिए प्रेरित करता है, वह यह कि इनके पास अधिक उन्नत आपूर्ति श्रृंखला होने के अलावा, कुशल कार्यबल और ऐसी कंपनियाँ हैं जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठता के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखती हैं!

हुआवेई पर लगे प्रतिबंध यह प्रदर्शित करते हैं कि अमेरिका और उसके सहयोगी अभी भी दो प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर हावी हैं। समस्या है कि हुआवेई, और पूरा चीनी दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र अमेरिकी सॉफ़्टवेयर पर निर्भर है, इसमें एंड्रॉइड पारिस्थितिकी तंत्र और चिपसेट डिज़ाइन है जिसमें अमेरिकी कंपनियों और संस्थानों के पास बौद्धिक संपदा अधिकार सुरक्षित है।

प्रारंभ में, यह परिकल्पना की गई थी कि हुवेई को गुगल के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जो दुनिया में बड़ी संख्या में स्मार्टफोन चलाता है। एंड्रॉइड कर्नेल लिनक्स के एक खुले स्रोत संस्करण पर आधारित है, और इसलिए हुवेई संस्करण को बनाना अपेक्षाकृत आसान है। समस्या यह है कि गुगल ने जानबूझकर एक एंड्रॉइड पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है जो गुगल क्लाउड का प्रमुख घटक हैं। हमारे फोन की मुख्य निर्भरता एंड्रॉइड-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है, बल्कि गुगल क्लाउड के वे घटक हैं जिन्हें हमें इसके प्ले स्टोर से एप्लिकेशन के रुप में डाउनलोड करने की आवश्यकता होती है। गुगल ने एक निजी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है, जहाँ से यदि किसी कंपनी को वर्जित किया जाता है, तो उसे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से बनाना पड़ता है।

ऐसा नहीं कि ऐसा नहीं किया जा सकता है। एप्पल ने भी ठीक ऐसा ही किया था। अमेज़न एक समान पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की प्रक्रिया में है। हुआवेई भी ऐसा कर सकती है, और सभी चीनी निर्माताओं ने अपने फ़ोन पर सोशल मीडिया और खोज इंजन अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न ग़ैर-यूएस आधारित एप्लिकेशन पहले ही शामिल कर लिए हैं जो चीन में काम करते हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में, इसके किसी आकर्षक समाधान होने की संभावना नहीं है। इसलिए, निकट भविष्य में, इससे पहले कि वह एप्पल के समान एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर पाए, हुआवेई बाज़ार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खो सकती है।

हार्डवेयर के प्रतिबंध का प्रभाव हुआवेई के लिए बहुत अधिक गंभीर मुद्दा है। इसके पास एक सभ्य विनिर्माण सेट है और अपने अधिकांश कोर चिप्स और प्रोसेसर बनाती है जो स्मार्टफ़ोन के लिए इसकी आवश्यकता है। हुआवेई की प्रमुख निर्भरता यह है कि दुनिया में अधिकांश प्रोसेसर डिज़ाइन आज एक ही कंपनी एआरएम होल्डिंग्स, यूके से आते हैं, जो अब जापानी सॉफ़्टबैंक के स्वामित्व में चली गयी है। एआरएम चिप्स को डिज़ाइन करता है, फिर क्वालकॉम, सैमसंग, और हुआवेई जैसी कंपनियों को लाइसेंस दे दिया जाता है। ये फ़र्म अपने स्वयं के प्रोसेसर बनाने के लिए एआरएम की प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं, और तब उन्हे स्मार्टफ़ोन, टैबलेट और अन्य स्मार्ट उपकरणों में शामिल कर लेते हैं।

एआरएम ने कहा है कि इसका 25 प्रतिशत से अधिक डिज़ाइन अमेरिका (मिशिगन विश्वविद्यालय से लाइसेंस प्राप्त) से आता है और इसलिए इसे हुआवेई को एक भागीदार संगठन के रूप में हटाना होगा। हुआवेई अभी भी मौजूदा डिज़ाइन और सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकती है जिसके लिए एआरएम ने उसे लाइसेंस दिया है। लेकिन अगर यह अपने प्रोसेसरों को अपग्रेड नहीं कर सकती है, तो यह भविष्य में होने वाले विकास से बाहर हो जाएगी, और प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएगी।

क्या एआरएम से नाता टूटने के बाद हुआवेई के पास कोई समाधान है? अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद, हिसिलिकोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिंग टिंगबो, हुआवेई की पूर्ण स्वामित्व वाली चिप विनिर्माण सहायक कंपनी ने आंतरिक ज्ञापन में लिखा है: "हमारे द्वारा बनाए गए सभी स्पेयर टियर रातों रात प्लान ए में बदल गए हैं।" ये स्पेयर टियर या प्लान बी डिज़ाइन और समाधान का मुकम्मल इंतज़ाम हैं जिसे प्रतिबंध लगने की आशंका की वजह से पहले ही तैयार कर लिया गया था।

सभी अमेरिकी डिज़ाइन और सॉफ़्टवेयर पारिस्थितिकी प्रणालियों से कट जाने के बाद हुआवेई के लिए जीवित रहना कितना यथार्थवादी है? 5जी नेटवर्क उपकरण पर, चीन का विनिर्माण पक्ष को संभालने में सक्षम होना चाहिए। यह अभी भी यूरोप और अन्य जगहों के बाज़ार को खो सकता है, वे देश जो अमेरिकी प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ जाने में संकोच कर सकते हैं, लेकिन फिर भी यह अपनी प्रौद्योगिकी के नेतृत्व के कारण उभरते 5जी बाज़ार में पर्याप्त हिस्सेदारी को बनाए रखेगा।

लेकिन हुआवेई के स्मार्टफ़ोन बाज़ार का क्या होगा, वह कहाँ सैमसंग और एप्पल दोनों को चुनौती देगा? क्या गुगल-एंड्रॉइड इकोसिस्टम और एआरएम डिज़ाइनों को खोने के बाद उनकी योजना बी काम करेगी? मौजूदा एआरएम डिज़ाइनों के साथ पहले से ही हुआवेई को लाइसेंस प्राप्त है, इसका नवीनतम प्रोसेसर अगले 12-24 महीनों तक अपने स्मार्टफ़ोन की देख रेख करेगा। रोड़ा तो 2021-22, या स्मार्टफ़ोन प्रोसेसर की अगली पीढ़ी में आएगा।

चीन ने अविश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं की सूची बनाकर अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं पर रिवर्स प्रतिबंधों की धमकी दी है, जिन्हें चीनी बाज़ार से प्रतिबंधित किया जा सकता है। चीन अमेरिकी कंपनियों से भारी मात्रा में चिप्स का उपभोग करता है, इसलिए ऐसा उपाय अमेरिकी चिप निर्माताओं को कड़ी टक्कर देगा। चीन एप्पल और अन्य उत्पादों पर भी कर लगा सकता है जो अमेरिकी कंपनियाँ चीन में नियमित रूप से बनाती हैं। लोगों को लगेगा कि चीन इस सब के चलते भारी नुक़सान उठाएगा लेकिन एप्पल के आईफ़ोन में चीन जो मुल्य जोड़ता है वह कुल फ़ैक्ट्री लागत का 237.5 डॉलर में से लगभग 8.5 डॉलर है। इसलिए, चीन का नुक़सान कम होगा, लेकिन एप्पल को बड़ा नुक़सान हो सकता है। दूसरा विकल्प जो चीन लागू कर सकता है, वह है पृथ्वी पर उसका दुर्लभ नियंत्रण है जिसके ज़रिये चीन लगभग 80 प्रतिशत वैश्विक मांग की आपूर्ति करता है जिसमें अमेरिकी रक्षा आपूर्तिकर्ता प्रमुख आयातक हैं।

इसलिए, सवाल यह है कि अमेरिका अपनी और चीन की अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक व्यापार दोनों के लिए अपूरणीय क्षति से पहले चीन के साथ कब तक कायरता का खेल सकता है। क्या अब हमारे पास एक अंतर्राष्ट्रीय आवाज़ है जो अमेरिका द्वारा एकतरफ़ा कार्रवाई को रोक सकती है? या क्या यह वह क्षण है कि जब अंतर्राष्ट्रीय राय बनती है कि अमेरिका अभी भी वैश्विक आधिपत्य वाला देश है, और वह एक दुष्टता में बदल गया हो? जब तक यह व्यापार और  तकनीक युद्ध बंद नहीं होता है, तब तक हमें न केवल मौजूदा व्यापार शासन का अंत दिखाई देता है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थायी व्यवधान भी हो सकता है। यह तकनीकी संप्रभुता के वर्गीय मुद्दों को भी रेखांकित करता है - जिसे हमने पहले आत्मनिर्भरता कहा था – जो मुद्दा चर्चा के लिए वापस आ गया है।

Huawei
US
China
US-China Trade War
US Sanction on Huawei
apple
Samsung
Tech War

Related Stories

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ

जम्मू-कश्मीर : रणनीतिक ज़ोजिला टनल के 2024 तक रक्षा मंत्रालय के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना

युद्ध के प्रचारक क्यों बनते रहे हैं पश्चिमी लोकतांत्रिक देश?

मोदी का मेक-इन-इंडिया बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा श्रमिकों के शोषण का दूसरा नाम

कोविड-19: ओमिक्रॉन की तेज़ लहर ने डेल्टा को पीछे छोड़ा

विचार: व्यापार के गुर चीन से सीखने चाहिए!

मजबूत गठजोड़ की ओर अग्रसर होते चीन और रूस

COP 26: भारत आख़िर बलि का बकरा बन ही गया

भारत को अफ़ग़ानिस्तान पर प्रभाव डालने के लिए स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की ज़रूरत है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License