नया साल
जेब में हो नगद तो नया साल है
घर में भी हो रसद तो नया साल है
दिन औ’ तारीख़ से कुछ बदलता नहीं
गर ये बदले अहद तो नया साल है
हिन्दू हो या मुसलमां सभी के लिए
प्यार हो, हो दरद तो नया साल है
जाति-पाति के बंधन सभी झूठ हैं
तोड़ दो सारी हद तो नया साल है
औरतें भी बराबर की इंसान हैं
गर ये समझें मरद तो नया साल है
सारी दुनिया की ख़ातिर यही है दुआ
टूट जाएं सरहद तो नया साल है