NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
मज़दूर-किसान
27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन करने के लिए महाराष्ट्र में 200 संगठन एक साथ आए
इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए राज्य में किसानों, मज़दूरों और समाज के अन्य वर्गों के संगठन और बीजेपी-विरोधी दल एक साथ आ रहे हैं।
अमेय तिरोदकर
22 Sep 2021
27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन करने के लिए महाराष्ट्र में 200 संगठन एक साथ आए

नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को होने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के भारत बंद को सफल बनाने के लिए महाराष्ट्र में 200 से अधिक संगठन और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विरोधी दलों ने हाथ मिलाया है।

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) के कार्यकारी समिति सदस्य भालचंद्र कांगो की अध्यक्षता में 20 सितंबर को हुई बैठक में मुंबई में हड़ताल की तैयारी को लेकर यह निर्णय लिया गया कि किसान, मजदूर, शिक्षक, छात्र, आंगनबाडी और सफाईकर्मी और युवा देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के अलावा प्रदर्शनकारी पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने और नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को वापस लेने का भी आह्वान करेंगे।

कांगो ने इस बैठक में कहा, 'मोदी सरकार को लगता है कि वह लोकसभा में बहुमत के कारण आम आदमी की आवाज दबा सकती है और अपने मित्रों की मदद कर सकती है। लेकिन इतिहास ने बता दिया है कि आम आदमी के हितों की अनदेखी करके कोई भी सरकार नहीं टिक सकती है।”

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के अध्यक्ष अशोक ढावले ने किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष को बताते हुए कहा कि किसान तीनों कानूनों के खिलाफ लड़ने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने कहा, “प्रदर्शन शुरू हुए नौ महीने बीत चुके हैं लेकिन किसान नहीं माने। किसान, महिलाएं, युवा और छात्र पहले से ही सड़कों पर हैं। कोई भी विभाजनकारी राजनीति अरबपतियों की मदद करने के इरादे से बने इन कानूनों के खिलाफ एकता को नहीं तोड़ सकती है। आगामी हड़ताल जनता की इच्छा शक्ति को दर्शाएगी।”

इस बैठक को विद्या चव्हाण (एनएसीपी), उल्का महाजन (सर्वहारा जन आंदोलन), तीस्ता सीतलवाड़ (सबरंग इंडिया), राजू कोर्डे (पीजैंट्स एंड वर्कर्स पार्टी), मेराज सिद्दीकी (समाजवादी पार्टी), धनंजय शिंदे (आम आदमी पार्टी), प्रभाकर नारकर (जनता दल-सेक्युलर), एसके रेगे (सीपीआई-एम), प्रकाश रेड्डी (सीपीआई), फ़िरोज मीठीबोरवाला (हम भारत के लोग), अनिल त्यागी (सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया), किशोर ढावले (एससीपी), सुभाष काकुस्ते (एलएनपी), विवेक मोंटिरो (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स), प्रोफेसर ताप्ती मुखोपाध्याय (एमएफयूसीटीओ), मिलिंद रानाडे (न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव), युवराज घटकल (नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट), प्राची हतिवलेकर (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वीमेन्स एसोसिएशन) और कई अन्य संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इन संगठनों और पार्टियों ने हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया।

इस बैठक के बाद ढावले और चव्हाण ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मंत्री जितेंद्र अव्हाद से मुलाकात की जिन्होंने भारत बंद के लिए महा विकास अघाड़ी के समर्थन का वादा किया।

 

अंग्रेजी में प्रकाशित मूल ख़बर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


200 Organisations in Maharashtra to Support Bharat Bandh on Sept 27

 

 

 

 

Image removed.

ReplyForward

Bharat Bandh
Farm Laws
Maharashtra
Maha Vikas Aghari
Anti-BJP Parties
27 September

Related Stories

महाराष्ट्र में गन्ने की बम्पर फसल, बावजूद किसान ने कुप्रबंधन के चलते खुदकुशी की

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

राजस्थान: अलग कृषि बजट किसानों के संघर्ष की जीत है या फिर चुनावी हथियार?

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

कृषि क़ानूनों के निरस्त हो जाने के बाद किसानों को क्या रास्ता अख़्तियार करना चाहिए

किसानों की बदहाली दूर करने के लिए ढेर सारे जायज कदम उठाने होंगे! 

यूपी: कृषि कानूनों को रद्दी की टोकरी में फेंक देने से यह मामला शांत नहीं होगा 


बाकी खबरें

  • रौनक छाबड़ा
    महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर
    19 Apr 2022
    व्यावसायिक चालकों ने पेट्रोल, डीज़ल और सीएनजी की बढ़ती क़ीमतों के विरोध में अपनी वाहन सेवा को लंबित रखा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    करौली हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग:  संघ-भाजपा पर सुनियोजित ढंग से हिंसा भड़काने का आरोप
    19 Apr 2022
    सीपीएम ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के करौली में 2 अप्रैल को जो साम्प्रदायिक दंगे की घटना हुई वह पूरी तरह से प्रायोजित और सुनियोजित थी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी
    19 Apr 2022
    मंगलवार को बलिया के अलावा आज़मगढ़, मऊ, ग़ाज़ीपुर और बनारस से बड़ी संख्या में पत्रकार व समाजसेवी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम व एसपी के दफ्तरों का घेराव किया। पत्रकारों का भारी हुजूम जुटने की वजह से…
  • विजय विनीत
    बनारस: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी पर रोक, फ़िलहाल नहीं जाएगा कमीशन
    19 Apr 2022
    ‘श्रृंगार गौरी में रोजाना दर्शन पूजन को परंपरा का हिस्सा कतई न बनाया जाए। सिर्फ चैत्र नवरात्रि के दिन ही वहां दर्शन-पूजन की मान्यता है। ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग में सिर्फ मसुलमान या…
  • आज का कार्टून
    8 साल की उपलब्धि : ...और नहीं बस और नहीं !
    19 Apr 2022
    अगर एक आम आदमी से मोदी सरकार की आठ साल की उपलब्धियां पूछी जाएं, तो वह क्या जवाब देगा? हम कुछ नहीं कहेंगे, आप ख़ुद सोचिए। सोचिए कि अगर वह आम आदमी आप हैं और आप एक अंधभक्त नहीं हैं तो ईमानदारी से आपका…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License