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बदलाव और निरंतरता के बीच क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी की 8वीं कांग्रेस
क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी अपनी 8वीं कांग्रेस चल रही है, जो क्रांतिकारी अभियान को आगे ले जाने के लिए अपने नेतृत्व के पुनरुद्धार पर विचार करेगी।
लुईस डे जीसस रेयेस
19 Apr 2021
Cuba Communist Party Congress
क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के द्वितीय सचिव जोस रामोन मचाडो वेंचुरा ने आधिकारिक तौर पर 8वीं कांग्रेस का उद्घाटन किया। फोटो: एरियल ले रोयेरो

16 अप्रैल को क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी की 8वीं कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए राउल कास्त्रो ने घोषणा की कि वे पार्टी के प्रथम सचिव के पदभार को छोड़ रहे हैं। उनके भाई फिदेल और 1954 में क्रांति के साथ जो औपचारिक नेतृत्व के एक युग की शुरुआत हुई थी, उसके छह दशक बाद उन्होंने  यह फैसला लिया।

89 वर्षीय नेता ने कहा “प्रथम सचिव के तौर पर मैं अपने कार्यभार का समापन करता हूँ...इस संतोष के साथ कि मैंने (अपने कर्तव्यों) का निर्वहन पूरा कर दिया और मुझे पितृभूमि के भविष्य पर पूर्ण विश्वास है।” हालाँकि पूर्व में वर्तमान राष्ट्रपति मिगुएल डिआज़-केनेल को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर उन्होंने अपनी पसंद की झलकी दी थी, लेकिन शुक्रवार की रात को कास्त्रो ने अपने भाषण में इसकी घोषणा नहीं की।

निम्नलिखित रिपोर्ट 8वी पार्टी कांग्रेस के दौरान लिखी गई है, जिसमें कांग्रेस में पार्टी के जीर्णोद्धार पर ध्यान केन्द्रित करने और क्यूबाई क्रांति की निरंतरता क्यों महत्वपूर्ण है, इसकी ज़रूरत पर जोर दिया गया है।

“एकता के जरिये अपराजेय बने रहने और शत्रु को हमारी गड़बड़ी के कारण हमें फिर से परास्त करने से रोकना।”

क्यूबाई कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीसी) अप्रैल में अपने 8वें कांग्रेस का जश्न मनाने की तैयारी में जुटी है। इसके मूल आधार में जोस मार्टी के ये शब्द और विचार हैं कि क्रांति की निरंतरता को बनाये रखने के लिए जिन स्वाभाविक प्रक्रिया की जरूरत होती है उसमें जिम्मेदारी की बागडोर को युवा एवं प्रतिबद्ध पीढ़ी के कार्यकर्ताओं को सौंप देना चाहिए। इस कांग्रेस का आयोजन एक ऐसे समय में किया जा रहा है जब आर्थिक परिदृश्य कोविड-19 महामारी के चलते एक तरफ बेहद जटिल, अभूतपूर्व एवं तीक्ष्ण हो गया है, वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक बार फिर से अभूतपूर्व प्रतिबंधों को थोपा जा रहा है।

इस कांग्रेस को क्यूबाई क्रांति की ऐतिहासिक निरंतरता के तौर पर निरूपित किया जा रहा है। यह पार्टी और देश के लिए बेहद अहम साबित होने जा रहा है क्योंकि इससे जो निकल कर आने वाला है, वह देश के आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन को प्रभावित करने के साथ-साथ – क्यूबाई क्रांतिकारी प्रक्रिया की “निरंतरता एवं अपरिवर्तनियता” की मजबूती को परिभाषित करने जा रहा है जैसा कि पार्टी नेतृत्व द्वारा इसके बारे में कहा जा रहा है।

इस पार्टी कांग्रेस के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है इसकी तथाकथित “ऐतिहासिक पीढ़ी” वाली नेतृत्वकारी भूमिका में मौजूदा प्रथम सचिव राउल कास्त्रो जैसे कई सदस्यों का पद त्याग करना। पार्टी के भीतर बदलाव की जो अवश्यंभावी प्रक्रिया नजर आ रही है उसमें वे एक निर्णायक व्यक्ति रहे हैं क्योंकि यदि भविष्य में कोई अभूतपूर्व फेरबदल नहीं होता तो ये राष्ट्रपति मिगुएल डिआज़-केनेल होंगे जिनका प्रथम सचिव चुना जाना तय है। संक्षेप में कहें तो इसे नेतृत्व में बदलाव वाली कांग्रेस कहा जा सकता है।

परिवर्तन की इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से विचार किया गया है। 2016 में 7वीं कांग्रेस के दौरान, राउल कास्त्रो ने स्वयं राज्य और पार्टी के भीतर वरिष्ठ पदों के लिए अधिकतम दो बार के नियम को प्रस्तावित किया था और इस प्रकार नई पीढ़ी के क्यूबाई कम्युनिस्टों के हाथों में आगे की जिम्मेदारी सौंपने के लिए पथ प्रशस्त किया था। यह एक सही, लेकिन कुल-मिलाकर जरुरी फैसला था क्योंकि क्रांति की निरंतरता यदि किसी चीज पर टिकी है तो यह ऐतिहासिक पीढ़ी के हाथों से देश और पार्टी के नेतृत्व को नई पीढ़ी के कैडरों और नेताओं के हाथों में क्रमशः हस्तांतरण से जुड़ी है। 

क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी की 8वीं कांग्रेस के लिए निर्वाचित नेतृत्व में एक बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसमें नए, अपेक्षाकृत युवा कार्यकर्ताओं का समावेश होने जा रहा है। ऐतिहासिक, क्रन्तिकारी नेता राउल कास्त्रो पार्टी की भूमिका से बाहर होने वालों में एक होंगे। फोटो: स्टूडियोज रिवोल्यूशन

कमान्डेंट फिदेल कास्त्रो ने 1997 में पीसीसी की 5वीं कांग्रेस के दौरान पहले ही ऐलान कर दिया था: “पार्टी इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकती है कि एक दिन इसका नेतृत्व विफल हो जाए, क्योंकि इस कीमत को चुका पाना असंभव है।”

इस 8वीं कांग्रेस तक आते-आते यह नारा: “एक निरंतर समृद्ध एवं सतत समाजवाद का निर्माण करने के लिए” सैकड़ों घंटों की कड़ी मशक्कत की गई है।

इस कांग्रेस से पहले, जिन प्रतिनिधियों को 2020 के अंत में हुई बैठकों के दौरान प्रस्तावित उम्मीदवारों की सूची में पिछले मार्च की शुरुआत में चुना गया था, उनके द्वारा प्रत्येक प्रान्त में अध्ययन सत्रों एवं दस्तावेजों का विश्लेषण किया गया, जिसे 16 से 19 अप्रैल के बीच चलने वाली कांग्रेस के आयोगों में मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। 

ये दस्तावेज वर्ष 2020 के दौरान पार्टी की प्रांतीय नेतृत्वकारी निकायों और राजनीतिक एवं जन संगठनों के श्रमिकों, किसानों, युवाओं एवं महिलाओं द्वारा किये गए मूल्यांकन एवं विचार-विमर्श की प्रक्रिया का नतीजा हैं। इनमें विस्तार से 7वीं कांग्रेस के फैसलों के कार्यान्वयन के बारे में विचार-विमर्श किया गया है कि कैसे इन्हें लागू किया गया, जिसमें वर्तमान में राष्ट्र किन कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर रहा है के साथ-साथ वर्तमान आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा गया है। 

कांग्रेस अपना ध्यान वर्तमान में चल रहे मुख्य मुद्दों और इस द्वीप के तात्कालिक भविष्य के बारे में क्यूबा के समाजवादी विकास के आर्थिक एवं सामजिक मॉडल की संकल्पना के मॉडल पर अपने ध्यान को केन्द्रित करने जा रही है। इसमें पिछली कांग्रेस के समय से अब तक के आर्थिक और सामाजिक नतीजों का लेखा-जोखा हासिल किया गया है का विश्लेषण किया जायेगा। पार्टी के कामकाज, आम जन के साथ इसके जुड़ाव, और वैचारिक गतिविधियों के बारे में भी चर्चा की जायेगी।

अक्षमताओं से कैसे निजात पाई जा सकती है, अर्थव्यवस्था में मौजूद ढांचागत समस्याओं और स्वायत्तता पर आधारित स्थानीय उत्पादक प्रणालियों को मजबूती प्रदान करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी।

कांग्रेस के लिए चुने गए प्रतिनिधियों में सेना के जनरल और पीसीसी के प्रथम सचिव, राउल कास्त्रो, राष्ट्रपति मिगुएल डिआज़-केनेल बर्मुडेज़, पीसीसी के द्वितीय सचिव - जोस रमोन मचाडो वेंचुरा, उप राष्ट्रपति साल्वाडोर वाल्देस मेसा और प्रधानमंत्री मैन्युल मोरेरो क्रूज़ शामिल हैं।

पार्टी और देश की निरंतरता के लिये युवा  

इस प्रक्रिया में काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। क्यूबाई क्रांति के समक्ष यह प्रदर्शित करने का समय आ गया है कि वह अपने “ऐतिहासिक नेतृत्व” को बचाए रखने के लिए पर्याप्त परिवक्वता तक पहुंच जाए, और जिन आधारों पर इसे निर्मित किया गया है वे “समाजवाद की अपरिवर्तनीयता” को सुनिश्चित करें। इसके लिए नए कैडरों का चुनाव नितांत आवश्यक है, जो “प्रक्रिया” के प्रति प्रतिबद्ध हों, और वास्तविकता और आने वाले समय के हिसाब से ढल सकने में समर्थ हों।

हवाना के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विनिमय के दौरान राष्ट्रपति मिगुएल डिआज़-केनेल ने योजनाबद्ध प्रबंधन वाली कैडर राजनीति से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया है कि “कोई भी बिना प्रक्षेपवक्र के जिम्मेदारी न संभाले, जिसमें उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन हो सके, ताकि संक्रमण चरण के बिना भी जो पूर्व प्रशिक्षण के तौर पर सेवाएं देने में सक्षम हो।”

इसी तर्ज पर, पीसीसी के केंद्र में गठन की प्रासंगिकता को लेकर भी काफी कुछ कहा गया है जिसमें त्वचा के रंग, लिंग, और उम्र की संरचना शामिल है, “जो क्यूबाई समाज के विशेषता के साथ मेल खाती है”।

यही वजह है कि आज पार्टी के कैडरों में 54.2% महिलाएं शामिल हैं, और 47.7% अश्वेत और मिश्रित मुलात्टेस हैं।

हालाँकि “महिलाओं, अश्वेतों, मुलात्टेस और युवाओं के सवंर्धन के लिए उनकी योग्यता, नतीजों और व्यक्तिगत गुणों” के आधार पर निरंतर बढ़ावा देने की निहायत आवश्यकता है। हालाँकि आम तौर पर इस क्षेत्र में प्रगति देखने को मिली है, लेकिन पीसीसी नेतृत्व ने पाया है कि “मौलिक पदों में जो हासिल किया जा सका है वह अभी भी अपर्याप्त है, और राज्य एवं सरकार के विभिन्न संस्थाओं में इसे अभी भी हासिल किया जाना शेष है।”

इतना ही नहीं, पार्टी का नया संरक्षण एक ऐसे पल के दौरान आया है, जिसे विभिन्न बाधाओं एवं जटिल परिस्थतियों का सामना करना है। इस बारे में विस्तार में न जाते हुए इतना कहना पर्याप्त होगा कि, कोविड-19 महामारी के साथ-साथ अमेरिकी नाकाबंदी के नए उभार ने इस द्वीप को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है, और इसने आबादी के कुछ तबकों में भविष्य के प्रति दृष्टिकोण में उम्मीद से अधिक संदेह को उपजाने का काम किया है।

इसके अलावा पिछले 1 जनवरी से क्यूबा में आदेशात्मक कार्यबल को स्वंय ही जटिलता का सामना करना पड़ रहा है, और इसके चलते आर्थिक योजना और सामाजिक एवं आर्थिक विकास की रणनीति में सामंजस्य पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है, जिसका उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में देश की स्थिति में सुधार लाने से है। यह एक बेहद खुशगवार उपाय है, लेकिन इसे लागू करने के तीन महीनों के भीतर ही इसे कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है।

इसके बावजूद पीसीसी की 8वीं कांग्रेस, जो क्रांति के समाजवादी घोषित किये जाने के ठीक 60 वर्षों बाद शुरू होने जा रही है, और प्लाया गिरोन में जीत की वर्षगांठ पर इसका समापन होगा- जो कि उस समय के लिए प्रतीकात्मकता से भरी हुई तारीखें हैं – को क्यूबाई समाज की सबसे ज्यादा जरुरी समस्याओं का को दूर करने वाले उत्तरों को ढूंढने में लगाना होगा।

फिदेल कास्त्रो ने 1991 में पीसीसी की 4थी कांग्रेस के दौरान पहले ही चेता दिया था, और जब द्वीप उन ज्वलंत समुद्रों को समय पर खेना शुरू कर रहा था: हम तरीकों की तलाश करेंगे, हम नई राहों को खोज निकालेंगे, हम संसाधनों की तलाश करेंगे।

पीसीसी, एकता और संप्रभुता की ऐतिहासिक विरासत 

यह 16 अगस्त, 1925 की बात है, जब जोस मार्टी के करीबी सहयोगी कार्लोस बालिनो ने जुलिओ एंटोनियो मेला और रुबेन मार्टिनेज विलेना जैसी महत्वपूर्ण शख्सियतों के साथ मिलकर क्यूबा की पहली कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी। इसे 20वीं शताब्दी के पहले पूर्वार्ध में क्यूबा के राजनीतिक क्षण में राष्ट्रीय पहचान के तौर पर परिभाषित किया जाता है।

हालाँकि इसका वैचारिक आधार उन पहले के उपनिवेशवाद-विरोधी और साम्राज्यवाद विरोधी क्यूबाई स्वतन्त्रता संगाम की एकता में मौजूद है। इसे बाद में ज्यादा स्पष्टता के साथ 1892 में मार्टी द्वारा निर्मित क्यूबाई रिवोल्यूशनरी पार्टी (पीआरसी) के कार्यक्रम में रेखांकित किया जा सकता है। मुक्ति और संप्रभुता की जरूरत के इर्दगिर्द लोगों के सामंजस्य का विचार – जिसे क्यूबाई राष्ट्रीयता की गैर-परक्राम्य अवधारणाओं के रूप देखा जाना चाहिए - उस नींव को स्थापित किया है, जिस पर क्यूबा की मौजूदा कम्युनिस्ट पार्टी को अंततः खड़ा किया जा सकता है।

बलिनो के विचारों के भीतर श्रमिकों और किसानों के लिए मांगों का एक पूरा कार्यक्रम और संगठन मौजूद था। इसके अलावा महिलाओं और युवाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष, और क्यूबाई जनता के काम करने के हालात में सुधार लाने के प्रति एक प्रतिबद्धता थी। भले ही उस क्षण वह पहली कोशिश विफल साबित हुई हो, लेकिन विचार के बीज को पहले से ही उपजाऊ जमीन मिल चुकी थी।

1959 में सिएरा मेस्ट्रो से नीचे आते हुए फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में गुरिल्लों ने फुल्गेंसियो बतिस्ता की तानाशाही के खिलाफ विदेशी ताकतों की शत्रुता का सामना करने के लिए असम्बद्ध बलों का उपयोग करते हुए उन्हें अपने साथ शामिल किया था। 3 अक्टूबर, 1965 को नई कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी का गठन किया गया। 

नए संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय सभा द्वारा अनुमोदित और 2019 में क्यूबाई बहुसंख्यक वोट द्वारा समर्थित, कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी स्थिति को “राज्य और समाज की श्रेष्ठतर अग्रणी राजनीतिक शक्ति” के तौर पर कायम रखा है।” यह “समाजवाद के निर्माण के उच्च उद्देश्यों और एक साम्यवादी समाज की तरफ बढ़ने के लिए साझा प्रयासों” को संगठित और मार्गदर्शन की प्रभारी की भूमिका में मौजूद रहने वाली है।

राउल कास्त्रो के शब्दों में “...एक संस्था के तौर पर सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी ही है जो क्रन्तिकारी अगुआ तबकों को एकजुट रख पाने में सक्षम है, और जो हर समय क्यूबाई जनता को एकताबद्ध रखने सकने की शर्तिया गारंटी के तौर पर मौजूद है। इसके साथ ही यह लोगों द्वारा अपने नेता के उपर विश्वास को बनाये रखने के लिए योग्य उत्तराधिकारी हो सकती है।”

आज इसके संविधान के 56 वर्षों बाद और इसके विचारों के अंकुरण के सौ साल से भी अधिक समय के बाद, एक ऐसे समय में जब देश के सामने नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ खड़ी हैं, देश के बाहर से इसे अस्थिर करने की कोशिशों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ अनिश्चितता, जो हमेशा बदलाव के लिए तैयार रहती है, ऐसे में किसी को मूर्ख नहीं बनाया जाना चाहिए। पीसीसी अपने आधार और क्रांति के इर्द-गिर्द आम लोगों की एकता को संरक्षित रखने और मजबूत बनाये रखने के प्रति प्रतिबद्ध है, वहीँ यह आने वाले वर्षों में देश का नेतृत्व प्रदान करने वाले चेहरों में बदलाव लाने जा रही है। 

उन लोगों की आलोचनाओं को जो क्यूबा में एकल पार्टी के अस्तित्व की ओर इशारा कर लोकतंत्र की कमी का कथित उदाहरण पेश करते हैं, पर पीसीसी के मौजूदा द्वितीय सचिव, जोस रमोन मचाडो वेंचुरा ने जवाब में कहा है: “एक एकल पार्टी, जैसा कि मार्टी ने प्रतिपादित किया था। क्योंकि साम्राज्यवाद के सपनों के सम्मुख हमारे समाज को खंडित करने और इसे हजारों टुकड़ों में विभाजित करने के खिलाफ हमारी मुख्य ढाल एकता रही है। और यह पार्टी ही है, जो जनता की संगठित अगुआ शक्ति की प्रतीक है, जो सुनिश्चित करती है कि एकजुट रहकर ही क्रांति की ऐतिहासिक निरंतरता को बरकरार रखा जा सकता है।” 

मैनोलो डे लॉस सैंटोस द्वारा अंग्रेजी में अनुवाद, मूल रूप से क्लेरिडाड में प्रकाशित हुआ

मूल रूप से क्लेरीडाड में प्रकाशित इस लेख का अंग्रेजी अनुवाद मनोलो डी लॉस सैंटोस द्वारा किया गया है

साभार: पीपुल्स डिस्पैच 

 

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