NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
बिहार: समस्तीपुर माॅब लिंचिंग पीड़ितों ने बिहार के गृह सचिव से न्याय की लगाई गुहार
ऐपवा नेताओं ने कहा कि कानून व्यवस्था को तोड़ने व भीड़ हिंसा के लिए उकसाने वाले भाजपा-संघ व हिंदु पुत्र के सभी लोगों के नाम एफआईआर दर्ज होना चाहिए व भीड़ को हिंसा के लिए छूट देने वाले स्थानीय थाना प्रभारी की बर्खास्तगी और महिलाओं पर हिंसा रोकने में असफल जिले के डीएम व एसपी को जबावदेह ठहराते हुए कार्रवाई होनी चाहिए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jul 2021
mob lynching

समस्तीपुर के आधारपुर में बर्बर माॅब लिंचिंग की शिकार हुई अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों ने मंगलवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए बिहार के गृह सचिव से न्याय की गुहार लगाई। यह संवाददाता सम्मेलन ऐपवा के बैनर से आयोजित की गई थी, जिसमें ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी व राज्य सचिव शशि यादव भी शामिल हुईं।

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि समस्तीपुर में बर्बर माॅब लिंचिंग की घटना पर सरकार व प्रशासन ने अव्वल दर्जे की चुप्पी साध रखी है। अभी तक मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी है। माॅब लिंचिंग की शिकार हुई सनोवर खातून की तीनों बेटियां भय के माहौल में जी रही हैं। उनका पूरा भविष्य अंधकारमय हो चुका है। सरकार को इस मामले में अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।

संवाददाता सम्मेलन में माॅब लिंचिंग की शिकार हुई सनोवर खातून की तीनों बेटियां नुसरत प्रवीण, इबरत प्रवीण व चाहत प्रवीण उपस्थित हुईं ,इस मौके पर ऐपवा की अन्य नेतागण भी उपस्थित थे।

ऐपवा नेताओं ने कहा कि कानून व्यवस्था को तोड़ने व भीड़ हिंसा के लिए उकसाने वाले भाजपा-संघ व हिंदु पुत्र के सभी लोगों के नाम एफआईआर दर्ज होना चाहिए व भीड़ को हिंसा के लिए छूट देने वाले स्थानीय थाना प्रभारी की बर्खास्तगी और महिलाओं पर हिंसा रोकने में असफल जिले के डीएम व एसपी को जबावदेह ठहराते हुए कार्रवाई होनी चाहिए। बाद में ऐपवा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के गृह सचिव से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में माले विधायक मनोज मंजिल भी शामिल थे।

नुसरत प्रवीण ने कहा कि समस्तीपुर जिलान्तर्गत मुफस्सिल थाना के आधारपुर गांव में विगत 21 जून 2021 को श्रवण यादव की हत्या का शोर मचाते हुए पुलिस बल की मौजूदगी में सैंकड़ों की भीड़ ने मेरे मकान को घेर लिया और घर से पहले मेरी शिक्षिका मां सनोवर खातून को खींचकर कपड़ा फाड़ते व पीटते हुए बाहर ले गई। उसके बाद मेरी दोनों बहनों को खींचकर निकाला और उन्हें भी पीटते हुए बाहर ले गई। मेरी मां एवं चचेरे भाई मोहम्मद अनवर की श्रवण यादव के घर के पास पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मेरी दो बहनों को भी अन्यत्र ले जाकर मरनासन्न स्थिति में पहुंचाकर पानी के गड्ढे में फेंक दिया गया। बाद में पड़ोसियों ने उनकी जान बचाई। उसके बाद भीड़ ने मेरे व मेरे चाचा के मकान एवं ग्राहक सेवा केंद्र से नकद राशि, गहने, कीमती सामान आदि लूट लिया और फिर मकान, कार, ग्राहक सेवा केंद्र में आग लगाकर पूरी तरह उसे जला दिया गया। इससे संबंधित मुफस्सिल थाना कांड संख्या - 282/21 दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस भी सक्रियता नहीं दिखला रही है।

उन्होंने प्रेस के माध्यम से बिहार सरकार से मांग की है कि:

1. उक्त कांड के सारे आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी की जाए।

2. मृतक सनोवर खातून एवं मोहम्मद अनवर के परिजन को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।

3. लूट ली गई नकद राशि, गहने, जलाए गए मकान, कार, ग्राहक सेवा केंद्र समेत सभी सामानों का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।

4. परिजनों की सुरक्षा की गारंटी की जाए।

5. मौके पर मूकदर्शक बनी पुलिस पर कार्रवाई की जाए।

mob lynching
mob lynching in Bihar
Bihar government

Related Stories

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

पलवल : मुस्लिम लड़के की पीट-पीट कर हत्या, परिवार ने लगाया हेट क्राइम का आरोप

शामली: मॉब लिंचिंग का शिकार बना 17 साल का समीर!, 8 युवकों पर मुकदमा, एक गिरफ़्तार

त्रिपुरा: भीड़ ने की तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या, आख़िर कौन है बढ़ती लिंचिंग का ज़िम्मेदार?

राजस्थान : फिर एक मॉब लिंचिंग और इंसाफ़ का लंबा इंतज़ार

झारखंड: मुख्यमंत्री के काफिले पर हिंसक हमला, भाजपा ने कहा लोकतान्त्रिक विरोध!

बिहार: महिला पुलिसकर्मी ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, महिला आयोग ने एसएसपी से तलब की रिपोर्ट

हमारे समाज और सिस्टम की हक़ीक़त से रूबरू कराती हैं मॉब लिंचिंग की घटनाएं!


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License