NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
क्रूर सरकारी दमन और विवादास्पद कर सुधार बिल को वापस लेने के बीच कोलंबिया में प्रदर्शन जारी
कोलंबिया में पिछले पांच दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल और देशव्यापी लामबंदियों के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों ने कम से कम 21 प्रदर्शनकारियों को मार डाला और क़रीब 650 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया।
पीपल्स डिस्पैच
04 May 2021
क्रूर सरकारी दमन और विवादास्पद कर सुधार बिल को वापस लेने के बीच कोलंबिया में प्रदर्शन जारी

सशक्त तरीके से अस्वीकृति, बड़े पैमाने पर देशव्यापी हड़ताल और चार दिनों की राष्ट्रव्यापी लामबंदी को देखते हुए कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान डुके ने सस्टेनेबल सॉलिडैरिटी बिल को वापस लेने की घोषणा की। यह एक नियोलिबरल टैक्स रिफॉर्म बिल है जो COVID-19 महामारी के कारण हुए राजकोषीय घाटा का 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मजदूर वर्ग से भुगतान करने की मांग करता है। हालांकि, राष्ट्र प्रमुख ने जोर देकर कहा कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए कर सुधार महत्वपूर्ण है और आम सहमति से तत्काल एक नया विधेयक बनाने के लिए कहा।

ट्रेड यूनियन, सामाजिक संगठन और विपक्षी प्रगतिशील राजनीतिक दल जिसने 28 अप्रैल से शुरू होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल का आह्वान किया था उसने इस घोषणा को जीत के रूप में मनाया। कई नेताओं ने संभावित धोखे के खिलाफ सतर्क रहने का आह्वान किया क्योंकि एक नया कर सुधार बिल जल्द पेश किया जाएगा। कई अन्य लोगों ने हिंसक पुलिस और सैन्य दमन, शहरों में सेना की तैनाती, मनमाने ढंग से हिरासत में लेने और सुरक्षा बलों द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन को खारिज कर दिया जो देश के विभिन्न हिस्सों में जारी है और उनके तत्काल रोकने का आह्वान किया।

कई नागरिक समाज और मानवाधिकार संगठनों ने देश में 5 दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान सामने आए अभूतपूर्व तरीके से पुलिस-सैन्य दमन और मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की है।

विभिन्न विपक्षी नेताओं और दलों ने भी वित्त मंत्री अल्बर्टो कैरस्किल्ला के इस्तीफे पर खुशी जाहिर की है। सामाजिक और राजनीतिक संगठन और नेता अब स्वास्थ्य सुधार बिल 010 को वापस लेने का आह्वान कर रहे हैं जो देश में स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण को और मजबूत करता है।

COVID-19
columbia
Nationwide strike in Columbia

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License