NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तुर्की और ग्रीस में फैली विनाशकारी जंगल की आग
ग्लोबल वार्मिंग के कारण चरम मौसमी स्थिति और संबंधित सरकारों द्वारा निवारक तंत्र को लेकर दोषपूर्ण नीतियों को जंगल की इस आग के व्यापक होने का कारण माना जा रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
06 Aug 2021
तुर्की और ग्रीस में फैली विनाशकारी जंगल की आग

इस सप्ताह तुर्की के भूमध्यसागरीय क्षेत्रों और ग्रीस के कुछ हिस्सों में गर्म लहरों और तेज हवाओं के कारण जंगल की आग बड़े पैमाने पर फैल गई है, जिससे वन भूमि, वन्यजीवों, लोगों और उनकी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। पिछले हफ्ते मानवगत और अंतालिया क्षेत्रों में शुरू हुई आग की लपटें अब तुर्की में मुगला, अदाना, उस्मानिया, मर्सिन और काएसेरी आदि स्थानों में फैल गई है।

ग्रीस में एथेंस के बाहरी इलाके, दक्षिणी पेलोपोनिस क्षेत्र, इविया और कई एजियन द्वीपों में आग लगी हुई है। भीषण आग और धुएं से प्रभावित दोनों देशों के कुछ हिस्सों में आग बुझाने और खाली कराने के लिए अभियान तेजी से चल रहे हैं। इटली में सिसिली के कुछ हिस्सों, उत्तरी मैसेडोनिया और अल्बानिया के कुछ हिस्सों में भी इन दिनों जंगल की आग का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में तापमान में ऐतिहासिक वृद्धि और शुष्क मौसम के परिणामस्वरूप तुर्की के भूमध्यसागरीय भागों और ग्रीस के आस-पास के हिस्सों में जंगल की आग व्यापक रूप से फैल गई है। हालांकि इस क्षेत्र के जंगल में लगी अचानक आग कोई नई बात नहीं है, लेकिन इतनी तेजी और गति से बढ़ रही आग को इतिहास में इस क्षेत्र में अब तक की सबसे भीषण आग की घटना के रूप में दर्ज किया गया है। जैसा कि प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है, जलवायु पैटर्न में भारी बदलाव ने यूरोप के इस हिस्से में इस तरह की तबाही मचाई है, जबकि इस साल जुलाई में यूरोप के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश और अचानक बाढ़ आई है।

ग्रीस और तुर्की दोनों में चिंतित वर्गों ने आरोप लगाया है कि जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ, इस क्षेत्र में योजना की कमी और निवारक तंत्र की वित्त की कमी, त्रुटिपूर्ण आपदा प्रबंधन और सरकारों की अदूरदर्शी नीतियां भी जंगल की इस आग से तबाही के लिए जिम्मेदार हैं।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ ग्रीस (केकेई) ने कहा है कि "चरम मौसमी घटनाएं" और "जलवायु परिवर्तन" का इस्तेमाल आसान बहाने के रूप में और लंबे समय से चली आ रही कमियों, सेवाओं के लिए फंड की कमी और कर्मचारियों की कमी, अपर्याप्त संसाधनों और बुनियादी ढांचे और निवारक उपायों की कमी को छिपाने के लिए एक सुविधाजनक "संरक्षण" के रूप में किया जाता है।”

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ ग्रीस (केकेई) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ टर्की (टीकेपी) ने अपने कार्यकर्ताओं और इसके जन संगठनों के सदस्यों से भीषण जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को करने का आह्वान किया है।

Turkey
Greece
Fire in Forest
global warming

Related Stories

अंकुश के बावजूद ओजोन-नष्ट करने वाले हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन की वायुमंडल में वृद्धि

ग्रीस में प्रगतिशीलों ने ज़ेलेंस्की के नव-नाज़ियों के साथ संसद के संबोधन को ख़ारिज किया 

संयुक्त राष्ट्र के IPCC ने जलवायु परिवर्तन आपदा को टालने के लिए, अब तक के सबसे कड़े कदमों को उठाने का किया आह्वान 

यूक्रेन में तीन युद्ध और तीनों में इंसानियत की हार के आसार

जलवायु परिवर्तन के कारण भारत ने गंवाए 259 अरब श्रम घंटे- स्टडी

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?

कोप-26: मामूली हासिल व भारत का विफल प्रयास

ग्लासगो जलवायु शिखर सम्मेलन अभिजात देशों का एक स्वांग है

जलवायु परिवर्तन का संकट बहुत वास्तविक है

भीड़ ने तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों पर हमला किया


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License