NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
धर्म के कारण भेदभाव भी नस्लवाद का हिस्सा: इरफ़ान पठान
पठान ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है।’’
भाषा
09 Jun 2020
इरफ़ान पठान

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफ़ान पठान ने नस्लवाद को लेकर दुनिया भर में चल रही बहस पर मंगलवार को कहा कि यह सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है और धर्म के कारण भी लोगों को नस्ली उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

मिनियापोलीस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को मार दिए जाने के बाद अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इसने दुनिया भर में नस्लवाद को लेकर बहस को हवा दी।

पठान ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है। किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है।’’

tweet.JPG

पठान से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनका निजी अनुभव है या उन्होंने ऐसा महसूस किया है तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘ऐसा मुझे लगता है और मुझे लगता है कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।’’

इस साल की शुरुआत में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले पठान ने भारत की ओर से 29 टेस्ट, 120 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।

फ्लॉयड की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने भी आगे आकर खेल में नस्लवाद के मामले में अपना पक्ष रखा है।

इन क्रिकेटरों में वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और डेरेन सैमी भी शामिल हैं। सैमी ने आरोप लगाया है कि 2014 आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की उनकी टीम के कुछ साथियों ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की थी।

Irfan Pathan
Religion Discrimination
Racism
Unequal society
Ifran Pathan Tweet on Racism

Related Stories

प्रधानमंत्री ने गलत समझा : गांधी पर बनी किसी बायोपिक से ज़्यादा शानदार है उनका जीवन 

प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिशा निर्देश दिए?

विशेष: लड़ेगी आधी आबादी, लड़ेंगे हम भारत के लोग!

भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता : जाति और लैंगिक आधार पर भी समझने की ज़रूरत

विचार: मनुवादी नहीं संविधानवादी बनने की ज़रूरत

अपना बुटीक खोलने और अपनी ज़िंदगी खुलकर जीने के लिए हासिल की ट्रांस महिला की पहचान

71 साल के गणतंत्र में मैला ढोते लोग  : आख़िर कब तक?

जाति-वटवृक्ष के पत्ते नहीं, जड़ें काटने की ज़रूरत!

मानवता की राह में बाधक जाति-धर्म की दीवारें

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: कहां हैं हमारे मानव अधिकार?


बाकी खबरें

  • भाषा
    किसी को भी कोविड-19 टीकाकरण कराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : न्यायालय
    02 May 2022
    पीठ ने कहा, “संख्या कम होने तक, हम सुझाव देते हैं कि संबंधित आदेशों का पालन किया जाए और टीकाकरण नहीं करवाने वाले व्यक्तियों के सार्वजनिक स्थानों में जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। यदि पहले से…
  • नाइश हसन
    कितने मसलक… कितनी टोपियां...!
    02 May 2022
    सुन्नी जमात हैं तो गोल टोपी... बरेलवी से हैं तो हरी टोपी...., अज़मेरी हैं तो ख़ादिम वाली टोपी.... जमाती होे तो जाली वाली टोपी..... आला हज़रत के मुरीद हों तो लम्बी टोपी। कौन सी टोपी चाहती हैं आप?
  • शिरीष खरे
    कोरोना महामारी अनुभव: प्राइवेट अस्पताल की मुनाफ़ाखोरी पर अंकुश कब?
    02 May 2022
    महाराष्ट्र राज्य के ग़ैर-सरकारी समूहों द्वारा प्रशासनिक स्तर पर अब बड़ी तादाद में शिकायतें कोरोना उपचार के लिए अतिरिक्त खर्च का आरोप लगाते हुए दर्ज कराई गई हैं। एक नजर उन प्रकरणों पर जहां कोरोनाकाल…
  • सुबोध वर्मा
    पेट्रोल/डीज़ल की बढ़ती क़ीमतें : इस कमर तोड़ महंगाई के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
    02 May 2022
    केंद्र सरकार ने पिछले आठ वर्षों में सभी राज्य सरकारों द्वारा करों के माध्यम से कमाए गए 14 लाख करोड़ रुपये की तुलना में केवल उत्पाद शुल्क से ही 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है।
  • ज़ाहिद खान
    सत्यजित रे : सिनेमा के ग्रेट मास्टर
    02 May 2022
    2 मई, 1921 को कोलकाता में जन्मे सत्यजित रे सिनेमा ही नहीं कला की तमाम विधाओं में निपुण थे। उनकी जयंती पर पढ़िये यह विशेष लेख।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License