NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
केन्या के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काम बंद किया; 7 दिसंबर से नर्से भी हैं हड़ताल पर
ये स्वास्थ्य कर्मी व्यापक स्वास्थ्य बीमा, गुणवत्तापूर्ण पीपीई, जोखिम भत्ते में वृद्धि, पेंशन पेंशन सुविधा के साथ अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों में बदलने की मांग कर रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
21 Dec 2020
केन्या

केन्या भर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और दांत के डॉक्टरों ने सोमवार 21 दिसंबर को काम करना बंद कर दिया और 7 दिसंबर से हड़ताल कर रहे नर्स और क्लिनिकल अधिकारियों को साथ शामिल हो गए।

देश में कम से कम 2,000 स्वास्थ्य कर्मी COVID-19से संक्रमित हो गए हैं। एक बार संक्रमित होने के बाद ये कर्मचारी नेशनल हॉस्पिटल इंश्यूरेंस फंड से व्यापक चिकित्सा कवर की कमी के कारण अस्पताल के बिल का वहन नहीं कर सकते हैं। इंश्यूरेंस की मांग उनकी मुख्य मांगों में से एक है। बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी कई महीनों तक बिना वेतन के रही हैं।

इस मांग को लेकर सरकार और यूनियनों के बीच बातचीत बिना किसी समाधान के करीब आठ महीने से चल रही है।

पीपीई की पर्याप्त और मानक गुणवत्ता का प्रावधान, जोखिम भत्ते में वृद्धि, अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों को पेंशन के साथ स्थायी कर्मचारियों में परिवर्तित करना यूनियन द्वारा पेश किए गए मुख्य मांगों में से है जो यूनियन इनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

इसके अलावा केन्या नेशनल यूनियन ऑफ नर्स (केएनयूएन) ने काम के दौरान वायरस से संपर्क में आने के कारण मरने वाली उन नर्सों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। दिसंबर के पहले सप्ताह के अंत तक कम से कम 26 नर्सों की मौत हो गई थी।

केन्या यूनियन ऑफ क्लिनिकल ऑफिसर्स (केयूसीओ) के सदस्य सरकार द्वारा 14 दिनों के भीतर लंबित वेतन का भुगतान न करने पर नर्सों के साथ हड़ताल पर रहे हैं।

केन्या मेडिकल प्रैक्टिशनर्स, फार्मासिस्ट एंड डेंटिस्ट यूनियन (केएमपीडीयू) का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉक्टर भी 16 नवंबर को जारी किए गए 21 दिनों के नोटिस की समय सीमा समाप्त होने के बाद 7 दिसंबर से हड़ताल में भाग लेने को तैयार थे। हालांकि, 6 दिसंबर को केएमपी़डीयू ने इन डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को अतिरिक्त 14 दिनों का समय देने के बाद हड़ताल को निलंबित कर दिया था। इन डॉक्टरों में कम से कम 30 डॉक्टर की मौत हो गई।

नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के इस हड़ताल में डॉक्टर्स के शामिल होने से केन्या सरकारी अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी जो पहले से ही बुरी तरह खराब है। यह महामारी को रोकने में देश के प्रयासों को पंगु बना रहा है।

केन्या में कुल 94,151 मामले हैं। संक्रमित मरीजों में से अब तक 1,633 की मौत हो चुकी है।

kenya
doctors strike
Nurses Protest
COVID-19
Corona Warriors Protest

Related Stories

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देश भर से मिल रहा समर्थन

यूपी: शाहजहांपुर में प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा, यूनियन ने दी टीकाकरण अभियान के बहिष्कार की धमकी

दिल्ली: महंगाई के ख़िलाफ़ मज़दूरों, महिलाओं, छात्र-नौजवानों व कलाकारों ने एक साथ खोला मोर्चा

दिल्ली: बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ मज़दूर, महिला, छात्र, नौजवान, शिक्षक, रंगकर्मी एंव प्रोफेशनल ने निकाली साईकिल रैली


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License