NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लेबनान के नेताओं पर फ़्रांस का प्रतिबंध, सुधारों में बाधा डालने के लिए दोषी ठहराया
फ़्रांस ने आरोप लगाया है कि लेबनान में व्यापक भ्रष्टाचार देश के आर्थिक और राजनीतिक संकट के लिए ज़िम्मेदार है।
पीपल्स डिस्पैच
30 Apr 2021
लेबनान के नेताओं पर फ़्रांस का प्रतिबंध, सुधारों में बाधा डालने के लिए दोषी ठहराया

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियन ने गुरुवार 29 अप्रैल को अज्ञात लेबनानी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिबंधों की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग देश में आवश्यक राजनीतिक सुधारों में रुकावट पैदा कर रहे हैं और वे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं।

हालांकि किसी भी नाम का उल्लेख न करते हुए ड्रियन ने कहा कि, "हमने मौजूदा राजनीतिक ब्लॉकेज या भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ फ्रांसीसी क्षेत्र में आने पर प्रतिबंध लागू करना शुरू कर दिया है"। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस उक्त लोगों के खिलाफ "अतिरिक्त नियमों को अपनाने का अधिकार" रखता है।

फ्रांस, लेबनान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए यूरोपीय संघ के साथ भी बातचीत कर रहा है। इसमें नेताओं या अधिकारियों की संपत्ति जब्त करना शामिल हो सकता है और साथ ही यूरोपीय संघ के देशों में यात्रा प्रतिबंध शामिल हो सकता है। रायटर ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने पिछले साल बेरुत में हुए गोदाम में विस्फोट के बाद अपनी इस देश की यात्रा के बाद से इस तरह के प्रतिबंधों के संकेत देते रहे थे।

पिछले साल 4 अगस्त को हुए बेरूत विस्फोट ने राजधानी में बड़े पैमाने पर चीजों को नुकसान पहुंचाया साथ ही इसमें करीब 200 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। उन्होंने उन अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने का दोषी ठहराया था।

लेबनान साल 2019 से राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में गरीब और बेरोजगारों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में कई गुना वृद्धि हुई है और खाद्य वस्तुओं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कई गुना वृद्धि हुई है। बढ़ती आर्थिक समस्याओं को नियंत्रित करने में सरकार की विफलता के खिलाफ अक्टूबर 2009 में विरोध शुरू हो हुआ जिसके चलते अंततः तत्कालीन प्रधानमंत्री साद हरीरी को इस्तीफा देना पड़ा। तब से इस देश में स्थायी सरकार नहीं बनी है और कार्यवाहक प्रधानमंत्रियों द्वारा अधिकांश सरकारों का नेतृत्व किया जा रहा है।

इस बीच देश में विरोध प्रदर्शन COVID-19 के प्रकोप के कारण लगाए गए प्रतिबंधों और लॉकडाउन के बावजूद जारी है। आर्थिक परेशानियों से राहत की मांग करने के अलावा प्रदर्शनकारी देश की राजनीतिक व्यवस्था में बुनियादी संरचनात्मक बदलाव और भ्रष्टाचार के खात्मे की भी मांग कर रहे हैं।

लेबनान में फ्रांसीसी हस्तक्षेप को कुछ लोग इसके कॉलोनियल हैंगओवर के रूप में देख रहे हैं और इस क्षेत्र में राजनीतिक शक्ति का इसका दर्जा हासिल करने का प्रयास के रुप में देख रहे हैं। हालांकि, लेबनान में फ्रांसीसी कार्रवाई का समर्थन करने की चर्चा तेज है। लेबनान पर 1923 और 1946 के बीच फ्रांसीसी शासन था।

France
Lebanon
Corruption

Related Stories

उत्तराखंड के ग्राम विकास पर भ्रष्टाचार, सरकारी उदासीनता के बादल

फ्रांस में मैक्राँ की जीत से दुनियाभर में राहत की सांस

बिहार में 1573 करोड़ रुपये का धान घोटाला, जिसके पास मिल नहीं उसे भी दिया धान

बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस

बिहारः बड़े-बड़े दावों के बावजूद भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम नीतीश सरकार

माली से फ़्रांसीसी सैनिकों की वापसी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत है

क्या आपको पता है कि ₹23 हजार करोड़ जैसे बैंक फ्रॉड भी महंगाई के लिए जिम्मेदार है? 

मॉस्को कर रहा है 'गुड कॉप, बैड कॉप' का सामना

विकास की वर्तमान स्थिति, स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव और आम आदमी की पीड़ा

अमित शाह का एक और जुमला: पिछले 7 सालों में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार!


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License