NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
खोरी पुनर्वास संकट: कोर्ट ने कहा- प्रोविजनल एलॉटमेंट के समय कोई पैसा नहीं लिया जाएगा, फ़ाइनल एलॉटमेंट पर तय होगी किस्त 
मजदूर आवास संघर्ष समिति ने कहा कि अस्वीकृत आवेदन की प्रकिया में अपारदर्शिता है एवं प्रार्थी को अपील का मौका न देना सरासर अत्याचार एवं धोखा है।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
23 Oct 2021
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद की अरावली की पहाड़ियों के बीच बसे खोरी गांव को नगर निगम फरीदाबाद द्वारा पिछले 3 माह पूर्व बुलडोजर लेकर रौंद दिया गया था। जिसमें 10000 से ज्यादा परिवार बेदखल हो गए थे, जो आज भी पुनर्वास के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। 

मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव के राष्ट्रीय संयोजक निर्मल गोराना ने बताया कि 22 अक्टूबर 2021 को माननीय सुप्रीम कोर्ट में खोरी गांव रेजिडेंट वेलफेयर एससिएशन वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया एवं सरीना सरकार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में दो बातों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई पहली चर्चा पीएलपीए लैंड के संबंध में थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत चर्चा हेतु 15 नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की। 

इसी क्रम में मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव के सदस्य मोहम्मद शकील ने बताया कि पुनर्वास के मामले में जो चर्चा हुई उसमें नगर निगम ने आवास आवंटन की प्रथम किस्त 17000 से 10,000 बताई किंतु यह किस्त फाइनल आवंटन के समय ली जानी बताई जा रही है और अभी विस्थापित परिवारों को कोई भी राशि या किस्त प्रोविजनल एलॉटमेंट के समय नहीं देनी है। जबकि नगर निगम की तरफ से खोरी गांव से विस्थापित मजदूर परिवारों को 17000 रुपये की प्रथम किस्त नगर निगम में जमा कराने हेतु आदेश जारी किए गए हैं जो कि मजदूर परिवारों के लिए वर्तमान में असंभव है। 

निर्मल गोराना ने बताया कि पिछले 3 दिन से नगर निगम फरीदाबाद खोरी गांव में मलबे के ढेर पर रह रहे विस्थापित परिवारों को बेदखल करने के लिए भरकर प्रयास कर रही है और इसी दौरान मलबे के ढेर से कई परिवारों को बेदखल कर दिया गया है जबकि यह तमाम परिवार अपने आवश्यक दस्तावेज नगर निगम को जमा करवा चुके हैं फिर भी इन्हें प्रोविजनल एलॉटमेंट के रूप में भी आवास नहीं मिला है व इस मुद्दे पर नगर निगम कान में तेल डाल कर बैठ गई है। 

आगे उन्होंने बताया कि जबकि नगर निगम को 3764 आवेदन खोरी गांव की ओर से प्राप्त हो चुके हैं और नगर निगम ने 1481 आवेदन अस्वीकृत कर दिये हैं और 771 को नगर निगम ने स्वीकृत किया है। मजदूर आवास संघर्ष समिति यह मांग करती है कि 1481 आवेदन जो अस्वीकृत किए गए हैं उन आवेदनकर्ता परिवारों को अस्वीकृति के संबंध में आदेश जारी किए जाने चाहिए ताकि जिन परिवारों के आवेदन अस्वीकृत हुए हैं या रिजेक्ट हुए हैं उन्हें भी अपील करने का मौका मिले किंतु अपारदर्शिता के चलते नगर निगम विस्थापित परिवारों के साथ धोखा एवं अत्याचार कर रही है जिसका मजदूर आवास संघर्ष समिति विरोध करेगी। 

फरीदाबाद नगर निगम के वकील ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि भुगतान करने से संबंधित कुछ पत्र अनजाने में जारी हो गए हैं और उन्हें तुरंत वापस ले लिया जाएगा।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, "नवीनतम योजना के अनुसार लॉटरी के ड्रा के बाद अंतिम आवंटन पत्र जारी होने पर ही संबंधित आवंटियों से अग्रिम राशि एकत्र की जाएगी।"

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि ड्रा के उपरांत अंतिम आवंटन होने के बाद ही भुगतान का सवाल उठेगा।

पारिख ने कहा कि दूसरा मुद्दा पात्र आवेदकों के छह महीने तक 2,000 रुपये प्रति माह के भुगतान के संबंध में है, जिन्हें अस्थायी आवास नहीं दिया जा रहा है।

इस मुद्दे पर, नगर निगम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज ने कहा कि शिकायत पर गौर किया जाएगा और यदि भुगतान न करने का मामला सत्यापन का विषय है तो सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

भारद्वाज ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता अदालत में आवेदन दायर करने से पहले मुद्दों पर उनके साथ संवाद कर सकते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह नगर निकाय को उचित कदम उठाने की सलाह दे सकें।

पीठ ने उनके रुख की सराहना की और कहा कि भविष्य में याचिकाकर्ताओं को उस मुद्दे के बारे में निगम के वकील को सूचित करना चाहिए जिसके संबंध में निवारण की मांग की जा रही है।

न्यायालय ने कहा कि यदि मामला सूचना की तारीख से दो सप्ताह से अधिक समय तक अनसुलझा रहता है, तो याचिकाकर्ता इस संबंध में अदालत के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।

मामले में अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

पीठ ने वन भूमि के मुद्दे से संबंधित मामले को भी देखा जिसमें हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को हलफनामा दायर किया था।

न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में 15 नवंबर को दलीलें सुनेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )

Khori village
Khori Rehabilitation Crisis
Supreme Court
Mazdoor Awas Sangharsh Samiti

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • MGNREGA
    सरोजिनी बिष्ट
    ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’
    27 Apr 2022
    मनरेगा में बनाये गए तलाबों की स्थिति का जायजा लेने के लिए जब हम लखनऊ से सटे कुछ गाँवों में पहुँचे तो ‘आदर्श’ के नाम पर तालाबों की स्थिति कुछ और ही बयाँ कर रही थी।
  • kashmir
    सुहैल भट्ट
    कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं
    27 Apr 2022
    सरपंचों का आरोप है कि उग्रवादी हमलों ने पंचायती सिस्टम को अपंग कर दिया है क्योंकि वे ग्राम सभाएं करने में लाचार हो गए हैं, जो कि जमीनी स्तर पर लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए…
  • THUMBNAIL
    विजय विनीत
    बीएचयू: अंबेडकर जयंती मनाने वाले छात्रों पर लगातार हमले, लेकिन पुलिस और कुलपति ख़ामोश!
    27 Apr 2022
    "जाति-पात तोड़ने का नारा दे रहे जनवादी प्रगतिशील छात्रों पर मनुवादियों का हमला इस बात की पुष्टि कर रहा है कि समाज को विशेष ध्यान देने और मज़बूती के साथ लामबंद होने की ज़रूरत है।"
  • सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    पीपल्स डिस्पैच
    सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
  • picture
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अर्जेंटीना ने लिया 45 अरब डॉलर का कर्ज
    27 Apr 2022
    अर्जेंटीना की सरकार ने अपने देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के साथ 45 अरब डॉलर की डील पर समझौता किया। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License