NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यमन में बच्चों में कुपोषण ख़तरनाक गति से बढ़ रहाः यूएन
वर्ष 2015 के बाद से सऊदी के नेतृत्व में युद्ध की वजह से अरब के इस सबसे ग़रीब देश में आवश्यक खाद्य पदार्थों की भारी कमी है और उनकी क़ीमतें आसमान छू रही हैं।
पीपल्स डिस्पैच
28 Oct 2020
यमन

मंगलवार 27 अक्टूबर को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार युद्धग्रस्त यमन में खाद्य पदार्थों की कमी के कारण बच्चों में कुपोषण के मामले तेज़ गति से बढ़ रहे हैं जो चिंताजनक है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि इस देश में बड़ी संख्या में खाद्य सहायता कार्यक्रम फंड की कमी के कारण अपने संचालन को बंद कर रहे हैं या कम कर रहे हैं।

नवीनतम इंटिग्रेटेड फुड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (आईपीसी) के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में यमन में पांच वर्ष से कम उम्र के कुपोषित बच्चों की संख्या में 10% की वृद्धि हुई है। इसमें यह भी कहा गया है कि दक्षिणी यमन में हर चार में से एक बच्चा कुपोषित है। दक्षिणी यमन में बच्चों में तीव्र कुपोषण में कुल वृद्धि 15% से अधिक है। तीव्र कुपोषण का मतलब बच्चों की छोटी-मोटी बीमारियों और मृत्यु के ख़तरे में वृद्धि है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यमन में लगभग 40% आबादी या लगभग 3.2 मिलियन लोग खाद्य पदार्थों से असुरक्षित होंगे। रिपोर्ट के अनुसार संघर्ष के कारण देश में युद्ध के पूर्व समय की तुलना में खाद्य क़ीमतों में 140% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि यमन के अधिकांश लोग बाज़ार क़ीमत पर भोजन ख़रीदने में असमर्थ हैं।

यमन वर्ष 2015 से अमेरिका समर्थित सऊदी गठबंधन नेतृत्व वाले युद्ध का सामना कर रहा है जिसने लाखों लोगों को विस्थापित किया है। इस युद्ध ने पहले से ही कमज़ोर अर्थव्यवस्था को व्यापक बेरोज़गारी और आवश्यक वस्तुओं की क़ीमतों में वृद्धि के साथ प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। COVID-19 महामारी और विनाशकारी बाढ़ के हालिया प्रकोप ने देश में लोगों की हालत को और बदतर कर दिया है।

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन कोऑर्डिनेटर लिसा ग्रांडे के अनुसार, "यदि युद्ध अब समाप्त नहीं होता है तो हम एक अपरिवर्तनीय स्थिति तक पहुंच रहे हैं और यमन के छोटे बच्चों की एक पूरी पीढ़ी को खोने का ख़तरा है।"

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सहायता कार्यक्रम को इस वर्ष भारी फंड संकट का सामना करना पड़ रहा है जो बड़ी संख्या में एजेंसियों को देश में अपना परिचालन बंद करने या अपने संचालन को कम करने के लिए मजबूर कर रहा है। यूएन के अनुसार देश में खाद्य सहायता कार्यक्रमों को चलाने के लिए कुल 3.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की आवश्यकता है जबकि इस वर्ष अक्टूबर तक सिर्फ 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर ही प्राप्त हुआ है।

वर्तमान में हौथिस नियंत्रण में उत्तरी यमन पर एक ऐसी ही रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी।

yemen
Yemeni children
malnutrition in children
malnutrition
Integrated Food Security Phase Classification
COVID-19
United nations
UN

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License