NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Apr 2022
bihar
फ़ोटो साभार: दैनिक भास्कर

स्कूल में बच्चों को मिड डे मील के दौरान खाने में छिपकली पाए जाने और इसके संक्रमण से बड़ी संख्या में बच्चों के बीमार होने की खबरें आती रही हैं। लेकिन इस बार बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल है। कृमि दिवस पर शुक्रवार को कृमि मुक्ति के लिए बच्चों की दी गई एल्बेंडाजोल की खुराक से भागलपुर के एक स्कूल में अचानक 32 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद स्कूल में अफरी तफरी की स्थिति पैदा हो गई।

ज्ञात हो कि बिहार सरकार ने एक सप्ताह के भीतर सभी बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा देने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत ही सभी जगह बच्चों को दवा खिलाई जा रही है। इसी क्रम में बच्चों के बीमार होने की घटना सामने आ रही है।

दस्त व चक्कर आने लगी और बच्चे बेहोश होने लगे

हिंदुस्तान अखबार के मुताबिक ये घटना भागलपुर के रत्तीपुर बैरिया पंचायत के रसीदपुर भीट स्थित प्राथमिक विद्यालय अजमेरीपुर की है। इस विद्यालय में शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे कृमि मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल दवा खाने से अचानक 32 बच्चों की तबीयत खराब हो गई। दवा देने के बाद कुछ ही मिनटों में बच्चों को दस्त व चक्कर आने लगी और बच्चे बेहोश होने लगे। कुछ ही मिनटों में विद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के परिजन व गांव के लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। विभाग से दवा लेकर आई एएनएम और ड्राइवर समेत विद्यालय के प्राचार्य को गांव वालों ने बंधक बना लिया।

बीमार बच्चों के माता-पिता ने आनन फानन में नजदीकी निजी अस्पताल में बच्चों को बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया। घटना की सूचना पर नाथनगर पुलिस मौके पर पहुंची और बंधक बने लोगों को ग्रामीणों से छुड़ाने का प्रयास किया। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों का कहना था कि शिक्षकों ने जबरन बच्चों को दवा की ज्यादा डोज दे दी। इस कारण बच्चे बेहोश होकर विद्यालय में गिरने लगे थे। आक्रोशित लोगों ने बंधक बने कर्मी को ले जाने से पुलिस को रोक दिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर डीसीएलआर सदर गिरिजेश कुमार समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद सरकारी एम्बुलेंस से तत्काल 15 बच्चों को नाथनगर रेफरल अस्पताल भेजा गया। वहीं 15 बच्चों को सदर और कुछ निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब सभी अधिकारियों ने बच्चों के ठीक होने का भरोसा दिलाया तब लोग माने और एएनएम व प्राचार्य को सकुशल जाने दिया।

बच्चों की स्थिति ख़तरे से बाहर: सिविल सर्जन

नाथनगर रेफरल अस्पताल पहुंचे सिविल सर्जन उमेश शर्मा ने सभी बीमार बच्चों की जांच की। उन्होंने मीडिया को बताया कि "सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है और खतरे से बाहर है। 15 बच्चों का इलाज नाथनगर रेफरल अस्पताल में कराया गया है। कोई परेशानी की बात नहीं है।" वहीं नाथनगर रेफरल अस्पताल की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनुपमा सहाय ने बताया कि 15 बच्चों का इलाज यहां किया गया है। बच्चों द्वारा हृदय गति, पेट दर्द, चक्कर आना, सिर दर्द आदि जैसी शिकायत की गयी थी। ओआरएस, खिचड़ी, जूस बच्चों को दिया गया। शाम तक सभी चिकित्सक की देखरख में रहेंगे। देर शाम उन्हें घर भेज दिया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कृमि की दवाई खाने के बाद अमूमन उल्टी व सिर दर्द होता है। सभी बच्चे ठीक हैं। वहीं अस्पताल में इलाजरत शबनम समेत अन्य छात्र-छात्राओं ने बताया कि भात सब्जी खिलाने के बाद लाइन में लगाकर दवा खिलाई गई। अचानक किसी को सरदर्द तो किसी को उलटी होने लगी।

अजमेरीपुर में स्कूली छात्र-छात्राओं को अल्बेंडाजोल देने बाद बच्चों के बीमार होने की घटना में आक्रोशित ग्रामीणों ने ड्यूटी पर पहुंची एएनएम रंजीता कुमारी और विद्यालय के प्राचार्य शशिभूषण प्रसाद को पीटा और बंधक बना लिया।

मुंगेर में 66 बच्चे बीमार

उधर मुंगेर में भी इसी तरह की घटना सामने आई है जहां एल्बेंडाजोल दवा खाने के बाद 66 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक घटना बरियारपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय घोरघट की है। विद्यालय के सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को कृमि दवा एल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई गई थी। इसके खाने के कुछ ही समय बाद बच्चों की तबीयत खराब होने लगी और कई बच्चे बेहोश हो गए जिसके बाद विद्यालय प्रबंधन में अफरा तफरी मच गई। कई बच्चों ने पेट दर्द की शिकायत की तो कई को दस्त होना शुरू हो गया। अधिकांश बच्चों को डिहाइड्रेशन हो गया।

शिक्षकों द्वारा दी गई सूचना के बाद डॉक्टरों की टीम स्कूल पहुंची और बीमार छात्र-छात्राओं का इलाज शुरू किया गया। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को इलाज के लिए बरियारपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया। सांस फूलने की शिकायत पर करीब आधा दर्जन से अधिक बच्चों को ऑक्सीजन लगाया गया। वहीं कई बच्चों को सलाईन चढ़ाने की नौबत आ गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीम भी मौके पर पहुंच गई। जिले के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी स्कूल पहुंच कर हालात का जायजा लिया।

बरियारपुर पीएचसी प्रभारी के मुताबिक एल्बेंडाजोल की दवा मिड डे मील खाने के बाद बच्चों को खिलाने का निर्देश दिया गया था लेकिन बच्चों को खाली पेट ही दवा खिला दी गई जिसके कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने बताया कि बीमार बच्चों का इलाज चल रहा है और सभी खतरे से बाहर हैं। हालांकि स्कूल के प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि बच्चों से खाना खाने की बात पूछने के बाद ही दवा खिलाई गई थी।

बेगूसराय में एल्बेंडाजोल की खुराक से 5 बच्चे बीमार

बेगूसराय में 5 बच्चे दवा खाकर बीमार पड़ गए। शुक्रवार को कृमि दिवस के अवसर पर बलिया नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत लखमिनिया बाजार मध्य विद्यालय में बच्चों को अल्बेंडाजोल का टेबलेट खिलाई गई। खाने वाले 5 बच्चे बीमार पड़ गए थे, जो अब इलाज के बाद स्वस्थ हो गए। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। अस्पताल में बच्चों को दवाई और सलाइंग चढ़ाया गया। बच्चों में दवा खाने के बाद कमजोरी आना, चक्कर आना, जी का मत लाना और बेहोशी जैसी स्थिति के बाद सभी को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

सीवान में कृमि दवा से 7 बच्चे हुए बीमार

सीवान के सिसवन प्रखंड क्षेत्र के मध्य विधालय पड़री में कृमि दिवस पर एल्बेंडाजोल की दवा खाने से 7 बच्चे बेहोश हो गए। इसके बाद स्कूल में अफरातफरी का माहौल बन गया। घटना की सूचना मिलते ही बच्चों के परिजन स्कूल पहुंच गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना बीडीओ सूरज कुमार सिंह को दी। सूचना मिलते ही बीडीओ मेडिकल टीम के साथ विधालय पहुंचे तब बच्चों का उपचार किया गया। इसके बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ।

Bihar
mid day meal
Mid Day Meal Scheme

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License