NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अपने ही देश के आठ राज्यों में नहीं जा पा रहे हैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री
दोनों को इन सभी राज्यों में कहीं न कहीं जाकर इस धारणा को तोड़ना चाहिए कि असम और कश्मीर में उनके कदम का विरोध हो रहा है।
रवीश कुमार
10 Jan 2020
Modi and Shah
Image courtesy: India Today

नागरिकता क़ानून के पास होते ही गृहमंत्री अमित शाह को मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में दौरा करना पड़ा। क़ायदे से जहां से इस क़ानून की उत्पत्ति हुई है वहाँ जाकर लोगों को समझाना था मगर एक महीना हो गया ग़हमंत्री असम या पूर्वोत्तर के किसी राज्य में नहीं जा सके हैं।

अमित शाह दिल्ली के चुनावों में लाजपत नगर का दौरा कर रहे हैं लेकिन डिब्रूगढ़ जाकर लोगों को नागरिकता क़ानून नहीं समझा पा रहे हैं। मुख्यमंत्री से दिल्ली में मिल रहे हैं।

वैसे क्या आपको पता है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों की कश्मीर नहीं गए हैं। भाषण तो बड़ा दिया था कि कश्मीर के लोग हमारे हैं। हम गले लगाएँगे लेकिन अभी तक जाने का वक्त नहीं मिला।

वैसे प्रधानमंत्री मोदी असम भी नहीं जा पा रहे हैं। 15-16 दिसंबर को जापान के प्रधानमंत्री के साथ ईवेंट था। दौरा रद्द करना पड़ा। तब वहाँ नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध हो रहा था। वो एक महीने बाद तक हो रहा था जिसके कारण वे शुक्रवार को खेलो इंडिया के उद्घाटन करने जाने वाले थे मगर नहीं जा सके।

तो एक महीने हो गए हैं भारत के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आठ राज्यों में नहीं जा पा रहे हैं। दोनों को इन सभी राज्यों में कहीं न कहीं जाकर इस धारणा को तोड़ना चाहिए कि असम और कश्मीर में उनके कदम का विरोध हो रहा है।

यही नहीं नागालैंड के नागा पिपल्स फ़्रंट NPF के राज्य सभा सांसद के जी केन्ये को पार्टी ने बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने सदन में नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में वोट किया था। NPF के लोकसभा सांसद ने भी समर्थन में वोट किया था उन पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

नागरिकता संशोधन क़ानून में पश्चिमी देशों की आलोचना से बचने के लिए ईसाई को भी जोड़ा गया जबकि उनके भी बहुमत वाले कई देश हैं। लेकिन इसके बाद भी ईसाई समुदाय इस क़ानून की विभाजनकारी नीयत को समझ गया है। कर्नाटक में ईसाई समुदाय के कई नेताओं ने इस क़ानून का विरोध किया है। बंगलुरू के आर्कबिशप के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है। इसमें अपील की गई है कि धर्म के आधार पर नागरिकता न देखें। ईसाई धर्मगुरुओं ने उन समुदायों के प्रति सहानुभूति जताई है जो इस क़ानून के कारण ख़ुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।

(रवीश कुमार वरिष्ठ पत्रकार और टीवी एंकर हैं। उनका यह टिप्पणी उनके आधिकारिक फेसबुक पेज़ से साभार ली गई है। यह उनके निजी विचार हैं।)

Narendra modi
Amit Shah
Assam
Jammu and Kashmir
CAA
NRC
meghalaya
Arunachal Pradesh
Article 370
Nagaland
NPR

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License