NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
अमेरिका
फ़िलिस्तीनियों ने इज़रायल के साथ संबंध "सामान्य" करने वाले समझौतों का विरोध किया
क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में और वाशिंगटन डीसी में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यूएई और बहरीन के समझौतों की निंदा की और इस क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने की क़सम खाई।
पीपल्स डिस्पैच
16 Sep 2020
फ़िलिस्तीनियों

क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में सैकड़ों फिलिस्तीनी मंगलवार 15 सितंबर को कुछ अरब देशों द्वारा इज़रायल के साथ संबंधों के "सामान्य" करने की घोषणा के ख़िलाफ़ अपनी अस्वीकृति और नाराज़गी व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

प्रदर्शनकारी क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक और गाजा में रामल्ला, नबलूस और हेब्रोन जैसे बड़े शहरों में बड़ी संख्या में फिलिस्तीन के झंडे के साथ इकट्ठा हुए और इस दौरान वे अपने हाथों में नारा लिखे बैनर लिए हुए थे जिस पर लिखा "क़ब्ज़े करने वालों से सामान्य नहीं"। कुछ बैनरों में अमेरिका की मध्यस्थता से बहरीन और यूएई द्वारा इज़रायल के साथ हस्ताक्षर किए गए समझौतों को "शर्म के समझौते" और "देशद्रोह" भी लिखा था।

रामल्ला में जहां बड़े विरोध का आयोजन किया गया था वहां के क़ब्ज़े वाले इलाकों में COVID-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में बाहर आए। 15 सितंबर को वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में 1118 से अधिक नए संक्रमण दर्ज किए गए और इन दोनों क्षेत्रों में कुल संक्रमणों की संख्या 40,000 से अधिक हो गई। प्रदर्शनकारियों ने इज़रायल के क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ और फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प ज़ाहिर किया।

व्हाइट हाउस के बाहर वाशिंगटन डीसी में 50 से अधिक संगठनों ने इन समझौतों के ख़िलाफ़ एक संयुक्त प्रदर्शन का आह्वान भी किया था।

व्यापक रूप से डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी चाल के रूप में देखे जाने वाले इन समझौतों ने अरब देशों के बीच फिलिस्तीन के मुद्दे पर विभाजन को उजागर किया है। यूनाइटेड अरब अमीरात से पहले मिस्र और जॉर्डन केवल दो अरब देश थे जिन्होंने अगस्त महीने में इज़रायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने की घोषणा करते हुए इजरायल को मान्यता दी थी। अधिकांश अन्य देशों ने अरब शांति पहल जो साल 2002 में अरब लीग द्वारा अपनाए गए सिद्धांत के अनुसार अपना पक्ष व्यक्त किया है। इसके अनुसार लीग का कोई भी सदस्य इज़रायल को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक कि फिलिस्तीन का मसला हल नहीं हो जाता। हालांकि, अमेरिका ने अधिक देशों के संबंधों को सामान्य बनाने का प्रयास किया है। अब तक केवल बहरीन ने ही घोषणा की है। फिलिस्तीनियों ने इस तरह के समझौतों को फिलिस्तीनी मसलों के साथ विश्वासघात और अरब शांति पहल का उल्लंघन क़रार दिया है।

Palestine
Israel
Israel Occupied Palestine
normalisation deals
America
USA
Donald Trump
america israel deal

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    दलितों में वे भी शामिल हैं जो जाति के बावजूद असमानता का विरोध करते हैं : मार्टिन मैकवान
    12 May 2022
    जाने-माने एक्टिविस्ट बताते हैं कि कैसे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी दलित को जाति से नहीं बल्कि उसके कर्म और आस्था से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,827 नए मामले, 24 मरीज़ों की मौत
    12 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के एक हज़ार से कम यानी 970 नए मामले दर्ज किए गए है, जबकि इस दौरान 1,230 लोगों की ठीक किया जा चूका है |
  • सबरंग इंडिया
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल
    12 May 2022
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ एमपी के आदिवासी सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के साथ निर्णायक आंदोलन का आगाज करते हुए, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की।
  • Buldozer
    महेश कुमार
    बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
    11 May 2022
    जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
  • Professor Ravikant
    न्यूज़क्लिक टीम
    संघियों के निशाने पर प्रोफेसर: वजह बता रहे हैं स्वयं डा. रविकांत
    11 May 2022
    लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ आरएसएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता हाथ धोकर क्यों पड़े हैं? विश्वविद्यालय परिसरों, मीडिया और समाज में लोगों की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License