NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित प्रक्रिया के बिना म्यांमा प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा:सुप्रीम कोर्ट
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तुरंत रिहा करने और उन्हें म्यांमा प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
08 Apr 2021
  हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित प्रक्रिया के बिना म्यांमा प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा:सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्टने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना म्यांमा प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तुरंत रिहा करने और उन्हें म्यांमा प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था।

केंद्र ने इससे पहले याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों की ‘‘राजधानी’’ नहीं बन सकता।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या बच्चों की हत्याएं कर दी जाती है और उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तथा म्यांमा की सेना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने में नाकाम रही है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ लंबित मामले में रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद सलीमुल्ला द्वारा दाखिल अंतरिम अर्जी पर अपना आदेश दिया। 

उच्चतम न्यायालय ने 26 मार्च को अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली थी।

केंद्र ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों की राजधानी नहीं बन सकता।

इससे बुधवार को सुनवाई के दौरन केंद्र ने दलील दी थी कि वे (रोहिंग्या) शरणार्थी नहीं है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल एक याचिका पूर्व में खारिज कर दी थी।

इसके जबाब में भूषण ने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में रोहिंग्या लोगों को हिरासत में लिया और जल्द ही उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।

न्यायालय में लंबित जनहित याचिका में 11 मार्च को एक अंतरिम अर्जी दाखिल कर जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
आपको बता दे अभी वर्तमान में भी म्यांमार जल रहा है। एक फरवरी को आंग सान सूकी की चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट करने के बाद से प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग मारे जा रहे हैं।

हताहतों एवं गिरफ्तारियों पर नज़र रखने वाली संस्था असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स (एएपीपी) के मुताबिक म्यांमार में अबतक 564 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है।

ऐसे में इन शरणार्थियों को वापस भेजने की चर्चा हो रही है जिसको लेकर सभी डरे हुए हैं और कह रहे हैं,"इससे बेहतर होगा भारत सरकार हम सबको इकठ्ठा करके किसी समंदर में फेंक दे या एक साथ सभी को गोली से भुनवा दे।"

Rohingyas
Myanmar
Supreme Court
Jammu and Kashmir

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?


बाकी खबरें

  • jammu and kashmir
    लव पुरी
    जम्मू-कश्मीर में आम लोगों के बीच की खाई को पाटने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं
    17 Mar 2022
    इन भाषाई एवं जातीय रूप से विविध क्षेत्र की अपनी विशिष्ट समस्याएं हैं, जिनके लिए अनुकूलित विशेष पहल की दरकार है, जिन पर लगता है कोई भी काम नहीं कर रहा है। 
  • अरुण कुमार त्रिपाठी
    केजरीवाल के आगे की राह, क्या राष्ट्रीय पटल पर कांग्रेस की जगह लेगी आप पार्टी
    17 Mar 2022
    मोदी-आरएसएस से सीधे भिड़े बिना कांग्रेस को निपटाती आप पार्टी, क्या एक बार फिर केजरीवाल की ‘अस्पष्ट’ विचारधारा के झांसे में आएगा देश?
  • राहुल कुमार गौरव
    ग्राउंड रिपोर्ट: कम हो रहे पैदावार के बावजूद कैसे बढ़ रही है कतरनी चावल का बिक्री?
    17 Mar 2022
    विश्व में अपनी स्वाद और जिस खुशबू के लिए कतरनी चावल को प्रसिद्धि मिली। आज उसी खुशबू का बिजनेस गलत तरीके से किया जा रहा है। कतरनी चावल जैसे ही महीन चावल में सुगंधित इत्र डालकर कतरनी के नाम पर बेचा जा…
  • अनिल अंशुमन
    ‘बिहार विधान सभा पुस्तकालय समिति’ का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर वामपंथ के माले विधायक ने रचा इतिहास
    17 Mar 2022
    ‘पुस्तकालय-संस्कृति’ विकसित कर ‘शिक्षा में क्षरण’ से निजात पाने के जन अभियान का दिया प्रस्ताव
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़: आदिवासियों के फ़र्ज़ी एनकाउंटर वाले एड़समेटा कांड को 9 साल पूरे, माकपा ने कहा दोषियों पर दर्ज हो हत्या का मामला 
    17 Mar 2022
    छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले स्थित एड़समेटा गांव में,  पुलिस गोलीबारी के दौरान चार नाबालिग समेत 8 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने इस नक्सली ऑपरेशन के तौर पर पेश किया था, परन्तु अब जाँच रिपोर्ट आई जिसने साफ…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License