NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
इतवार की कविता : मज़ूर
अभी कल मई दिवस बीता है। मई दिवस यानी मज़दूरों का दिन। ' इतवार की कविता ' में आइए पढ़ते हैं कवि और संस्कृतिकर्मी शोभा सिंह की इसी मौके के लिए ख़ास लिखी गई कविता 'मज़ूर' ।
न्यूज़क्लिक डेस्क
02 May 2021
मज़ूर
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

मज़ूर
--------------------------------

हमारे भीतर

उनका दर्द

बना रहेगा

वे मज़दूर

जो इतिहास में

कहीं दर्ज नहीं

एक सदी से दूसरी सदी में

फलांगते

कुर्बानियां देते रहे

उनके शोषण का ज़ख्म

हमेशा हरा रहा

सभी समाज में

हाशिये की तय जगह

पर स्थित

सीलन और सिकुड़न भरी

आमतौर पर

नाले, नाली के ऊपर की

रिहाईश

अफ़सोस जहां

चांद, सूरज मयस्सर नहीं

वहां शिकारी

अंधेरे कूप की दंगाई विचारधारा,

गर्वीला हिंदुत्व का वायरस डालता

आज के मज़ूर में

और

सत्ता उनका इस्तेमाल करती

 

वहीं कुछ जीवन वाले मज़दूर

रचते रहे

        अपना सर्वोत्तम

        हमेशा की तरह

        दूसरों के नाम

 

हाड़-तोड़ मेहनत के बाद

लौटते अपने दड़बे में

  रोटी

रात की नींद लेने

नींद के सपनों से

जीवन की ऊर्जा

  खींच लेते

उन्हें तंगदिल मालिकों से

पैसे उतने ही मिलते

जिनसे वे ज़िंदा रह सकें

 

जीवन की गति

उम्र का सहज उल्लास

हृदय की दरारों से

फूट पड़ता

वे मिलकर

उल्लास से उत्सव मनाते

मालिक उन्हें मशीन

नहीं बना पाता

 

जब बुरे दिनों की आमद

तेज़ी से होती

भरभरा कर गिरती

ग़रीब की दुनिया

रोज़गार नहीं

राशन के खाली कनस्तर

बदहाली के ढोल से बजते

मोटरियों से चूहों की भाग-दौड

बेघर हो वे

  सड़क पर

बच्चों की अपनों की भूख से

       विचलित

राह तलाशते

कठिन से सरल के

चक्रव्यूह में

धंसते

रक्त रंजित, दूर घर का रास्ता

 

विकट समय है

आज जो तटस्थ है

समय उसका भी अपराध

लिखेगा

ज़रूर । । 

--
- शोभा सिंह

Sunday Poem
poem
Hindi poem
May Day
Workers and Labors
Majdur

Related Stories

उनके बारे में सोचिये जो इस झुलसा देने वाली गर्मी में चारदीवारी के बाहर काम करने के लिए अभिशप्त हैं

मज़दूर दिवस : हम ऊंघते, क़लम घिसते हुए, उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे

दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई

ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना

मई दिवस ज़िंदाबाद : कविताएं मेहनतकशों के नाम

मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश

ग्राउंड रिपोर्ट: देश की सबसे बड़ी कोयला मंडी में छोटी होती जा रही मज़दूरों की ज़िंदगी

इतवार की कविता : 'आसमान में धान जमेगा!'

इतवार की कविता: लखीमपुर के शहीद किसानों का मर्सिया

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
    19 May 2022
    पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी अप्रैल का बकाया वेतन जारी करने और नियमित नौकरी की मांग को लेकर लुधियाना में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप
    19 May 2022
    नए पाठ्यक्रम में कई लेखकों के पाठ को सिलेबस से हटा दिया गया है तो वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को शामिल किया गया है, जो कर्नाटक में विवाद का नया केंद्र बन गया…
  • sikligar samaj
    न्यूज़क्लिक टीम
    कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है
    19 May 2022
    मध्य प्रदेश के दक्षिण में महाराष्ट्र से सटे 6 जिले बड़वानी, खरगोन, धार, बुरहानपुर, खंडवा और इंदौर में सिखों की उपजाति "सिकलीगर" समुदाय के 40 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते हैं।  इस समुदाय के लोगों को ताले…
  • श्रीधर राममूर्ति
    कोयले की कमी? भारत के पास मौजूद हैं 300 अरब टन के अनुमानित भंडार
    19 May 2022
    भारत को कोयला खदानों के लिए गहन योजना बनाने और प्रभावी प्रबंधन की ज़रूरत है।
  • बी. सिवरामन
    मज़दूर वर्ग को सनस्ट्रोक से बचाएं
    19 May 2022
    सरकारों और श्रम विभागों को नियम बनाना चाहिए कि जहां बाहर काम किया जाता है, वहां एक अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लिनिक की व्यवस्था अवश्य हो जहां सनस्ट्रोक वाले कुछ रोगियों को आपातकालीन उपचार प्रदान किया…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License