NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
फिल्में
भारत
मीरा नायर को ‘टीआईएफएफ ट्रिब्यूट’ पुरस्कार से नवाज़ा गया
नायर के अलावा सर अन्थोनी हॉपकिंस, केट विंस्लेट, क्लो झाओ, ट्रेसी डीयर और टेरेंस ब्लान्चर्ड को टीआईएफएफ ट्रिब्यूट पुरस्कार दिया गया।
भाषा
16 Sep 2020
filmmaker mira nair
मीरा नायर (फाइल फोटो) साभार : newindianexpress

नयी दिल्ली: मीरा नायर को टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ‘ट्रिब्यूट अवार्ड’ समारोह में सोमवार रात को जेफ स्कोल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नायर द्वारा निर्देशित छह भागों की श्रृंखला “ए सूटेबल बॉय” के दो कड़ियों से 45वें टोरंटो फिल्म महोत्सव का शनिवार को समापन होगा। फिल्म अभिनेत्री तब्बू ने नायर को पुरस्कार देते हुए कहा, “जब मीरा नायर बच्ची थीं तब खुद से पूछती थीं कि क्या कला से दुनिया बदली जा सकती है? उन्होंने साबित कर दिया कि ऐसा किया जा सकता है। और इस प्रकार उन्होंने सिनेमा का बहुत ऊंचा मानक गढ़ दिया।”

नायर के अलावा सर अन्थोनी हॉपकिंस, केट विंस्लेट, क्लो झाओ, ट्रेसी डीयर और टेरेंस ब्लान्चर्ड को टीआईएफएफ ट्रिब्यूट पुरस्कार दिया गया।

इस अवसर पर नायर ने कहा, “मैं जब काम करती हूं तो मजा आता है इसलिए मैं टोरंटो फिल्म महोत्सव को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मेरे इस आनंद के लिये मुझे पुरस्कृत किया।”

film
film festival
filmmaker
mira nair
TIFF
TABBU
Award

Related Stories

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत : नहीं रहे हमारे शहज़ादे सलीम, नहीं रहे दिलीप कुमार

शैलेंद्र: किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार... जीना इसी का नाम है

जल-जंगल-ज़मीन पर बनी फ़िल्म “स्प्रिंग थंडर” के निर्देशक श्रीराम डाल्टन से एक मुलाक़ात

‘हमारी फिल्मों का ‘ऑस्कर’ वाला ख्व़ाब’!

'छपाक’: क्या हिन्दू-मुस्लिम का झूठ फैलाने वाले अब माफ़ी मांगेंगे!

आर्टिकल 15 : एक आधी-अधूरी कोशिश!

100 से ज़्यादा फिल्मकारों की भाजपा को वोट न देने की अपील

पैड वुमन : हापुड़ से लॉस एंजेलिस तक का सफ़र

“सच जानने के लिए हमें अपना मीडिया खुद बनाना होगा”


बाकी खबरें

  • रिचर्ड डी. वोल्फ़
    यूक्रेन युद्ध में पूंजीवाद की भूमिका
    15 Apr 2022
    वैश्विक युद्ध हमेशा पूंजीवाद के वैश्वीकरण और इसके मुनाफ़े के मक़सद के साथ होता रहा है।
  • बी. सिवरामन
    क्या एफटीए की मौजूदा होड़ दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था परिपक्व हो चली है?
    15 Apr 2022
    अक्सर यह दावा किया जाता है कि मुक्त व्यापार समग्र रूप से तथाकथित 'राष्ट्रीय हितों' की पूर्ति करेगा। यह बकवास है। कोई भी एफटीए केवल निर्माताओं, अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों, खनिकों और खनिज निर्यातकों तथा…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    अब भी संभलिए!, नफ़रत के सौदागर आपसे आपके राम को छीनना चाहते हैं
    15 Apr 2022
    हिंसा को स्वीकार्य बनाने के लिए कट्टरपंथी शक्तियों द्वारा संचालित मानसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शायद पूर्ण हो चुका है और हममें से अधिकांश संभवतः इसमें ए प्लस ग्रेड भी अर्जित कर चुके हैं इसलिए इन शोभा…
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन
    15 Apr 2022
    ऐसा प्रतीत होता है कि ज़्यादातर सूचनाएँ अभी भी शीत-युद्धकालीन मानसिकता से ग्रसित हैं, जो मानवता को दो विरोधी ख़ेमों में बाँटकर देखती है। हालाँकि, सच ये नहीं है।
  • विजय विनीत
    बनारस में गंगा के बीचो-बीच अप्रैल में ही दिखने लगा रेत का टीला, सरकार बेख़बर
    15 Apr 2022
    बनारस की गंगा में बालू के टीले पहले जून के महीने में दिखाई देते थे। फिर मई में और अब अप्रैल शुरू होने के पहले ही दिखाई देने लगे हैं, जो चिंता का विषय है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License