NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
 अर्जेंटीना में दौरे पर आए आईएमएफ प्रतिनिधियों के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे
आईएमएफ प्रतिनिधियों का दौरा आज के लिए निर्धारित है। वे पिछली सरकार द्वारा लिए गए 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज के पुनर्भुगतान की चर्चा के लिए यहां मौजूद है ।
पीपल्स डिस्पैच
12 Feb 2020
protest aginest imf

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और इसकी नवउदारवादी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मंगलवार यानी 11 फरवरी को हजारों लोग अर्जेंटीना की सड़कों पर उतरे। आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल द्वारा 12 फरवरी को होने वाले दौरे के मद्देनजर ये विरोध प्रदर्शन किया गया था। ये प्रतिनिधिमंडल 44 बिलियन यूएस डॉलर के ऋण के संबंध में चर्चा करने के लिए आर्जेंटीना के दौरे पर है। 

आईएमएफ को नकारते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार से गरीबी और भुखमरी के मुद्दों से निपटने के लिए अपने सामाजिक खर्च को और बढ़ाने की मांग की तथा और अधिक प्रयास करने को कहा।


पूर्व राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री द्वारा आईएमएफ के इशारे पर लागू की गई नवउदारवादी नीतियों के कारण अर्जेंटीना बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। उनकी सरकार ने आईएमएफ के साथ 2018 में 56 बिलियन डॉलर के ऋण सौदे पर हस्ताक्षर किए।


मैक्री का कार्यकाल अर्जेंटीना के पैसो के अवमूल्यन का साक्षी बना। मैक्री के शासन में  पैसो का 566% अवमूल्यन हुआ। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र पर व्यवस्थित हमले की शुरूआत भी की। उन्होंने हजारों नौकरियों और प्रमुख सामाजिक कार्यक्रमों में कटौती की जो गरीबी को कम करने में काफी महत्वपूर्ण थे।


मैक्री के कार्यकाल के दौरान इस देश में उनकी आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल किए गए। 2019 के चुनाव में उन्हें अपनी दक्षिणपंथी और कठोर नीतियों के खिलाफ लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा और इस तरह मैक्री वामपंथी अल्बर्टो फर्नांडीज से हार गए।


फर्नांडीज ने मैक्री सरकार द्वारा लागू की गई कई जनविरोधी आर्थिक नीतियों को समाप्त कर दिया। उन्होंने बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं की कीमत को कम कर दिया, दवाओं की कीमतों को कम कर दिया, विशेष, वंचित और सेवानिवृत्त लोगों के लिए विशेष बोनस की घोषणा की, गर्भपात की गोलियों की बिक्री पर प्रतिबंध को समाप्त कर दिया।

IMF delegates in Argentina
IMF
Argentina
Protest

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

लखीमपुर खीरी कांड में एक और अहम गवाह पर हमले की खबर  

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश
    06 May 2022
    तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है।
  • विजय विनीत
    अब विवाद और तनाव का नया केंद्र ज्ञानवापी: कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी शुरू, आरएएफ तैनात
    06 May 2022
    सर्वे का काम तीन दिन चल सकता है। शाम पांच बजे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के एक किमी के दायरे को कानून व्यवस्था के लिहाज से खाली करा लिया गया। मौके पर दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ…
  • Press Freedom Index
    न्यूज़क्लिक टीम
    Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर
    06 May 2022
    World Press Freedom Index को किस तरह से पढ़ा जाना चाहिए? डिजिटल की दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वत्नत्रता के प्लेटफॉर्म बढे है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बढ़ी है? आबादी के लिहाज़ से दुनिया के…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!
    06 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार बात कर रहे हैं तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ़्तारी और पूरे मामले की।
  • भाषा
    चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा
    06 May 2022
    माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शाह का यह कहना कि सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, इस तथ्य को छिपाने का एक प्रयास है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License