World Press Freedom Index को किस तरह से पढ़ा जाना चाहिए? डिजिटल की दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वत्नत्रता के प्लेटफॉर्म बढे है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बढ़ी है? आबादी के लिहाज़ से दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा मुल्क और सबसे बड़े लोकतंत्र में जब मीडिया का हाल बद से बदतर है तो भारत में क्या वाकई में मीडिया है या मीडिया के नाम पर कुछ अलग तरह का कारोबार हो रहा है? इन सारे सवालों पर वरिष्ठ पत्रकार और NDTV के पूर्व संपादक ऑनिंद्यो चक्रवर्ती के साथ बातचीत।