NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: फतेहपुर के चर्च में सामूहिक धर्मांतरण या विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल का बवाल?
एफ़आईआर में धर्मान्तरण के क़ानून से जुड़ी धाराओं को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया क्योंकि धर्मान्तरित किए जा रहे किसी शख़्स या उनके परिजन इस मामले में शिकायतकर्ता नहीं थे। कोर्ट से गिरफ्तार सभी लोगों को ज़मानत भी मिल गई है।
सोनिया यादव
18 Apr 2022
church
Image courtesy : christian post

उत्तर प्रदेश में कथित अवैध धर्मांतरण एक बार फिर सुर्खियों में है। महज़ कुछ दिनों पहले ही आगरा के सिकंदरा में एक मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की मर्जी से शादी को कुछ कट्टर लोगों ने विवाद बनाकर लड़के का घर जला दिया तो वहीं फतेहपुर ज़िले में विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इवेंजलिकल चर्च ऑफ़ इंडिया पर ग़ैरकानूनी रूप से धर्मांतरण करने का आरोप लगाकर चर्च का घेर लिया था। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने चर्च के पादरी समेत 26 लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद अब कोर्ट से सभी को ज़मानत मिल गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये घटना बीते गुरुवार यानी 14 अप्रैल की है और इससे जुड़े वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि चर्च को वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने घेरा हुआ है। इस दौरान उन्होंने चर्च के दरवाजे पर ताला भी लगा दिया। वीडियो में वे "बजरंग दल ज़िंदाबाद" और "जय श्री राम" के नारे लगाते दिख रहे हैं। वहीं पुलिस महिलाओं और बच्चों को अपनी गाड़ियों में चर्च से ले जाती हुई दिख रही है।

हिमांशु दीक्षित जो इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है वो खुद को वीएचपी से संबंधित बता रहा है। मीडिया से बातचीत में उसने चर्च में इतने लोगों की मौजूदगी पर सवाल उठाया। उसका दावा है कि चर्च के अंदर धर्मांतरण की प्रक्रिया चल रही थी और उसकी सूचना उसे स्थानीय लोगों से मिली, जिसकी जानकारी उन्होंने स्थानीय प्रशासन को दी। हिमांशु ने यह भी आरोप लगाया कि चर्च का यह ऐसा पांचवा प्रकरण है। उसका दावा है कि फतेहपुर के चर्चों में हिंदुओं को लालच देकर ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण कराया जा रहा है और इसके ख़िलाफ़ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उसका कहना है कि अगर कार्रवाई होती तो इस तरह की घटना नहीं होती।

बता दें कि धर्मांतरण के मामलों और आरोपों के बावजूद भारत में आज़ादी के बाद से हिन्दुओं की आबादी अब तक लगभग 80 प्रतिशत रही है और ईसाईयों की 2.30 प्रतिशत। लेकिन इसके बाद भी हिन्दू समाज में एक वर्ग ऐसा है जो ख़ुद को असुरक्षित महसूस करता है और अक्सर धर्म परिवर्तन को लेकर बवाल उठाता रहता है। हालांकि, हिंदू संगठनों के इन आरोपों का ज़्यादातर वक्त कोई सबूत नहीं मिलता है और ईसाई मिशनरियों का कहना है कि हिंदू संगठन स्वेच्छा से धर्मपरिवर्तन को भी जबरन धर्मपरिवर्तन का इल्ज़ाम लगाते हैं। यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित हिन्दू युवा वाहिनी भी धर्मांतरण के विरोध में राज्य भर में काम कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में स्थानीय पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है जिसमें धर्म के आधार पर लोगों के बीच में दुश्मनी और घृणा पैदा करने का आरोप है। एफ़आईआर में धर्मान्तरण के क़ानून से जुड़ी धाराएं भी शामिल की गयी थीं। लेकिन पुलिस के मुताबिक़, कोर्ट ने इन धाराओं को ख़ारिज कर दिया क्योंकि धर्मान्तरित किए जा रहे किसी शख़्स या उनके परिजन मामले में शिकायतकर्ता नहीं थे।

इस एफ़आईआर में 35 लोगों को नामजद किया गया है। साथ ही 20 अज्ञात लोगों का ज़िक्र भी है। इन पर आरोप लगाया गया है कि चर्च में वे लगभग 90 हिन्दुओं का धर्मान्तरण करा रहे थे वीएचपी का यह भी दावा था कि चर्च के पादरी विजय मसीह ने प्रशासन से यह बात कबूली है कि वो छल-कपट से और डरा-धमका कर हिन्दुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर उनके दस्तावेज़ों में छेड़छाड़ कर उनका नाम परिवर्तित कर रहे थे। हालांकि इसकी अब तक पुष्टि नही की जा सकी है।

वीएचपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह सब 34 दिनों से चल रहा था और धर्म परिवर्तन 40 दिनों में पूरा हो जाता। वीएचपी का ये भी कहना है कि लगभग 90 हिन्दुओं को प्रशासन के पहुंचने के पहले पीछे के दरवाज़े से चुपचाप निकाल दिया। यह भी आरोप है कि मिशन हॉस्पिटल के मरीज़ों का भी धर्मान्तरण किया जाता है और अस्पताल के कर्मचारी भी इस काम में अहम भूमिका निभाते हैं।

चर्च के पादरी का क्या कहना है?

चर्च के पादरी विजय मसीह ने पुलिस थाने में मीडिया के धर्मान्तरण के सवालों के जवाब में कहा कि हर धर्म में पूजा की जाती है। हमारे यहाँ 40 दिन का उपवास चलता है। इसलिए उपवास प्रार्थना का आयोजन किया गया था, न कि धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में ईसाई पहले भी कहते रहे हैं कि दक्षिण पंथी हिन्दू संस्थाएं उनकी प्रार्थना सभाओं को हिंसा के बल पर रोकने की कोशिश करती हैं लेकिन इसके बावजूद पुलिस ईसाइयों को ही गिरफ़्तार करती है। ईसाई प्रार्थना सभाओं में हमले इतने बढ़ गए हैं कि अब ये सभाएं खुले में या गिरजाघरों में कम होती हैं। प्रार्थना सभाएं अब अधिकतर घरों के अंदर आयोजित की जा रही हैं।

धर्मांतरण का कानून और धर्म अपनाने की संवैधानिक आज़ादी

धर्म परिवर्तन हमेशा से विवादित मुद्दा रहा है और पेचीदा भी। अब ये एक राजनैतिक मुद्दा भी बन चुका है। 2020 में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम पारित किया था जिसमें धर्मान्तरण के ख़िलाफ़ सख़्ती से पेश आने के कई प्रावधान थे। योगी सरकार का धर्मान्तरण का क़ानून 'लव जिहाद' के मामलों पर भी लागू होता है। 2022 के घोषणापत्र में भाजपा ने लिखा था कि वो 'लव जिहाद' के मामलों में कम से कम दस सालों की सज़ा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान करेंगे।

यहां ध्यान रहे कि पूरे देश के लिए कोई एक धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं है। लेकिन आठ राज्यों ने अपने-अपने कानून बनाए हैं जो जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए बनाए गए हैं। बीजेपी ने ऐसे एक राष्ट्रीय कानून की ज़रूरत की बात ज़रूर की है। ऐसे में ये जरूरी होगा ध्यान देना कि आने वाले दिनों में धर्मांतरण कानून का निशाना गैर कानूनी धर्मांतरण की बजाय कहीं स्वेच्छा से हिंदू धर्म छोड़ कोई और धर्म अपनाने की सांवैधानिक आज़ादी को न छीन ले।

इसे भी पढ़ें: क्या यूपी वाकई ‘नफ़रत की राजनीति का केंद्र बन चुका है’?

UttarPradesh
Fatehpur church
christians
church
Vishwa Hindu Parishad
bajrang dal

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  


बाकी खबरें

  • banaras
    विजय विनीत
    यूपी का रणः मोदी के खिलाफ बगावत पर उतरे बनारस के अधिवक्ता, किसानों ने भी खोल दिया मोर्चा
    03 Mar 2022
    बनारस में ऐन चुनाव के वक्त पर मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा होना भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। इसके तात्कालिक और दीर्घकालिक नतीजे देखने को मिल सकते हैं। तात्कालिक तो यह कि भाजपा के खिलाफ मतदान को बल…
  • Varanasi District
    तारिक़ अनवर
    यूपी चुनाव : बनारस की मशहूर और अनोखी पीतल पिचकारी का कारोबार पड़ रहा है फीका
    03 Mar 2022
    बढ़ती लागत और कारीगरों की घटती संख्या के कारण पिचकारी बनाने की पारंपरिक कला मर रही है, जिसके चलते यह छोटा उद्योग ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष रहा है।
  • migrants
    एपी
    एक सप्ताह में 10 लाख लोगों ने किया यूक्रेन से पलायन: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी
    03 Mar 2022
    संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी…
  • medical student
    एम.ओबैद
    सीटों की कमी और मोटी फीस के कारण मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं छात्र !
    03 Mar 2022
    विशेषज्ञों की मानें तो विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए जाने की दो मुख्य वजहें हैं। पहली वजह है यहां के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में सीटों की संख्या में कमी और दूसरी वजह है प्राइवेट कॉलेजों…
  • indian student in ukraine
    मोहम्मद ताहिर
    यूक्रेन संकट : वतन वापसी की जद्दोजहद करते छात्र की आपबीती
    03 Mar 2022
    “हम 1 मार्च को सुबह 8:00 बजे उजहोड़ सिटी से बॉर्डर के लिए निकले थे। हमें लगभग 17 घंटे बॉर्डर क्रॉस करने में लगे। पैदल भी चलना पड़ा। जब हम मदद के लिए इंडियन एंबेसी में गए तो वहां कोई नहीं था और फोन…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License