NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यमनः आर्थिक संकट को लेकर अदन में राष्ट्रपति भवन में घुसे लोग
सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त सैनिकों के वेतन का समय पर भुगतान नहीं करने और अन्य प्रशासनिक विफलताओं के कारण एसटीसी नियंत्रित शहर दक्षिणी यमन में विरोध प्रदर्शन हुआ।
पीपल्स डिस्पैच
17 Mar 2021
यमनः

देश में तेजी से तबाह होती आर्थिक स्थिति के विरोध में मंगलवार 16 मार्च को बड़ी संख्या में नाराज नागरिकों ने यमन के दक्षिणी हिस्से अदन में राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया। ये प्रदर्शनकारी प्रमुख रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी थे जो अपनी वेतन के भुगतान में देरी के साथ-साथ सार्वजनिक सेवाओं में गिरावट, गिरती मुद्रा और मुद्रास्फीति जैसे अन्य सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के लिए सरकार से नाराज थे।

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर अदन में पश्चिम और सऊदी सरकार समर्थित राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी का घर है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद से यमन की राजधानी साना से बाहर निकाले जाने और सत्ता से उखाड़ फेंकने के बाद से मौजूदा प्रधानमंत्री मईन अब्दुलमलिक के साथ साथ सरकार के कैबिनेट के अधिकांश सदस्य माशिक राष्ट्रपति भवन से काम कर रहे हैं।

इस समय अदन का अधिकांश हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा समर्थित दक्षिणी यमन में स्थित अलगाववादी सशस्त्र समूह एसटीसी (साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल) के नियंत्रण में है। दो युद्धरत पक्षों के हाउथी से लड़ने और एकजुट होने के फैसले से पहले जबरदस्त लड़ाई के बाद हादी सरकार से हाल ही में अदन का नियंत्रण एसटीसी ने ले लिया। 2014 के बाद से अधिकांश उत्तरी यमन पर हाउथी का नियंत्रण है। पिछले साल सऊदी के नेतृत्व में हुई चर्चा के दौरान इसके सहयोगियों के बीच लड़ाई को समाप्त करने का लक्ष्य था।

रिपोर्टों के अनुसार बिते कल प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों और राष्ट्रपति गार्डों पर काबू पाने में सफल रहे और इसके नियंत्रण में इस क्षेत्र में बदतर होती आर्थिक स्थितियों से निपटने में सरकार की निष्क्रियता और उपेक्षा का विरोध करने के लिए भवन में घुस गए।

यमन की सेना और विदेशी पक्षों के बीच 7 साल से जारी गृहयुद्ध से यमन पीड़ित रहा है। इस युद्ध के परिणामस्वरूप हिंसक और क्रूर गृह युद्ध हुआ जिसके बाद हाउथी ने राजधानी साना और उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया। मार्च 2015 में सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के हस्तक्षेप ने इन मामलों को और बदतर बना दिया। इस गठबंधन ने हाउथी के नियंत्रण वाले क्षेत्र की जमीन, हवा और समुद्र की नाकेबंदी कर दी जिससे मानवीय संकट गहरा गया। इस संकट को यूएन ने विश्व का सबसे बड़ा संकट बताया।

yemen
YEMEN WAR
yemen economic crisis

Related Stories

क्या यमन में युद्ध खत्म होने वाला है?

यमन में ईरान समर्थित हूती विजेता

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

रूस-यूक्रेन विवाद : जब दुनिया सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल कर रही है, तब सामने आया खेल संस्थाओं का पाखंड

पड़ताल दुनिया भर कीः यमन का ड्रोन हमला हो या यूक्रेन पर तनाव, कब्ज़ा और लालच है असल मकसद

यमन में एक बच्चा होना बुरे सपने जैसा है

यमन के लोगों ने सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया, युद्ध के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया

हाउथी और सरकार समर्थक सैनिकों के बीच यमन के मारिब में लड़ाई तेज़

यमन की नाकाबंदी को समाप्त करने की मांग को लेकर अमेरिकी कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल

यमन के लोगों ने यूएस ड्रोन हमले को लेकर जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दायर किया


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License