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भारत
राजनीति
बिहार और पंजाब में हज़ारों महिला कर्मचारियों का ज़ोरदार प्रदर्शन
बिहार में मिड डे मील कर्मचारी और पंजाब में आंगनवाड़ी महिलाएं न्यूनतम वेतन , सामाजिक सुरक्षा और पेंशन आदि जैसी माँगों को लेकर सडकों पर उतरीं I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 May 2018
mahila mukti

पिछले कुछ दिनों से बिहार में मिड डे मील कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे और उनका प्रदर्शन कल यानी 28 मई को ख़तम हुआ I मिड डे मील कर्मचारियों का ये प्रदर्शन 24 मई से शुरू हुआ और कल इस संकल्प के साथ खतम हुआ कि सभी कर्मचारी 9 अगस्त को राज्य में जेल भरो आन्दोलन करेंगे I इसके साथ ही 29 मई को पंजाब में भी आंगनवडी महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू किया है I

दरअसल मिड डे मील कर्मचारी केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में खाना बनाने का कार्य करते हैं I लेकिन उनसे इसके आलावा साफ़ सफाई और स्कूल के बाकि काम भी कराये जाते हैं I जो कि अपने आप में गलत है क्योंकि मिड डे मील कर्मचारियों का ये काम नहीं है I इसके आलावा 6 से 7 घंटे का कार्य करने के बाद भी उन्हें 1 से 2 हज़ार रुपये तक की छोटी राशि ही मिलती है, जिसे मानदेय की तरह दिया जाता है I पिछले कई सालों से न सिर्फ बिहार बल्कि देश के विभिन्न राज्यों के मिड डे मील कर्मचारी सरकार से इस वेतन को बढ़ाये जाने की माँग कर रहे हैं I उनकी माँग है कि उन्हें मज़दूर समझा जाए क्योंकि मज़दूर न समझे जाने की वजह से ही उनका लागतार शोषण हो रहा है और वह श्रम कानूनों के लाभ से वंचित हैं I

बिहार की राजधानी पटना में हुआ ये विरोध प्रदर्शन CITU और दूसरे वामपंथी ट्रेड यूनियनों द्वारा अजोगित किया गया था I 24 मई को शुरू हुए इस प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में मिड डे मील की महिला कर्मचारियों ने भाग लिया I बिहार सरकार ने उन्हें ये आश्वासन दिया था कि उनकी माँगों पर सरकार गौर करेगी और मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने का आश्वासन भी दिया I इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं थे और 28 मई को कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने का निर्णय लिया I

कल जब मार्च निकाला गया तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोक लिया और पुलिस के साथ धक्का मुक्की में कई महिलाओं को काफी चोटें भी आयीं और वह अभी अस्पताल में हैं I कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने प्रिनिसिपल सक्रेटरी से बात की और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को कार्यवाही का आश्वासन दिया I इसके बाद कर्मचारी यूनियनों ने यह निर्णय लिया कि सरकार अगर उनकी माँगे नहीं मानेगी तो कर्मचारी 9 अगस्त में राज्य भर में जेल भारो आन्दोलन करेंगे I बताया जा रहा है कि कल के इस मार्च में 25000 महिलाओं ने हिस्सा लिया I

इस आन्दोलन के नेतृत्व में मौजूद मिड डे मील फेडरेशन के महासचिव जय भगवान ने न्यूज़क्लिक ने बात करते हुए कहा “2009 में केंद्र सरकार द्वारा मिड डे मील कर्मचारियों के लिए 1 हज़ार रुपये का मानदेय तय किया था I जिसे बिहार में लड़ाई लड़ कर 1200 कर दिया गया था I लेकिन आज दस साल बाद भी ये वेतन बढ़ा नहीं है I महिलाएँ स्कूल की सफाई, और खाना बनाने से लेकर बाकि कार्य भी करतीं हैं I सवाल ये है कि क्या 5 से 6 घंटे काम के लिए इतना कम वेतन जायज़ है I हम माँग कर रहे हैं कि सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन यानी 18000 रुपये मिले ,मेडिकल सुविधाएँ , सामाजिक सुरक्षा और पेंशन अदि की सुविधाएँ भी दी जाएँ I 2013 में भारतीय श्रम सम्मलेन (जो कि एक सरकारी संस्था है) में तय किया गया था कि आशा कर्मचारी और मिड डे मील कर्मचारियों को मज़दूर माना जायेगा और उन्हें वह सभी सुविधाएँ और वेतन मिलेगा जो बाकि मज़दूरों को मिलता है I लेकिन यह आज तक लागू नहीं किया गया I”

बिहार के इस आन्दोलन के आलावा पंजाब में भी महिलाओं के नेतृत्व में एक और आन्दोलन शुरू हुआ है I कल सुबह पंजाब की आंगनवादी अध्यापिकाओं और कर्मचारियों ने पंजाब के फतहगढ़ साहिब से चंडीगढ़ तक के मार्च की शुरूवात की I लाल झंडों हाथों में लिए शुरू हुआ ये मार्च CITU से जुड़े हुए संगठन All India federation of anganwadi workers and helpers  के नेतृत्व में किया जा रहा है I कर्मचारी न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की माँग को लेकर और सरकार द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों को बंद कर प्री स्कूलों को लाने की योजना के खिलाफ़ ये प्रदर्शन कर रहे हैं I

ये पद यात्रा इस साल मार्च के महीने में महाराष्ट्र में हुए किसान लॉन्ग मार्च की याद दिला रही है और उसके लग रहा है कि उनके जज़्बे को गर्मी भी तोड़ नहीं पा रही I बताया जा रहा है कि इस मार्च में 4000 महिलाएं शामिल हैं I

दरअसल आंगनवाड़ी अध्यापिकाएँ केंद्र सरकार की योजना के तहत 3 से 4 साल के बच्चों को पढ़ाने और उनका ख्याल रखने का काम करती हैं और आंगनवाडी कर्मचारी उनके लिए खाना बन्ने के आलावा बाकि कार्य करती हैं I

 All India federation of anganwadi workers and helpersकी अधक्ष उषा रानी ने न्यूज़क्लिक को बताया कि पूरे पंजाब में 54000 कर्मचारी हैं जो कि 27000 सेंटरों में दिन के काफी घन्टे अपना काम करने में गुज़रते हैं I लेकिन आंगनवाडी शिक्षकों को सिर्फ 5600 रुपये और हेल्पर को सिर्फ 2800 रुपये मिलते हैं I इसीलिए वह ये माँग कर रहे हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन यानी 18000 रुपये मिले , कर्मचारी पेंशन, मेटरनिटी लीव और बाकि सामाजिक सुविधाओं भी मिलें I इसके आलावा सरकार की योजना के तहत प्री स्कूल खोले जा रहे हैं आंगनवाडी महिलाएं माँग कर रही हैं कि इन्हें बंद किया जाए क्योंकि इससे उनकी नौकरियाँ ही ख़तम हो जाएगी I

ये मार्च कल श्याम तक चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास तक जायेगा और मुख्य मंत्री को ज्ञापन देने के बाद वहीँ ख़तम होगा I गौरतलब है कि पूरे देश से आयी मिड डे मील और आंगनवाडी महिलायें पिछले साल नवम्बर में दिल्ली में हुए मज़दूर महापड़ाव में भारी मात्रा में मौजूद थीं और उन्होंने वहाँ भी अपने सवालों को बेबाकी से उठाया था I

Bihar
punjab
Anganwadi Workers
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