NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार दंगे: हिंदुत्व ने हिन्दुओं को भी न बक्शा
रामजी कुमार सिंह और कमालुद्दीन दोनों अपनी-अपनी जली हुई किताबों की दूकान के बाहर हैरान, बेबस और निराश खड़े थेI वो अपनी रोज़ी-रोटी चलाने के लिए मलबे से कामचलाऊ दूकानें बनाने में बनाने में मदद कर रहे हैंI
सागरिका किस्सू
04 Apr 2018
BIHAR

रामजी कुमार सिंह और कमालुद्दीन दोनों अपनी-अपनी जली हुई किताबों की दूकान के बाहर हैरान, बेबस और निराश खड़े थेI वो अपनी रोज़ी-रोटी चलाने के लिए मलबे से कामचलाऊ दूकानें बनाने में बनाने में मदद कर रहे हैंI 25 और 26 मार्च के बीच की रात को एक भीड़ ने इन हिन्दू और मुस्लिम दूकानदारों की दूकानें जला डालींI घटना है औरंगाबाद के रमेश चौक की जहाँ हाल ही में सांप्रदायिक दंगे भड़केI   

हालांकि, दोनों ही दूकानें अगल-बगल ही थीं लेकिन कहते हैं कि कमालुद्दीन के उदार रवैये की वजह से छात्र उनकी दूकान पर ज़्यादा जाते थेI वो पढ़ाई की ज़रूरत और अहमियत जानते हैं इसलिए छात्रों को उधार पर किताबें दे दिया करते थेI अब एक टूटा-फूटा सा टेबल ही उनकी दूकान है जिस पर कुछ प्रतियोगिता साहित्य और भगवान शिव का एक पोस्टर रखा हैi

कमालुद्दीन कहते हैं कि, “ये दूकान ही मेरी रोज़ी-रोटी का एकलौता ज़रिया थाI मैं नहीं जानता कि अब मैं अपने परिवार का पेट कैसे भरूँगा”I

25 मार्च को राम और कमाल को अंदेशा हुआ कि कुछ बहुत ही बुरा घटने वाला है क्योंकि उन्होंने अपनी दुकानों के सामने से एक जुलूस निकला इसीलिए उन्होंने अपनी दूकानें बंद कर दींI उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई और अगली सुबह सबसे पहला काम उन्होंने यही किया कि अपनी दूकानें देखींI उनका दर सच हो चुका था, दूकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया थाI   

उसी दिन एक दूसरे मामले में, एक मुसलमान व्यक्ति की फर्नीचर की दूकान, जिसमें हिन्दू लोग काम करते थे, को भी बर्बाद कर दिया गयाI अब दूकान के मालिक 36 वर्षीय मोहम्मद सरताज दूकान में काम करने वाले सहायक चन्दन के साथ दिन-रात एक कर दूकान की मरम्मत में लगे हैंI

सरताज ने न्यूज़क्लिक को बताया कि, “घटना राम नवमी के दिन हुईI जैसी ही मैं बाज़ार में पहुँचा मैंने देखा कि मेरी दूकान जला दी गयी हैI दूकान में 7-8 लाख का फर्नीचर पड़ा था”I उन्होंने ये भी बताया कि वो पिछले 10 साल से इस इलाके में रह और काम कर रहे हैंI “मेरे मुसलमान होने से मुझे कभी कोई दिक्कत नहीं उठानी पड़ी”I

यहाँ सांप्रदायिक हिंसा 25 मार्च को तब हुई जब बाइकसवार सैकड़ों लोगों ने राम नवमी के जुलूस निकालेI इन लोगों के पास तलवारें थीं और ये ज़बरन नवाड़ी नाम के इलाके में घुसने की कोशिश करने लगेI इस इलाके में हिन्दू और मुसलमान दोनों ही समुदायों के लोग रहते हैंI इस ज़बरन घुसपैठ की वजह से दो गुटों में झड़प शुरू हो गयी और पत्थरबाज़ी भी हुईI थोड़ी देर बाद, एक गुस्साई भीड़ ने पूरे इलाके में तोड़फोड़ शुरू कर दी और कई दूकानें जला डालींI 

25 मार्च को बिहार के कई ज़िलों में जो हिंसा शुरू हुई वो 27 मार्च तक जारी रही और इसमें कई लोग ज़ख्मी हुएI अब तक इस हिंसा से जुड़े तमाम मामलों में लगभग 200 लोगों को गिरफ़्तार किया गया हैI

बिहार दंगे
बिहार
सांप्रदायिक दंगे
हिंदुत्व
रामजी कुमार सिंह

Related Stories

बढ़ते हुए वैश्विक संप्रदायवाद का मुकाबला ज़रुरी

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय: आनिश्चित काल के लिए हुआ बंद

मध्यप्रदेश: एक और आश्रयगृह बना बलात्कार गृह!

मुज़फ्फरपुर सुधारगृह कांड: बिहार सरकार ने मुख्य आरोपी के अखबार को दिये थे लाखों के विज्ञापन

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के खस्ता हाल

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

बिहार: सामूहिक बलत्कार के मामले में पुलिस के रैवये पर गंभीर सवाल उठे!

नई नीति बिहार में सरकारी स्कूलों की वास्तविकता को उज़ागर करती हैं

राजा महेंद्र प्रताप की प्रगतिशीलता बनाम भाजपा की कट्टरता

बिहार: मंदिर निर्माण से होगा महिला सशक्तिकरण ?


बाकी खबरें

  • MGNREGA
    सरोजिनी बिष्ट
    ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’
    27 Apr 2022
    मनरेगा में बनाये गए तलाबों की स्थिति का जायजा लेने के लिए जब हम लखनऊ से सटे कुछ गाँवों में पहुँचे तो ‘आदर्श’ के नाम पर तालाबों की स्थिति कुछ और ही बयाँ कर रही थी।
  • kashmir
    सुहैल भट्ट
    कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं
    27 Apr 2022
    सरपंचों का आरोप है कि उग्रवादी हमलों ने पंचायती सिस्टम को अपंग कर दिया है क्योंकि वे ग्राम सभाएं करने में लाचार हो गए हैं, जो कि जमीनी स्तर पर लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए…
  • THUMBNAIL
    विजय विनीत
    बीएचयू: अंबेडकर जयंती मनाने वाले छात्रों पर लगातार हमले, लेकिन पुलिस और कुलपति ख़ामोश!
    27 Apr 2022
    "जाति-पात तोड़ने का नारा दे रहे जनवादी प्रगतिशील छात्रों पर मनुवादियों का हमला इस बात की पुष्टि कर रहा है कि समाज को विशेष ध्यान देने और मज़बूती के साथ लामबंद होने की ज़रूरत है।"
  • सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    पीपल्स डिस्पैच
    सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
  • picture
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अर्जेंटीना ने लिया 45 अरब डॉलर का कर्ज
    27 Apr 2022
    अर्जेंटीना की सरकार ने अपने देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के साथ 45 अरब डॉलर की डील पर समझौता किया। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License