NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्र शांतिपूर्ण तरीके से अपना आन्दोलन जारी रख सकते हैं : TISS की हड़ताल पर बॉम्बे हाई कोर्ट
TISS मुंबई के छात्रसंघ के महासचिव फहाद अहमद ने कहा कि प्रशासन को ये मुद्दा बातचीत से सुलझाना चाहिए I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Mar 2018
TISS छात्र

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 28 मार्च को टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ (TISS ) के छात्रों के खिलाफ केस की सुनवायी के दौरान कहा कि छात्र घेरा बंदी के बिना और शांति पूर्वक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं I कोर्ट ने अगली सुनवायी जून में रखी है I

TISS प्रशासन ने 6 छात्रों को संस्थान का प्रशासनिक कार्य रोकने का आरोप लगाते हुए उन पर केस दायर कर दिया था I संस्थान ने 15 छात्रों के खिलाफ ज्ञापन भी जारी किये थे, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कानून अपने हाथों में लिया है I

TISS मुंबई के छात्रसंघ के महासचिव फहाद अहमद ने कहा कि प्रशासन को मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए I उन्होंने न्यूज़क्लिक से कहा “हम पिछले 36 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आज कोर्ट ने भी हमारी हड़ताल का विरोध नहीं किया I TISS प्रशासन को बातचीत से अपने मुद्दों को सुलझाना चाहिए न कि छात्रों पर फ़र्ज़ी मुकदमें दायर करके I”

अहमद ने आगे कहा छात्रों की ये हड़ताल सामाजिक न्याय के लिए है और वह तब तक जारी रहेगी जब तक छात्रों की माँगे नहीं मान ली जातीं I

21 फरवरी से TISS के चार कैम्पसों – मुंबई , हैदराबाद, तुलिजापुर और गुवाहाटी में छात्र प्रशासन द्वारा SC, ST और OBC (जिसमें धार्मिक अल्पसंख्यक और बाकि अल्पसंख्यक शामिल हैं) के छात्रों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को खत्म करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं I गौरतलब है कि ये सभी छात्र केंद्र सरकार के पोस्ट मैट्रिकुलेशन स्कॉलरशिप के लिए योग्य हैं I

छात्रों का ये तर्क है कि पिछड़े वर्गों से आने वाले छात्रों की स्कॉलरशिप खत्म किये जाने से उन पर आर्थिक बोझ बहुत बढ़ गया है I संस्थान ने पहले ही पिछले 3 सालों में हॉस्टल की फीस बड़ा दी है I 2013-14 में जहाँ एक सेमिस्टर के लिए हॉस्टल की फीस 18,000 रुपये थी वहीं 2016-17 में ये बढ़कर 31,000 रुपये हो गयी है I

पहले TISS प्रशासन ने ये दावा किया था कि आर्थिक मदद को इसीलिए ख़तम किया जा रहा है क्योंकि UGC फण्ड में कटौती की है I लेकिन UGC ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने फण्ड में कोई कटौती नहीं की है और विरोध कर रहे छात्रों को ये भी आश्वासन दिया कि TISS के बचे हुए फण्ड भी वह जल्द ही दे देंगे I

TISS के भूतपूर्व छात्र, देश भर के विभिन्न छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस आन्दोलन का समर्थन किया है I

उच्च शिक्षा
TISS
TISS छात्र आन्दोलन
बॉम्बे हाई कोर्ट
UGC

Related Stories

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  

नेट परीक्षा: सरकार ने दिसंबर-20 और जून-21 चक्र की परीक्षा कराई एक साथ, फ़ेलोशिप दीं सिर्फ़ एक के बराबर 

यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होगी प्रवेश परीक्षा, 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश खत्म

शिक्षाविदों का कहना है कि यूजीसी का मसौदा ढांचा अनुसंधान के लिए विनाशकारी साबित होगा

नगालैंड में AFSPA 6 महीने बढ़ा, नफ़रती कालीचरण गिरफ़्तार और अन्य ख़बरें

उत्तराखंड: असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती की शर्तों का विरोध, इंटरव्यू के 100 नंबर पर न हो जाए खेल!

रचनात्मकता और कल्पनाशीलता बनाम ‘बहुविकल्पीय प्रश्न’ आधारित परीक्षा 

विध्वंस, नाम बदलना, पुनर्लेखन : भविष्य पर नियंत्रण करने के लिए कैसे अतीत को बदल रही है भाजपा?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    संसद में तीनों दिल्ली नगर निगम के एकीकरण का प्रस्ताव, AAP ने कहा- भाजपा को हार का डर
    26 Mar 2022
    संसद में दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी विधेयक पेश कर दिया गया है। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस विधेयक का विरोध किया। वहीं सत्ताधारी दल ने इसे एक बेहद ज़रूरी सुधार बताया।
  • रायना ब्रियूअर
    ऑस्कर 2022: हर जीत के साथ इतिहास रच रही हैं महिला निर्देशक
    26 Mar 2022
    काथरिन बिगेलो और कोल झाओ, फिर अब जेन कैंपियन? 94 साल के ऑस्कर के इतिहास में, सिर्फ़ दो महिलाओं ने ही “बेस्ट डॉयरेक्टर” का अवार्ड जीता है। क्या आगे बदलाव दिखाई दे रहा है?
  • सीमा शर्मा
    कैसे रूस-यूक्रेन युद्ध भारत की उर्वरक आपूर्ति में डालेगा बाधा? खेती-किसानी पर पड़ेगा भारी असर
    26 Mar 2022
    विशेषज्ञों का मानना है कि समय की तात्कालिक आवश्यकता यह है कि भारत सरकार उर्वरकों की वैकल्पिक आपूर्ति करने और किसानों को खनिज पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करे। इसमें…
  • मोहम्मद इमरान खान
    बिहार: तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी साहनी ने रखा संयम, बोले- निषाद कोटा के लिए करेंगे संघर्ष
    26 Mar 2022
    अब वीआईपी में कोई भी विधायक शेष नहीं बचा है। मुकेश साहनी ने बीजेपी पर अपनी पार्टी में फूट करवाने का आरोप लगाया है। साहनी ने कहा कि चूंकि उन्होंने निषाद जाति के लिए एससी-एसटी कोटे में आरक्षण और जातीय…
  • बी. सिवरामन
    महामारी भारत में अपर्याप्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज को उजागर करती है
    26 Mar 2022
    जनरल बीमा परिषद के आंकड़ों के अनुसार, निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की औसत लागत रु. 1.54 लाख है। इसके विपरीत, प्रति मामले का औसत दावा निपटान केवल रु.95,622 था। इसका मतलब है कि भारत में लगभग 40…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License