NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज
पुलिस ने बताया कि एक वकील और मुस्लिम छात्र संगठन अखिल असम गोरिया-मोरिया युवा छात्र परिषद ने डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में हजेला के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज करायी हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Sep 2019
NRC

गुवाहाटी:राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में ‘विसंगतियों’ के लिए एनआरसी के असम संयोजक प्रतीक हजेला के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, विदेशी घोषित किए गए तीन बांग्लादेशी नागरिकों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल किए जाने पर एक एनजीओ ने इन तीनों और मोरीगांव जिले के एनआरसी अधिकारियों के खिलाफ तीसरी शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि एक वकील और मुस्लिम छात्र संगठन अखिल असम गोरिया-मोरिया युवा छात्र परिषद ने डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में हजेला के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज करायी हैं। पुलिस ने बताया कि चंदन मजूमदार ने बुधवार को डिब्रूगढ़ थाने में हजेला के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। उनका नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं है।

मजूमदार ने आरोप लगाया कि उन्होंने सभी दस्तावेज दिए थे लेकिन ‘कर्मचारियों की अक्षमता और आपराधिक षड्यंत्र’ के कारण एनआरसी की अद्यतन सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया। प्राथमिकी में हजेला को ‘विसंगतियों’ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, क्योंकि असम में एनआरसी को अद्यतन किये जाने के काम की वह निगरानी कर रहे थे।

छात्र परिषद ने गुवाहाटी के लतासिल थाने में मंगलवार को राज्य के संयोजक के खिलाफ एक अन्य शिकायत दर्ज करायी। शिकायत में अंतिम सूची में ‘जानबूझकर’ विसंगतियों का दावा किया गया। छात्र संगठन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है, ‘सूची में कई मूल निवासियों के नाम शामिल नहीं किए गए और यह एनआरसी के प्रदेश संयोजक ने जानबूझकर किया।’

हालांकि, पुलिस ने अभी दूसरी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज नहीं किया है। हजेला की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें मीडिया से बातचीत करने से रोक रखा है। 

गुवाहाटी के गीतानगर थाने में एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने तीन घोषित विदेशियों के खिलाफ तीसरी प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिनके नाम एनआरसी की अंतिम सूची में हैं। इन तीनों को 2016 में मोरीगांव विदेशी अधिकरण ने विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 2 (ए) के तहत विदेशी घोषित किया है। 

एपीडब्ल्यू उच्चतम न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता है जिसके चलते छह साल पहले एनआरसी को अद्यतन करने की प्रक्रिया शुरू हुई। एपीडब्ल्यू महासचिव डी तालुकदार ने इस बात की पुलिस जांच की मांग की कि उनके नाम एनआरसी की सूची में कैसे आ गए।

उन्होंने कहा, ‘क्या इसके पीछे लंबे समय वाला कोई एजेंडा है जो देश की आंतरिक सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डाल सकता है?’

NRC
NRC Process
NRC Assam
NRC Crisis
Citizenship
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License