NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात किसानों ने किया बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध,कहा किसानों के साथ मीटिंग एक धोखा थी
पर्यावरण सुरक्षा समिति से जुड़े लोगों ने कहा कि प्रशासन ने मीटिंग सिर्फ इसीलिए की है जिससे ये दिखाया जा सके की मीटिंग हुई है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Apr 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
bullet train

गुजरात में मुंबई से अहमदाबाद चलने वाली बुलेट ट्रेन के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 9 अप्रैल को और तेज़ हो गया, जब इस मुद्दे से प्रभावित सभी लोग बडौदा में एक दूसरे से मिले I सूरत से आये किसानों ने National High Speed Rail Corporation (NHSRC) के साथ मीटिंग में आरोप लगाया कि उन्हें मीटिंग के कार्यक्रम के बारे में एक दिन पहले ही बताया गया था I NHSRC वो संस्था है जिसे बुलेट ट्रेन परियोजना की ज़िम्मेदारी दी गयी है I

रिपोर्टों के मुताबिक मीटिंग के बारे में कुछ स्थानीय अखबारों में सिर्फ 1 दिन पहले इश्तेहार छपा था और वह भी सिर्फ 3 वाक्यों का I उनकी लगातार की जा रही अनदेखी के खिलाफ 80 किसान और पर्यावरण कार्यकर्ताओं वड़ोदरा  गाँधी नगर ग्रुथ में इकठ्ठे हुए I उन्होंने माँग की कि उन्हें Social Impact Assessment (SIA) कि रिपोर्ट की एक कॉपी उन्हें मिलनी चाहिए और ये भी बताया जाना चाहिए कि क्यों प्रभावित किसानों की समस्याएँ सुनने के लिए बुलाई गयी मीटिंग को इतने ख़राब तरीके से किया गया I तेज़ रफ़्तार बुलेट ट्रेन परियोजना से गुजरात में 192 गाँव और महाराष्ट्र में 120 गाँव प्रभावित होंगे I

मीटिंग को एक धोखा बताते हुए पर्यावरण सुरक्षा समिति के सदस्यों ने कहा कि ये मीटिंग सिर्फ खाना पूर्ति करने के लिए की गयी थी I

“NHSRC इसे सभी प्रभावित लोगों की मीटिंग कह कर आखों में धूल झोंक रही है I वो बस इतना कर रहे हैं कि वह ये स्थापित कर सकें कि ये मीटिंग हुई थी I उन्होंने सिर्फ इतना किया कि एक अखबार में एक 3 वाक्यों का छोटा सा इश्तेहार दे दिया और वह भी मीटिंग से सिर्फ एक दिन पहले I हमने अपने प्रतिनिधि भेजे और उनसे निष्पक्ष चर्चा करने और किसानों को मीटिंग में आने की अनुमति देने को कहा” , इंडियन एक्सप्रेस को एक किसान ने बयान दिया I

बुलेट ट्रेन परियोजना जो गुजरात के विभिन्न ज़िलों में फैली हुई है, से राज्य भर के किसानों में ज़बरदस्त गुस्सा है I सूरत के किसानों ने ये आरोप लगाया कि उन्हें इस इस मीटिंग के बारे में सूचित नहीं किया गया था I अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए कुछ किसान सूरत से वड़ोदरा इस मीटिंग के लिए आये I उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ज़िला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित रकम बाज़ार की कीमतों से बहुत कम है I

सूरत के किसान रमेश पटेल ने कहा “मैं इतनी दूर वडोदरा इसीलिए आया क्योंकि मैं सूरत में रविवार को हुई मीटिंग में में नहीं जा पाया था I कोई सूचना हम तक नहीं पहुंचाई गयी थी I ये अनुचित है I चर्चा  इस परियोजना के बारे हमारे विचारों और समझ के बारे में होना चाहिए लेकिन अधिकारी सीधे ही मुआवज़े के बारे में बात कर रहे हैं और कलेक्टरों ने ये भी निर्णय ले लिया है कि मुआवज़ा ‘जंत्री रेट’ के हिसाब से तय करेंगे I हमें पता है कि हमारी ज़मीन की बाज़ार में कीमत सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘जंत्री रेट’ से बहुत ज़्यादा है I हर बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए किसानों को ही सबसे खराब डील मिलती हैI”

विरोध कर रहे किसान खेदुत समाज(गुजरात) के बैनर तले संगठित हुए हैं और उनका आरोप है कि बुलेट ट्रेन परियोजना में  महाराष्ट्र और गुजरात दोनों सरकारें शामिल हैं I जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र के किसान एक कानून के तहत नियंत्रित होते हैं, वहीँ गुजरात में ज़मीन लेने के लिए किसानो की मर्ज़ी की ज़रुरत नहीं है I

खेदुत समाज (गुजरात) ने कहा “2016 में गुजरात सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में कुछ बदलाव किये और वह एक नया एक्ट लाई जिसमें ज़मीन लेने के लिए किसानों की मर्ज़ी की ज़रुरत नहीं होगी और ज़मीन को ज़बरदस्ती लिया जा सकता है I इसके उलट महाराष्ट्र में किसानों की मर्ज़ी होने पर ही ऐसा किया जा सकता है I एक ही परियोजना के लिए दोनों राज्यों की सरकारें भूमि अधिग्रहण अलग अलग कानूनों के हिसाब से कर रही हैं I सरकार द्वारा किसानों की रोज़ी छीन ली जाएगी I राज्य सरकार ने वलसाड और नवसरी के गाँवों में ज़मीन नापना शुरू कर दिया है किसान इसका विरोध कर रहे हैं I”

न्यूज़क्लिक ने इस परियोजना के शुरू होने पर एक विश्लेषण किया था, जिसमें बताया गया था कि ये देश के लिए एक आर्थिक विपदा हो सकती है I मुंबई से अहमदाबाद HRS परियोजना की कुल कीमत 1.1 लाख़ करोड़ है I इसमें से जापान 50 सालों के लिए 0.5% की ब्याज दर पर 88,000 करोड़ का ऋण देगा और इसका भुगतान ज़रुरत पड़ने पर 15 साल बाद शुरू होगा I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए दावे कि ये परियोजना मुफ्त है पर विशेषज्ञों ने कहा है कि 20 सालों के दौरान भुगतान की कीमत बढ़कर 1.5 करोड़ हो जाएगी I रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि ये परियोजना बहुत ही ज़्यादा महंगी होगी, इसकी तुलना यूरोप से करने करें तो प्रति किलोमीटर की कीमत 27 मिलियन डॉलर होगी , जो यूरोपीय कीमत के तो बराबर है लेकिन चीन की प्रति किलोमीटर कीमत से ज़्यादा है I                                                  

बुलेट ट्रेन
गुजरात
महाराष्ट्र
किसान
किसानों का विरोध
NHSRC
चीन

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों की बड़ी जीत, 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी गन्ने की कीमत

महाराष्ट्र महापौर चुनाव: शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की तिकड़ी के आगे भाजपा परास्त

योगी की गाय-नीति : कैसे होगा उत्थान; किसान मजबूर, अफसर परेशान

पीएमएफबीवाई- बीमा कंपनियाँ को बेतहाशा मुनाफा और किसान बेहाल

बुलेट ट्रेन परियोजना: सूट-बूट वालों के साथ खड़ी दिखती सरकार, किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं

महाराष्ट्र के हिंसक मराठा आंदोलन के लिये कौन जिम्मेदार है?

''सिलिकोसिस बीमारी की वजह से हज़ारो भारतीय मजदूर हो रहे मौत के शिकार''

दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र के कारोबारी ने किसानों के नाम पर लिया 5,400 करोड़ रूपये का लोन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License