NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात में ज़मीन अधिकार के लिए दलित नेता ने की खुदकुशी, दलित आये सड़कों पर
भानु भाई वानाकर जिगनेश मेवनी की संस्था राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच से जुड़े हुए थे और वह 1 दलित परिवार को आवंटित ज़मीन को न दिए जाने के खिलाफ विरोध कर रहे थे I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Feb 2018
gujrat
image courtesy : Hindustan times

गुजरात के कई शहरों में दलित समाज के लोग रविवार को सडकों पर उतर आये I कई दलित नेताओं जिनमें जिगनेश मेवनी शामिल हैं, को पुलिस ने डिटेन कर दिया I ये विरोध प्रदर्शन अहमदाबाद, पाटन, जुनागढ़, सुरेन्द्रनगर, बानसकंठा जैसे शहरों में पिछले 2 दिन से चल रहा था और इन इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे ब्लॉक कर दिया था I

दरअसल गुजरात के एक दलित नेता भानु भाई वानाकर के खुदको आग लगाकर ख़ुदकुशी करने के बाद से दलितों का ये गुस्सा फूट रहा है I भानु भाई वानाकर जिगनेश मेवनी की संस्था राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच से जुड़े हुए थे और वह 1 दलित परिवार को आवंटित ज़मीन को न दिए जाने के खिलाफ विरोध कर रहे थे I उंझा कस्बे के इस दलित परिवार का कहना है कि उनसे अधिकारियों ने 2013 में ज़मीन सौंपने के लिए 22,236 रुपये तो ले लिए थे पर अब तक ज़मीन का आवंटन नहीं किया गया है I अधिकारियों की इसी ज़्यादती के खिलाफ भानु भाई वानाकर ने पाटन के कलेक्टर ऑफिस के सामने खुदको आग लगा I

शुक्रवार को उनकी मौत के बाद प्रशासन एक दम से हरकत में आया और उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इन दोनों दलित मज़दूरों को ज़मीन आवंटित कर देंगे और भानु भाई की पत्नी को सरकारी नौकरी देंगे I लेकिन दलित नेताओं ने सरकार के इस आश्वासन के बावजूद रविवार को इस घटना के खिलाफ गुजरात के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया I उनकी माँग हैं कि सरकार दलित परिवार  को उनकी ज़मीन दे, भानु भाई वानाकर की मौत के लिए ज़िम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हो और उनकी मौत की जाँच के लिए विशेष जाँच टीम द्वारा करावाई जाए I  

रविवार को दलित नेता जिगनेश मेवनी को विरोध प्रदर्शन में जाने के दौरान अहमदाबाद के सारसपुर में 70 और लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया I जिगनेश ने इसपर ट्वीट किया और कहा कि उन्हें पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया वहीं पुलिस का कहना है कि जिगनेश का पुलिस के साथ बर्ताव ठीक नहीं था I जिगनेश ने ये भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें उनकी गाड़ी से ज़बरदस्ती निकाला गया है गाड़ी की चाबी को भी तोड़ दिया गया I

पुलिस का आगे कहना है कि बाकि दलित नेताओं ने कहा था कि वह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे पर जिगनेश की तरफ से ऐसा कोई आशवासन नहीं आया था, इसीलिए ये कार्यवाही की गयी है I

इस दौरान भानु भाई के घर वालों ने उनके पार्थिव शरीर को लेने से मना कर दिया है, उनका कहना है कि जब तक उनकी माँगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह शव को नहीं लेंगे I

आन्दोलनकारियों और परिवारवालों ने कहा है कि राज्य सरकार को लिखित में ज़मीन आवंटन का आदेश देना चाहिए, सिर्फ बोलने से कुछ नहीं होगा I कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर , पटेल नेता हार्दिक पटेल भी भानु भाई के परिवार से मिलने गए और उन्होंने इस मामले में न्याय की माँग की I

गौरतलब है कि 2016 में गुजरात के ऊना में 4 दलितों पर मृत पशु की खाल निकालने पर पीटे जाने के बाद शुरू हुआ दलित आन्दोलन जल्द ही उनके स्वाभिमान के आन्दोलन के साथ ज़मीन अधिकारों का आन्दोलन भी बन गया था I जिगनेश मेवनी के नेतृत्व में दलितों ने ये माँग की थी कि एग्रीकल्चर लैंड सीलिंग एक्ट के अंतर्गत भूमिहीन दलित परिवारों को 5 एकड़ ज़मीन मिले I

दरअसल गुजरात के बहुत से इलाकों में खेती की ज़मीन जो कि कागजों पर दलितों की है , या तो अब तक सरकार द्वारा उन्हें आवंटित नहीं की गयी है या फिर उनपर दबंग जातियों द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया है I इस वजह से बहुत बड़ी मात्रा में गुजरात के दलित खुद ही की ज़मीन पर खेत मजदूरों की तरह काम कर रहे हैं I यही वजह है कि गुजरात भर में दलित इतनी बड़ी संख्या में सडकों पर उतर आये हैं I

जिगनेश मेवनी
गुजरात
दलित उत्पीड़न
दलित प्रतिरोध
बीजेपी

Related Stories

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

''सिलिकोसिस बीमारी की वजह से हज़ारो भारतीय मजदूर हो रहे मौत के शिकार''

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

बुलेट ट्रेन परियोजना के खिलाफ गोदरेज ने की हाई कोर्ट में अपील

आज़मगढ़ : रिहाई मंच का रासुका के खिलाफ दौरा

भारत बंद के बाद, दलितों पर हो रहे दमन के खिलाफ DSMM ने दिया राष्ट्रपति को ज्ञापन

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License