NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
कुल्लू: बसों की जर्जर हालत से परेशान निवासी
इस तरह के सड़क हादसों को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी ने गम्भीर चिंता व्यक्त की है। सीपीएम ने इन सभी हादसों के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा है कि अगर असुरक्षित यातायात के ख़िलाफ़ जल्द कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती तो वे 11 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Jul 2019
कुल्लू: बसों की जर्जर हालत से परेशान निवासी

हाल ही में कुल्लू ज़िले के बंजार व शिमला के झांझीडी में जो बस हादसे हुए हैं तथा जो 49 बेगुनाह जानें इसमें गई हैं इसने पूरे प्रदेश की जनता को हिला कर रख दिया है। कई लोगों का कहना है कि सरकार को संजीदगी से इन हादसों को रोकने के लिए ठोस क़दम उठाने चाहिए थे वह आज भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। सरकार केवल ऐसे बयान दिखावे के लिए दे रही है जिनका ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है।

इस तरह के सड़क हादसों को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी ने गम्भीर चिंता व्यक्त की है। सीपीएम ने इन सभी हादसों के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा है कि अगर असुरक्षित यातायात के ख़िलाफ़ जल्द कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती तो वे 11 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इससे पहले कुल्लू ज़िले के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के छात्रों ने ख़राब बस सेवा के विरोध में ज़िले में सड़क को जाम किया था। इसी तरह, ज़िले के बंजार और अन्नी से ऐसी ख़बरें आईं, जहां छात्रों और स्थानीय लोगों को बसों के कम फेरे होने के कारण परेशान होना पड़ता है। कॉलेज के छात्र इसके ख़िलाफ़ सड़क पर धरने पर बैठ गए, जिसके कारण दोनों तरफ़ ट्रैफ़िक जाम हो गया। इसके अलावा, जब स्कूली बच्चों और कुछ अन्य लोगों को सीटें भर जाने के बाद बस में चढ़ने के लिए कहा गया, तो उन्होंने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और कुछ स्थानों पर निवासियों ने शिकायत की कि बस स्टॉप पर बसें नहीं रुकती हैं। 

क्षेत्र में बसों की कमी के कारण, उन्हें अपने गंतव्य तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्कूल और कॉलेज के छात्र, कर्मचारी और किसान, जो सुबह फसलों को बाज़ारों में ले जाते हैं और शाम को लौटते हैं, बस सेवा पर निर्भर होते हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा कि यह जानने के बावजूद कि ओवरलोड बसों में यात्रा करना जोखिम भरा है, लोगों के पास बस में चढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

निजी बस दुर्घटना के बाद, लोग इतने भयभीत हैं कि वे क्षेत्र में निजी बस सेवा नहीं चाहते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से स्थानीय लोगों के लिए यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसें उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

सीपीएम के नेता और शिमला के पूर्व मेयर ने कहा, "बंजार बस हादसे की सरकार द्वारा बैठाई गई जांच की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया है कि हादसे का मुख्य कारण सड़क की दशा व शिकार हुई बस खटारा थी तथा चलने की हालत में नहीं थी। परन्तु फिर भी यह बस लगभग 80 सवारियों को लेकर जा रही थी। जिसमें काफ़ी संख्या छात्र छात्राओं की थी और इनको सरकार की लापरवाही के कारण अपनी जान गवानी पड़ी। आज सरकार केवल कुछ अधिकारियों के विरुद्ध हल्की कार्यवाही व बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसका परमिट कैंसिल कर अपना पल्ला झाड़ रही है। जबकि जनता की जान व माल की सुरक्षा व सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाना सरकार का उत्तरदायित्व है। इन हादसों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान खड़े किए हैं।"

सीपीएम ने सरकार से मांग की है कि "प्रदेश में सड़क हादसों व बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संजीदगी से ठोस क़दम उठाए जाएँ। सड़कों की दशा में तुरन्त सुधार करे तथा विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर इनको युद्धस्तर पर दुरुस्त किया जाए। प्रत्येक सड़क में मज़बूत क्रैश बैरियर लगाए जाएँ। निजी व सरकार की खटारा व कंडम बसों को तुरंत सेवा से हटाया जाए तथा नई बसों का प्रावधान किया जाए। सभी बसों का निरीक्षण उचित रूप से किया जाए तथा कोताही के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी क़ानूनी कार्यवाही की जाए। सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने की परंपरा को समाप्त करने के लिए बस्ती के स्तर पर सड़क के साथ स्थान चिन्हित कर पार्किंग का निर्माण तुरंत किया जाए। शिमला शहर में पार्किंग की विकराल होती समस्या को दूर करने के लिए सरकार क़ानून पारित करे जिनके घर सड़क के साथ बने हैं तथा उसमें पार्किंग नहीं है उनको पार्किंग फ़्लोर बनाने का प्रावधान करें तथा उन्हें एक अतिरिक्त मंज़िल का प्रावधान किया जाए।"

यदि सरकार शीघ्र जनता को सुरक्षित व उचित परिवहन की व्यवस्था नहीं करती तो सीपीएम ने 11 जुलाई, 2019 से सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन आरम्भ करने की बात कही है।

himachal roadways
HRTC
Kullu
shimla
kullu bus accident
damaged buses
road transport in india
indian road transport

Related Stories

हिमाचल प्रदेश: टनल हादसा, चार मज़दूरों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

हिमाचल :10 साल में  30,993 सड़क हादसों में 11,561 लोगों की मौत,जिम्मेदार कौन ?


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License