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भारत
राजनीति

लाइव ब्लॉग: देशभर में श्रमिक हड़ताल, किसानों का विरोध जारी

केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार को देश भर के मजदूर संगठन और किसान संगठन सड़कों पर उतर गए हैं और जगह जगह धरने प्रदर्शन तथा रैलियों का आयोजन किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Nov 2020

केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार को देश भर के मजदूर संगठन और किसान संगठन सड़कों पर उतर गए हैं और जगह जगह धरने प्रदर्शन तथा रैलियों का आयोजन किया गया है।

वाम समर्थित 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों के आह्वान पर आयोजित इस हड़ताल में भारतीय जनता पार्टी समर्थक भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं हैं। मजदूर संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।

मजदूरों की हड़ताल में बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं जिससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हैं। विभिन्न सरकारी, निजी और कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी केंद्रीय मजदूर संगठनों की इस  एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे हैं।

दस केंद्रीय मजदूर संगठनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वूमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल है। इसके अलावा अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। कुछ स्वतंत्र फेडरेशन और संगठन भी हडताल में शामिल हैं। हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।

 

Live blog

26 नवंबर: दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल भारत में शुरू

10:12 IST, Nov 26

भारत में 26 नवंबर की आधी रात के बाद से 25 करोड़ (250 मिलियन) कामगारों और कर्मचारियों ने अनुमानित रूप से दुनिया भर में कहीं भी कई संगठनों की एक साथ हुई अबतक की सबसे बड़ी आम हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल से बैंकों, वित्तीय सेवाओं, विभिन्न सरकारी सेवाओं,परिवहन, इस्पात इकाइयों, बंदरगाह और गोदी, दूरसंचार सेवाओं,खेती-बाड़ी, बिजली उत्पादन इकाइयों, कोयला और अन्य खदानों, तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन इकाइयों, और लाखों दूसरे अलग-अलग उद्योगों के काम-काज ठप पड़ गये है।

इस हड़ताल से सरकारी कार्यालयों, रेलवे, डाक और टेलीग्राफ़ सेवाओं और अन्य सरकारी दफ़्तरों के काम-काज पर भी असर पड़ने की संभावना है, क्योंकि कर्मचारी इस हड़ताल में अपनी एकजुटता दिखायेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता / सहायिका, स्वस्थ्य सेवा कार्यकर्ता, मिड-डे मील बनाने वाली और अन्य सरकारी योजनाओं में काम करने वाली कई लाख महिलायें भी हड़ताल पर चली गयी हैं।

आर-पार: लंबी तैयारी के साथ दिल्ली आ रहे हैं पंजाब के किसान

10:12 IST, Nov 26

किसान नेताओं का कहना है कि वे छह महीने का राशन इकट्ठा करके दिल्ली जा रहे हैं क्योंकि उन्हें खुद भी नहीं पता कि यह आंदोलन कितना लम्बा चलेगा।

पंजाब के​ किसान हरियाणा पहुंचे 

10:35 IST, Nov 26

पंजाब के किसानों का एक समूह राज्य की सीमाओं पर बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद टोहाना से हरियाणा में प्रवेश कर गया है

 

सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल जी के नेतृत्व में हजारों किसानों ने पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड तोड़ कर हरियाणा के टोहाना में प्रवेश कर लिया है और दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं... pic.twitter.com/ikJeLVEgjC

— Avik Saha (@aviksahaindia) November 26, 2020

छत्तीसगढ़ में हजारों खनन मजदूर हड़ताल में शामिल

10:35 IST, Nov 26

छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों के मजदूर भी अखिल भारतीय हड़ताल में शामिल हो गए हैं। आधी रात के बाद से कई जगहों पर हड़ताल शुरू हुई है। 
 

आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के बीच हड़ताल में हजारों लोग शामिल

10:38 IST, Nov 26

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हजारों कार्यकर्ता देशव्यापी हड़ताल के तहत रैली कर रहे हैं। सीटू के राज्य महासचिव एमए गफूर ने कहा, "औद्योगिक श्रमिक, निर्माण श्रमिक, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, परिवहन कर्मचारी और अन्य लोग हड़ताल में भाग ले रहे हैं। श्रमिकों ने भारी बारिश के बावजूद हड़ताल को सफल बना दिया है।" 

किसानों के पास 4-5 महीने का राशन

11:04 IST, Nov 26

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "हम दिल्ली को कूच कर रहे हैं, वहां रोका जाएगा तो सब सड़कों पर जाम लगा देंगे। हमारे पास 4-5 महीने का सामान है, हज़ार से ज़्यादा ट्रालियां जा रही हैं।"

किसानों के दिल्ली चलो विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और वाहनों की जांच की जा रही है।

किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और वे वाहनों की जांच भी कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी: अरविंद केजरीवाल

11:04 IST, Nov 26

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिल्कुल गलत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।

अंबाला के पास शंभू बार्डर पर किसानों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल 

11:10 IST, Nov 26

दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है। किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।

वहीं, हरियाणा में किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-जम्मू हाइवे पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और स्थिति पर नज़र रखने के लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है।

अंबाला के पास किसानों का प्रदर्शन उग्र 

11:12 IST, Nov 26

पंजाब में कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। पंजाब के शंभू बॉर्डर में किसान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड को उठाकर सड़क किनारे खेतों में फेंक दिया। पुलिस ने यहां किसानों पर पानी की बौछार की है। साथ ही आसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। यहां पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली जाने की मांग कर रहे हैं। किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

तेलंगाना के नलगोड़ा में प्रदर्शन

11:25 IST, Nov 26

श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत तेलंगाना में नलगोंडा बस स्टेशन के सामने आयोजित धरने में राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी, नगरपालिका कर्मचारी और वाम दल के नेताओं समेत सैकड़ों लोग शामिल हैं। 

protest

किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है: प्रियंका गांधी 

12:04 IST, Nov 26

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों के आंदोलन पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।

दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात

13:10 IST, Nov 26

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। ASP ने बताया,"हम लोगों का प्रयास है कि किसानों को यही रोककर उसने वार्ता कर उनकी जो बाते हैं उसे ज्ञापन के रूप में लेकर उसे आगे भेज दें।"

वहीं, गुरुग्राम बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को हिरासत में ले लिया गया है।

किसान विरोध: दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ी

13:23 IST, Nov 26

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी सख्त कर दी। पुलिस ने कहा कि सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था। पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि अगर वे कोविड-19 महामारी के बीच किसी भी सभा के लिए शहर में आते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मेट्रो सेवाएं भी बाधित

13:24 IST, Nov 26

किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ट्रेनें बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कहा कि इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, इसी अवधि के दौरान हवाई अड्डे और रैपिड मेट्रो लाइनों पर नियमित मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी

दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं: पुलिस 

13:25 IST, Nov 26

पुलिस ने ट्वीट कर कहा था कि शहर में ऐसी किसी भी सभा के लिए अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने ट्वीट किया था,“किसान संगठनों के 26 और 27 नवंबर को दिल्ली के लिए मार्च के संबंध में..... 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के संबंध में विभिन्न किसान संगठनों से प्राप्त सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया है और आयोजकों को इसकी सूचना पहले ही दे दी गई है।” उन्होंने कहा, 'कृपया दिल्ली पुलिस का सहयोग करें कि कोरोनावायरस के बीच दिल्ली में कोई सभा न हो, ऐसा ना होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा था कि विभिन्न किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया था। हमने उन्हें लिखित रूप से और विभिन्न मीडिया के माध्यम से भी अवगत करा दिया है कि डीडीएमए के नवीनतम दिशा-निर्देशों को देखते हुए विरोध-प्रदर्शनों की अनुमति नहीं है। 
 

दिल्ली में सीमाओं पर ​भारी पुलिस बल तैनात

13:27 IST, Nov 26

दिल्ली पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जसमीत सिंह ने कहा,“हमारा मुख्य ध्यान गाजीपुर सीमा, चिल्ला सीमा और डीएनडी पर होगा। वहां पहले से ही पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती है और चौबीसों घंटे जांच होगी। अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। पुलिस जिले की अन्य छोटी सीमाओं की भी जांच करेगी। पुलिस ने बताया कि सभी सीमाओं पर पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘हमने जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया है। अर्धसैनिक बलों की आठ टुकड़ियां सीमाओं पर पुलिस की सहायता करेंगी।” अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'संयुक्त किसान मोर्चा' गठित किया है। मोर्चा के संचालन में समन्वय स्थापित करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है।

किसानों पर लाठियां भांजना और पानी की बौछार मारना सरकार की तानाशाही का प्रमाण : कांग्रेस

13:29 IST, Nov 26

कांग्रेस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार कृषकों की आवाज सुनने के बजाय उन पर सर्दियों में पानी की बौछार और लाठियां मार रही है जो उसके तानाशाही होने का प्रमाण है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि आखिर ‘दिल्ली दरबार’ के लिए किसान कब से खतरा हो गए? सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज़ मांगों को लेकर गांधीवादी तरीक़े से दिल्ली आ रहे किसानों को ज़बरन रोकना और पानी की तेज बौछार मारना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ खेती बिलों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’’ 

सुरजेवाला का सवाल, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया?

13:39 IST, Nov 26

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘आज देश का मज़दूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोज़गार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फ़ैसला करे!’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा ग़लत ही क्यों होती हैं?’’ उल्लेखनीय है कि पंजाब के बहुत सारे किसान केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं। इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है।

कश्मीर में भी दिखा मजदूरों की हड़ताल का असर

13:56 IST, Nov 26

कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और श्रीनगर सहित कई जिलों में श्रमिकों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य व जन सुविधाओं से जुड़े कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे महामारी की चपेट में आ गए हैं और मोदी सरकार के श्रमिक विरोधी कानून हालात को बदतर बना रहे हैं।

 

सरकार की क्रूरता के खिलाफ डटकर खड़ा है देश का किसान: राहुल गांधी

13:56 IST, Nov 26

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की ‘क्रूरता’ के खिलाफ देश के सभी किसान डटकर खड़े हैं। उन्होंने दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट की, ‘‘नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!’’ राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।

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