NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लुइस एर्से के नेतृत्व वाले समाजवादी बोलिविया के राष्ट्रपति चुनावों में भारी जीत की ओर
यूनिटेल-सेस्मोरी के अनुमान ने एमएएस के लुइस एर्से-डेविड चोकेहुआंसा टिकट को 52% से अधिक मतों से जीत रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
19 Oct 2020
लुइस एर्से

मूवमेंट टुवार्ड्स सोशलिज्म (एमएएस) के लुइस एर्से ने कहा कि,  "मैंने लोकतंत्र और उम्मीद को वापस पा लिया है"। एक प्राइवेट पोलस्टर और बोलिविया के तख्तापलट सरकार के राष्ट्रपति दोनों ने पुष्टि की थी कि एमएएस के उम्मीदवार बोलीविया में पहले दौर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले हैं।

यूनिटेल-सिस्मोरी के अनुमान के अनुसार रविवार 18 अक्टूबर को हुए चुनावों में लुइस एर्से को 52.4% वोट जीतने वाले को तौर पर दिखाया गया जबकि इनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कार्लोस मेसा को 31.5% वोट प्राप्त करने वालों के रूप में दिखाया गया।

कुछ ही समय बाद, तख्तापलट सरकार के राष्ट्रपति जीनाइन एनेज ने एक ट्वीट में कहा कि उपलब्ध जानकारी ने लुइस एर्से-डेविड चोकेहुआंसा की उम्मीदवारी जीत की ओर इशारा किया।

बोलीविया के चुनाव क़ानूनों के अनुसार, एक उम्मीदवार को पहले दौर में जीतने के लिए उन्हें या तो 50% से अधिक मतों को हासिल करना चाहिए या अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 10% की बढ़त के साथ 40% से अधिक मतों को हासिल करना चाहिए। चूंकि मतगणना जारी है इसलिए अंतिम परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।

नवंबर 2019 में तख्तापलट करके हटाए गए एमएएस के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस ने यूनिटेल-सिस्मोरी अनुमान के जारी करने से पहले कहा कि पार्टी के गणना करने वाले अपने आंतरिक व्यवस्था से पता चलता है कि पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था साथ ही संसद के दोनों सदनों में जीत दर्ज किया था। लुइस एर्से इवो मोरालेस प्रशासन में इकोनॉमी एंड पब्लिक फाइनेंस मिनिस्ट थें। पोलस्टर द्वारा अनुमान जारी करने के बाद मोरालेस ने ट्वीट किया कि लोगों की इच्छा जीत गई थी और "हम लोगों को गरिमा और स्वतंत्रता वापस करने जा रहे थे।"

रविवार को हुआ चुनाव हिंसक तख्तापलट के बाद पहला चुनाव था। इस तख्तापलट के बाद एमएएस, इसके सदस्यों और समर्थकों का भारी उत्पीड़न हुआ था। रविवार के चुनाव में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण था और अधिक वोट गिरे। चुनावों से पहले इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि क्या स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे और क्या इसके परिणामों को मान्यता दी जाएगी।

इन परिणामों की जानकारी सामने आने के बाद बोलीविया और प्रगतिशील वर्गों द्वारा पूरे विश्व में उत्सव मनाई गई। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने ट्वीट किया कि बोलीविया के लोगों ने अपने वोटों से उस तख्तापलट सत्ता को हराया जिसने इवो मोरालेस को उखाड़ फेंका था।

bolivia
#BoliviaDecide
Bolivian Elections 2020
Coup in Bolivia
David Choquehuanca
DIREPREEvo Morales
Jeanine Añez
Luis Arce
Manuel Zelaya
Nicolás Maduro
Unitel-Ciesmori

Related Stories

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 

वेनेज़ुएला ने ह्यूगो शावेज़ के ख़िलाफ़ असफल तख़्तापलट की 20वीं वर्षगांठ मनाई

क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?

अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के बाद मादुरो का विपक्ष के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

होंडुरास: राजनीतिक उथल-पुथल के बीच ज़ियोमारा कास्त्रो बनेंगी राष्ट्रपति

बोलिवियाई लोगों को तख्तापलट करने वाली नेता जीनिन आनेज़ के जेल से भागने की आशंका

बोलिविया के तख़्तापलट में शस्त्र मुहैया कराने के मामले में अर्जेंटीना ने जांच शुरू की

बोलीविया सरकार ने इक्वाडोर द्वारा तख़्तापलट सरकार को हथियारों की आपूर्ति की जांच की

बोलिविया में तख्तापलट का नेतृत्व करने के लिए जीनिन अनेज गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License