NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
शिक्षा
संस्कृति
कला
रंगमंच
संगीत
समाज
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
"ये हिटलर के साथी...इनकी सूरत को पहचानों भाई"
इस समय सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सभी क्षेत्रों का बहुत बुरा हाल है। इस माहौल पर संभाजी भगत, जाने-माने दलित संगीतकार और रंगमंच कार्यकर्ता ने 'हिटलर के साथी' नाम से कविता लिखी है। इस विडियो में आप इस पूरी कविता को सुन सकते है।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
11 Jun 2019

इस समय सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सभी क्षेत्रों का बहुत बुरा हाल है। इस माहौल पर संभाजी भगत, जाने-माने दलित संगीतकार और रंगमंच कार्यकर्ता ने 'हिटलर के साथी' नाम से कविता लिखी है। इस विडियो में आप इस पूरी कविता को सुन सकते है। ये है कविता के कुछ अंश:

ये हिटलर के साथी

जनाजों के बाराती 

पूछते नहीं इंसान को कौन है तू 

पूछते है धर्म और जाती 

sambhaji bhagat
marathi
political theatre
theatre activist
Mumbai
political
Casteism
aarthik

Related Stories

जाति के सवाल पर भगत सिंह के विचार

पत्रकारिता में दोहरे मापदंड क्यों!

सवर्ण आयोग: शोषणकारी व्यवस्था को ठोस रूप से संस्थागत बनाने का नया शिगूफ़ा

जब सार्वजनिक हित के रास्ते में बाधा बनती आस्था!

'मैं भी ब्राह्मण हूं' का एलान ख़ुद को जातियों की ज़ंजीरों में मज़बूती से क़ैद करना है

भारत की वंचित जातिः बेतिया के डोम-मेहतर ज़िंदगी गुज़ारने के लिए बांस की बिनाई और मानव मल की सफ़ाई करते हैं

चुनाव विश्लेषण के कुछ मिथक


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते
    29 May 2022
    उधर अमरीका में और इधर भारत में भी ऐसी घटनाएं होने का और बार बार होने का कारण एक ही है। वही कि लोगों का सिर फिरा दिया गया है। सिर फिरा दिया जाता है और फिर एक रंग, एक वर्ण या एक धर्म अपने को दूसरे से…
  • प्रेम कुमार
    बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर
    29 May 2022
    शिक्षाविदों का यह भी मानना है कि आज शिक्षक और छात्र दोनों दबाव में हैं। दोनों पर पढ़ाने और पढ़ने का दबाव है। ऐसे में ज्ञान हासिल करने का मूल लक्ष्य भटकता नज़र आ रहा है और केवल अंक जुटाने की होड़ दिख…
  • राज कुमार
    कैसे पता लगाएं वेबसाइट भरोसेमंद है या फ़र्ज़ी?
    29 May 2022
    आप दिनभर अलग-अलग ज़रूरतों के लिए अनेक वेबसाइट पर जाते होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाएं कि वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहें हैं जो इस मामले में आपकी मदद कर…
  • सोनिया यादव
    फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 
    29 May 2022
    डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म अनेक आज की राजनीति पर सवाल करने के साथ ही नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट…
  • राजेश कुमार
    किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है
    29 May 2022
    अजय सिंह की सारी कविताएं एक अलग मिज़ाज की हैं। फॉर्म से लेकर कंटेंट के स्तर पर कविता की पारंपरिक ज़मीन को जगह–जगह तोड़ती नज़र आती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License