NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
अर्थव्यवस्था
यूपी में कश्मीरी युवकों को नौकरी का वादा : "न हमें मिली न उन्हें मिलेगी"
आदित्यनाथ सरकार के बड़े वादों के बावजूद उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बदतर हो गई है। प्रदेश में लगभग 44 लाख शिक्षित युवा बेरोज़गार हैं। ऐसे में सरकार का कश्मीरी युवाओं को रोज़गार देने का वादा कितना सफल हो पाता है ये कहना मुश्किल है।
सोनिया यादव
30 Sep 2019
बेरोजगारी की स्थिति बदतर
बेरोजगारी की स्थिति बदतर

केंद्र की मोदी सरकार की ही तरह उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने प्रदेशवासियों को रोजगार का सपना तो खूब दिखाया लेकिन अगर आंकड़ों के आधार पर देखें तो हक़ीक़त उनके दावों और वादों से कोसो दूर नज़र आती है। ख़बरों के अनुसार एक बार फिर योगी सरकार 15 हजार कश्मीरी युवाओं को उत्तर प्रदेश में नौकरी देने का सपना दिखा रही है, लेकिन ये वादा कितना पूरा हो पाता है ये देखना दिलचस्प होगा।

प्रीयोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में साल 2011-12 में ग्रामीण बेरोजगारी 0.9% थी, जो 2017-18 में बढ़कर 5.4% हो गई है। इसी तरह, शहरों में बेरोजगारी की दर 4.1% से बढ़कर 9.5% हो गई। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि 3.4% से 7.7% है।

उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा राष्ट्रीय आंकड़े से बहुत अधिक है। प्रदेश में लगभग 22 करोड़ की आबादी है, जिसमें 44 लाख शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें नौकरी की दरकार है। यदि दैनिक स्थिति को ध्यान में रखा जाए तो यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। इन आंकड़ों की मदद से आसानी से प्रदेश में बेरोज़गारी का हाल समझा जा सकता है।

इस संबंध में गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, लखनऊ के राकेश सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया, “प्रदेश की ऐसी स्थिति एक तरफ शिक्षा की खराब गुणवत्ता तो दूसरी ओर नौकरी के अवसर की कमी को दर्शाती है। अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है, इसलिए बढ़ती श्रम शक्ति के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही हैं। ”

रोकेश का आगे कहना है कि प्रदेश में रोज़गार के प्रर्याप्त साधन न होने के कारण ही यहां के लोगों को मज़बूरी में नौकरी की तलाश में पलायन करना पड़ता है। सरकार चाहे जितने दावे कर ले, सच्चाई यही है कि लोग बेरोज़गारी की मार झेल रहे हैं।

रिपोर्ट बताती है कि बेरोजगारी की दर युवाओं के शैक्षिक स्तर के सीधे आनुपातिक है। इसका मतलब है कि प्रदेश में युवा जितना अधिक शिक्षित होता है, उसके रोजगार पाने की संभावना उतनी ही कम होती है। अनपढ़ के मामले में बेरोजगारी की दर सिर्फ 1.9% है।

प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा के मामले में, बेरोजगारी अनुपात क्रमशः 5.3, 5.8, 9.6 और 14.5% है। तकनीकी शिक्षित युवाओं के डिप्लोमा या सर्टिफिकेट बेरोजगारी की दर 12.7% है, जबकि स्नातकोत्तर के मामले में यह 10.9% है।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीस (PHDCCI) के अभिषेक रस्तोगी का कहना है कि इस समय देश के उद्योग संगठन एक विकट स्थिति का सामना कर रहे हैं। लेकिन यूपी की स्थिति अलग है। यहां शिक्षित युवाओं के पास नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल नहीं है, तो वहीं प्रदेश में पर्याप्त संस्थान भी नहीं हैं जो उद्योग की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित कर सकें।

अभिषेक का कहना है कि राज्य सरकार को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने चाहिए नहीं तो स्थिति  हाथ से निकल कर राजनीतिक और सामाजिक रूप से विस्फोटक होने की संभावना है।

बता दें कि पिछले दिनों ही उच्च शिक्षा पर केंद्रित आठवां सालाना सर्वेक्षण 2018-19 और रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकॉनॉमी (सीएमआइई) की अनएम्पलॉयमेंट इन इंडिया- ए स्टैटिस्टिकल प्रोफाइल (मई-अगस्त 2019) जारी हुई। दोनों ही रिपोर्टों को अगर एक साथ मिलाकर देखें तो .यही निष्कर्ष सामने आता है कि हमारे देश में शिक्षित बेरोजगारी बड़ा विकराल रूप धारण करती जा रही है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे सुजीत श्रीवास्तव ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, 'ये हैरानी की बात है कि एक ओर जहां बेरोजगारी चरम पर है वहीं सरकार हालात सुधारने की कोशिश करने के बजाय लोगों का ध्यान भटकाने की जुगत में लगी है। जब प्रदेश में रोज़गार ही नहीं है, तो सरकार किस आधार पर नए दावे कर रही है।'

गोरखपुर से नौकरी करने दिल्ली आए अदित सिंह कहते हैं कि अगर हमारे प्रदेश में नौकरियां उपलब्ध होती, तो हमें दिल्ली आकर कमाने की जरूरत नहीं पड़ती। अपने परिवार और घर से दूर भला कौन रहना चाहता है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। बस अपने झूठे दावे कर रही है।

एचसीएल मुबंई में कार्यरत आजमगढ़ के वैभव बताते हैं, 'सरकार कश्मीरी युवाओं को नौकरी का केवल सपना दिखा रही है, जैसे अक्सर हमें दिखाया करती है। लेकिन न हमें नौकरी मिली न उन्हें मिलेगी। ये केवल 370 के समर्थन का एक जरिया है।'

गौरतलब है कि मई 2019 के आखिर में जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बोरोजगारी के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। दिसंबर 2018 में खत्म तिमाही में राज्य में सबसे ज्यादा करीब 16 फीसदी की दर से बोरोजगारी दर्ज की गई है। ऐसे में योगी सरकार का कश्मीरी छात्रों को प्रदेश में रोज़गार देने का दावा आने वाले समय में हकीकत में बदलता है या बाकी वादों की तरह हवा-हवाई हो जाता है, ये देखना दिलचस्प होगा।

UttarPradesh
Jammu and Kashmir
kashmiri youth
Yogi Adityanath
unemployment
unemployment in UP
yogi government

Related Stories

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

मेरठ: वेटरनरी छात्रों को इंटर्नशिप के मिलते हैं मात्र 1000 रुपए, बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

ऑनलाइन शिक्षा में विभिन्न समस्याओं से जूझते विद्यार्थियों का बयान

यूपी चुनाव: बदहाल शिक्षा क्षेत्र की वे ख़ामियां जिन पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए लेकिन नहीं होती!

कैसे भाजपा की डबल इंजन सरकार में बार-बार छले गए नौजवान!

बिहार : शिक्षा मंत्री के कोरे आश्वासनों से उकताए चयनित शिक्षक अभ्यर्थी फिर उतरे राजधानी की सड़कों पर  

कुपोषित बच्चों के समक्ष स्वास्थ्य और शिक्षा की चुनौतियां

मोदी जी! विकलांग को दिव्यांग नाम नहीं, शिक्षा का अधिकार चाहिए

यूपी: रोज़गार के सरकारी दावों से इतर प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

ग्राउंड रिपोर्ट - ऑनलाइन पढ़ाईः बस्ती के बच्चों का देखो दुख


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License