NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कला
साहित्य-संस्कृति
इतवार की कविता : आग़ा हश्र कश्मीरी की दो ग़ज़लें
3 अप्रैल 1879 में जन्मे उर्दू शायर, अफ़सानानिगार और प्लेराइट आग़ा हश्र कश्मीरी की जयंती पर पढ़िये उनकी दो ग़ज़लें...
न्यूज़क्लिक डेस्क
03 Apr 2022
Agha hashr kashmiri

3 अप्रैल 1879 में जन्मे उर्दू शायर, अफ़सानानिगार और प्लेराइट आग़ा हश्र कश्मीरी की जयंती पर पढ़िये उनकी दो ग़ज़लें...

1.
याद में तेरी जहाँ को भूलता जाता हूँ मैं 
भूलने वाले कभी तुझ को भी याद आता हूँ मैं 

एक धुँदला सा तसव्वुर है कि दिल भी था यहाँ 
अब तो सीने में फ़क़त इक टीस सी पाता हूँ मैं 

ओ वफ़ा-ना-आश्ना कब तक सुनूँ तेरा गिला 
बे-वफ़ा कहते हैं तुझ को और शरमाता हूँ मैं 

आरज़ूओं का शबाब और मर्ग-ए-हसरत हाए हाए 
जब बहार आए गुलिस्ताँ में तो मुरझाता हूँ मैं 

'हश्र' मेरी शेर-गोई है फ़क़त फ़रियाद-ए-शौक़ 
अपना ग़म दिल की ज़बाँ में दिल को समझाता हूँ मैं 

2.
सू-ए-मय-कदा न जाते तो कुछ और बात होती 
वो निगाह से पिलाते तो कुछ और बात होती 

गो हवा-ए-गुलसिताँ ने मिरे दिल की लाज रख ली 
वो नक़ाब ख़ुद उठाते तो कुछ और बात होती 

ये बजा कली ने खिल कर किया गुलसिताँ मोअत्तर 
अगर आप मुस्कुराते तो कुछ और बात होती 

ये खुले खुले से गेसू इन्हें लाख तू सँवारे 
मिरे हाथ से सँवरते तो कुछ और बात होती 

गो हरम के रास्ते से वो पहुँच गए ख़ुदा तक 
तिरी रहगुज़र से जाते तो कुछ और बात होती 

itwaar ki kavita
agha hashr kashmiri
Poetry
Urdu poetry

Related Stories

इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा

इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'

इतवार की कविता : माँओं के नाम कविताएं

इतवार की कविता : 'ऐ शरीफ़ इंसानो, जंग टलती रहे तो बेहतर है...'

इतवार की कविता : पहले कितने ख़त आते थे...

इतवार की कविता : "मैंने रिहर्सल की है ख़ुद को दुनियादार बनाने की..."

भारतीय शायरी की अज़ीम शख्सियत को सलाम और श्रद्धांजलि


बाकी खबरें

  • भाषा
    आकार पटेल ने सीबीआई के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की
    08 Apr 2022
    पटेल के वकील ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को बृहस्पतिवार रात एक हवाई अड्डे पर रोका गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है। 
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ...
    08 Apr 2022
    संसद में विपक्षी सांसद महंगाई, नफरत, बेरोजगारी, पत्रकारों पर बढ़ते हमले पर बात करने का निवेदन करते हैं लेकिन माननीय सभापति महोदय मुस्कुरा कर टालते जाते हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    पश्चिम बनाम रूस मसले पर भारत की दुविधा
    08 Apr 2022
    नई दिल्ली को स्पष्ट हो जाना चाहिए और इस वास्तविकता को समझ लेना चाहिए कि यूक्रेन संघर्ष इंडो-पैसिफ़िक रणनीति का ही एक ख़ाका है।
  • भाषा
    संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया
    08 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग
    08 Apr 2022
    उच्चतम न्यायालय के इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द करने के बाद, इमरान ने आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License