NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कला
समाज
साहित्य-संस्कृति
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इतवार की कविता : 'ऐ शरीफ़ इंसानो, जंग टलती रहे तो बेहतर है...'
इतवार की कविता में आज पढ़िये साहिर लुधियानवी की जंग के ख़िलाफ़ लिखी यह नज़्म जिसमें वह कहते हैं कि 'जंग टलती रहे तो बेहतर है...'
न्यूज़क्लिक डेस्क
27 Feb 2022
No War

यूक्रेन पर रूस पर हमला जारी है। और इन हमलों के चलते आम नागरिकों की परेशानियाँ भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में पढ़िये साहिर लुधियानवी की जंग के ख़िलाफ़ लिखी यह नज़्म जिसमें वह कहते हैं कि 'जंग टलती रहे तो बेहतर है...'

ऐ शरीफ़ इंसानो...

1. 

ख़ून अपना हो या पराया हो 
नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर 
जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में 
अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर 

बम घरों पर गिरें कि सरहद पर 
रूह-ए-तामीर ज़ख़्म खाती है 
खेत अपने जलें कि औरों के 
ज़ीस्त फ़ाक़ों से तिलमिलाती है 

टैंक आगे बढ़ें कि पिछे हटें 
कोख धरती की बाँझ होती है 
फ़त्ह का जश्न हो कि हार का सोग 
ज़िंदगी मय्यतों पे रोती है 

जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है 
जंग क्या मसअलों का हल देगी 
आग और ख़ून आज बख़्शेगी 
भूक और एहतियाज कल देगी 

इस लिए ऐ शरीफ़ इंसानो 
जंग टलती रहे तो बेहतर है 
आप और हम सभी के आँगन में 
शम्अ' जलती रहे तो बेहतर है 

2.

बरतरी के सुबूत की ख़ातिर 
ख़ूँ बहाना ही क्या ज़रूरी है 
घर की तारीकियाँ मिटाने को 
घर जलाना ही क्या ज़रूरी है 

जंग के और भी तो मैदाँ हैं 
सिर्फ़ मैदान-ए-किश्त-ओ-ख़ूँ ही नहीं 
हासिल-ए-ज़िंदगी ख़िरद भी है 
हासिल-ए-ज़िंदगी जुनूँ ही नहीं 

आओ इस तीरा-बख़्त दुनिया में 
फ़िक्र की रौशनी को आम करें 
अम्न को जिन से तक़्वियत पहुँचे 
ऐसी जंगों का एहतिमाम करें 

जंग वहशत से बरबरिय्यत से 
अम्न तहज़ीब ओ इर्तिक़ा के लिए 
जंग मर्ग-आफ़रीं सियासत से 
अम्न इंसान की बक़ा के लिए 

जंग इफ़्लास और ग़ुलामी से 
अम्न बेहतर निज़ाम की ख़ातिर 
जंग भटकी हुई क़यादत से 
अम्न बे-बस अवाम की ख़ातिर 
जंग सरमाए के तसल्लुत से 
अम्न जम्हूर की ख़ुशी के लिए 
जंग जंगों के फ़लसफ़े के ख़िलाफ़ 
अम्न पुर-अम्न ज़िंदगी के लिए 

वीडियो :

no war
Russia and Ukraine
Russia Attack on Ukraine
sahir ludhiyanvi
anti war poetry
Mahmoud Darwish
Urdu poetry

Related Stories

इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'

इतवार की कविता : आग़ा हश्र कश्मीरी की दो ग़ज़लें

इतवार की कविता : "मैंने रिहर्सल की है ख़ुद को दुनियादार बनाने की..."

चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए...


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License