NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जिगनेश मेवानी को राजस्थान के नागौर जाने के रोका गया, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
“राजस्थान में साफ़ तौर पर एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है I जो भी प्रतिरोध की आवाज़े हैं उन्हें डरा कर दबाने की कोशिश की जा रही है I"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Apr 2018
JIGNESH

15 अप्रैल को गुजरात के वडगांव से विधायक और दलित नेता जिगनेश मेवानी को राजस्थान के नागौर ज़िले में होने वाले उनके कार्यक्रम से पहले ही जयपुर में राजस्थान पुलिस ने रोक दियाI दरअसल, जिगनेश मेवनी नागौर में आयोजित एक कार्यक्रम में अम्बेडकर की विचारधारा और संविधान पर बोलने वाले थे I लेकिन 15 अप्रैल की सुबह जैसे ही वह जयपुर हवाई अड्डे पर पहुँचे उन्हें पुलिस ने वहीं रोक दिया और उन्हें कहा गया कि उन्हें नागौर नहीं जाने दिया जा सकता I हैरानी की बात ये है कि प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम की अनुमति पहले ही दी जा चुकी थी फिर भी आखिर समय पर ये कदम उठाया गया I

पुलिस ने उन्हें वापस अहमदाबाद भेजने की बात की पर सामाजिक कार्यकर्त्ताओं द्वारा इसका विरोध करने पर उन्हें जयपुर में रुकने की इजाज़त दे दी गयी I इसके बावजूद उन्हें काफी देर तक एक गाड़ी में बैठाया गया और जब दो दलित सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने जब उनके साथ लाइव वीडियो पर बात करने की कोशिश की तो उन दोनों को भी हिरासत में ले लिए गया I

उन्हें करीब 4 घंटे एअरपोर्ट के बाहर ही रोका रखा गया और बाद में वह किसी जानने वाले के यहाँ जयपुर में ही रुक गए जहाँ बाहर पुलिस का पहरा था I

इस घटना का राजस्थान के सामाजिक कार्यकर्त्ता लगातार विरोध कर रहे हैं I PUCL (People’s Union for Civil Liberties) ने इस घटना के बाद एक स्टेटमेंट जारी किया है जिसमें इस घटना की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है और इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित भी बताया है I दरअसल, राजस्थान पुलिस ने जिगनेश को रोकते हुए उनपर ये आरोप लगाये थे कि उनके नागौर ज़िले में जाने से माहौल ख़राब हो सकता है I इस लिखित आदेश में ये कहा गया है कि जिगनेश जहाँ भी गए हैं, वहाँ जातिगत उन्माद फैला है और कानून व्यवस्था भी ख़राब हुई है I उसमें आगे कहा गया है कि 2 अप्रैल के भारत बंद के बाद जयपुर और आस-पास के इलाकों में काफी तनाव रहा है I यही वजह है कि यहाँ 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक धारा 144 लगाई गयी है, इसीलिए जिगनेश मेवनी को यहाँ कोई रैली, कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन करने का इजाज़त नहीं है I

इस मुद्दे पर बात करते हुए PUCL राजस्थान अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा “राजस्थान में साफ़ तौर पर एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है I जो भी प्रतिरोध की आवाज़े हैं उन्हें डरा कर दबाने की कोशिश की जा रही है, अगर वहाँ धारा 144 लागू थी भी तो उन्हें जिगनेश के घूमने से क्या परेशानी थी ? ये जानभूझकर किया गया कानून का दुरुपयोग है I हम देखते हैं जहाँ एक तरफ राजस्थान में बीजेपी के नेता खुलेआम भड़काऊ भाषण देते हैं और उनपर कोई कार्यवाही नहीं होती और दूसरी तरफ़ अगर कोई बाबा साहब पर अपनी बात रखता है तो उसे अनुमति नहीं दी जातीI बीजेपी को असल में जिगनेश की मुखरता से डर लग रहा है और ये सब इस साल प्रदेश में होने वाले चुनावों को देखते हुए किया जा रहा है I कुछ दिन पहले ही कोटा और भीलवाडा में भी इसी तरह आम आदमी पार्टी के दो नेताओं को रोका गया था I”

जिगनेश मेवनी ने इस कार्यवाही के खिलाफ फेसबुक पर लिखा “राजे तेरा राज जाएगा अब तय है। 
में बाबा साहब और संविधान पर बात करने आया था, तब भी रोका गया ! 
इसक सज़ा मिलेंगी, बराबर मिलेंगी। 
कितनी बार रोकती है आप हम भी देखते है..."

पिछले कुछ समय से जिगनेश मेवनी दलितों के मुखर नेता बनकर सामने आये हैं I 2016 में गुजरात के ऊना में 4 दलित युवकों को मरी हुई गाय की खाल निकालने पर पीटे जाने के बाद शुरू हुए दलित आन्दोलन को नेतृत्व देने वाले जिगनेश ही थे I हाल ही में हुए गुजरात चुनावों में वह वडगांव से विधायक बने और साथ ही देश भर में चल रहे दलितों के आंदोलनों को समर्थन देते रहे हैं I वो बीजेपी के मुखर विरोधी हैं और बीजेपी के खिलाफ सभी जन आन्दोलनों और पार्टियों की एकता के समर्थक भी I

यही वजह है कि इस साल राज्य में दिसंबर में होने वाले विधान सभा चुनावों को देखते हुए राजस्थान सरकार ने ये कदम उठाया है I ये और भी महत्वपूर्ण तब है जब 2 अप्रैल को SC/ST act के सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमज़ोर किये जाने के खिलाफ हुए दलितों के भारत बंद में राजस्थान में काफी हिंसा देखने को मिली I इस हिंसा में ज़्यादातर घायलों में दलित ही शामिल हैं और एक मरने वाला युवक भी दलित ही था, इसके आलावा दलितों के 322 वाहना जलाये गए, उनपर हज़ारों फ़र्ज़ी मुकदमें भी दर्ज़ किये गए और दलित युवकों को कस्टडी में पीटा भी गया I सामाजिक कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि बहुत जगह ये हमले बजरंग दल और करणी सेना द्वारा किये गएI

यही वजह है कि राजस्थान सरकार को ये डर है कि प्रदेश की 18% दलित और 13% आदिवासी आबादी उनके खिलाफ मतदान कर सकती है I जिगनेश को नागौर जाने से रोकने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है I

जिगनेश मेवनी
कविता श्रीवास्तव
PUCL
दलित प्रतिरोध
राजस्थान सरकार
बीजेपी

Related Stories

करौली हिंसा को रोकने में विफल रहे अधिकारियों को निलंबित करें: PUCL

कांग्रेस पर वार का ममता का दांव और दलितों की नृशंस हत्या पर योगी की लीपापोती

‘लंबी सुनवाई प्रक्रिया एक सज़ा’: पूर्व न्यायाधीशों ने यूएपीए के अंतर्गत ज़मानत और जेल के विधान की आलोचना की

महाराष्ट्र : कोरोना ने जेलों में भी दी दस्तक, न्यायलय ने जताई चिंता!

12 साल के बाद NHRC का निर्णय : सलवा जुडूम और एसपीओ ने ही कोंडासावली गाँव जलाया

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

पीयूसीएल ने बिरला के बयान की निंदा की

मानवाधिकार दिवस पर 100 जनसंगठनों ने मनाया “जश्न-ए-संविधान”

डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License