NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जज लोया की मौत से संबंधित सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की
शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं को "राजनीतिक रूप से प्रेरित” क़रार देते हुए कहा का इन याचिकाओं का उद्देश्य न्यायपालिका को बदनाम करने वाला है।

विवान एबन
20 Apr 2018
जज लोया

जज लोया की मौत मामले में स्वतंत्र जांच के लिए दायर की गई सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं को"राजनीतिक रूप से प्रेरित” क़रार देते हुए कहा का इन याचिकाओं का उद्देश्य न्यायपालिका को बदनाम करने वाला है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ में न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति खानविलकर शामिल थें। पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए विवेकशील जांच के परिणामों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं बनता है। हालांकि याचिका को ख़ारिज करने के आदेश को अभी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है, किसी को केवल आश्चर्य हो सकता है कि अदालत के इस फैसले का क्या कारण था।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं कई याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर की गई थीं। इन याचिकाकर्ताओं में तहसीन पूनावाला, बंधुराज संभाजी लोन, बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन,एडमिरल एल रामदास, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन और सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन शामिल हैं।

सुनवाई के दौरान इन याचिकाकर्ताओं ने जज लोया की मौत, ईसीजी रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ-साथ उस स्थिति के बारे में सवाल उठाए थे जब उनके शव को परिजनों को दिया गया था। इसके अलावा उनके चिकित्सीय इतिहास के बारे में सवाल उठाए गए। न ही उनके माता-पिता दिल की बीमारी थी और न ही उनके पूर्वजों को तो फिर भी उनकी मौत हर्ट अटैक से हो गई।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं की तरफ से पेश हुए वकीलों से कहा था कि अदालत में उनके बयान को आपराधिक अवमानना के रूप में माना जाता है, फिर भी कोर्ट इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएगा। अदालत की यह उदारता यह दर्शा सकती है कि ये अदालत 'सच्चाई' की रक्षा के लिए तैयार नहीं है।

दूसरी तरफ योग्यता की कमी को लेकर इन याचिकाओं को खारिज करने का कारण है, अदालत ने जज लोया की मौत पर अटकलों को बिल्कुल विराम नहीं दिया है। यहां तक कि जज लोया के बेटे की सार्वजनिक अपील ने अटकलों को सीमित नहीं किया। इसलिए, ख़ारिज होने के बावजूद ये मामला समाप्त होने की संभावना नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जज लोया की मौत का जो समय दर्ज है उससे पहले जज की मौत की सूचना परिवार को दी गई। उनकी ईसीजी रिपोर्ट जिसे कुछ निश्चित मीडिया संस्थानों द्वारा चलाया गया उसे कार्डियोलोजिस्ट ने ख़ारिज कर दिया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के प्रभारी डॉक्टर ख़ुद राजनीतिक रूप से जुड़े थे। यह स्पष्ट है कि जज लोया बीजेपी से जुड़े सदस्य के मामले की सुनवाई कर रहे थे और नागपुर में उनकी मौत हो गई थी।

अदालत ने पीआईएल के दुरुपयोग की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीआईएलका दुरुपयोग चिंता का विषय और याचिकाकर्ता का उद्देश्य जजों को बदनाम करना है। यह न्यायपालिका पर सीधा हमला है। शीर्ष अदालत ने कहा राजनैतिक प्रतिद्वंद्विताओं को लोकतंत्र के सदन में ही सुलझाना होगा।

जज लोया केस
अमित शाह
सुप्रीम कोर्ट
दीपक मिश्रा

Related Stories

वोट बैंक की पॉलिटिक्स से हल नहीं होगी पराली की समस्या

सर्वोच्च न्यायालय में दलितों पर अत्याचार रोकथाम अधिनियम में संसोधन के खिलाफ याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट: मॉब लिंचिंग पर जल्द कानून लाए केंद्र

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

उपचुनाव नतीजे: मोदी-शाह पर भारी जनता-लहर!

कोलेजीयम ने न्यायमूर्ति के० एम० जोसेफ की सिफारिश को दोहराएगा

चेन्नई में SC/ST Act को कमज़ोर बनाये जाने के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन

विपक्ष कुत्ता कुत्ती है तो शाह के लिए मोदी कब विकास से विनाश बन गए?

दलितों का भारत बंद एक ऐतिहासिक घटना है: सुभाषिनी अली


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License