NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जन-सुनवायी में लोगों ने बताया, खाने के अधिकार को आधार बर्बाद कर रहा है
दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में राईट टू फ़ूड कैंपेन ने 15 मार्च को एक राष्ट्रीय स्तर की जन सुनवायी का आयोजन कियाI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Mar 2018
राईट टू फ़ूड

दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में राईट टू फ़ूड कैंपेन ने 15 मार्च को एक राष्ट्रीय स्तर की जन सुनवायी का आयोजन कियाI इसमें 14 राज्यों से आये लोगों के बयानों से ज़ाहिर हुआ कि कैसे भोजन के अधिकार को नेस्तनाबूद किया जा रहा हैI

यहाँ लोगों के बयानों से पता चला कि खाद्यान्न, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और यहाँ तक कि काम जैसी अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा हैI इन तमाम लोगों के बयानों को कार्यकत्ताओं, पत्रकारों, वकीलों, विधि निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं और मज़दूर संगठन के नेताओं के एक पैनल ने सुनाI

अपने अधिकारों के हनन से जूझ रहे इन लोगों की बातों से एक बार फिर यह साबित हुआ कि आधार को कल्याणकारी योजनाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने की वजह से बहुत बड़े स्तर पर लोग इन योजनाओं के घेरे से बाहर हो रहे हैं और इससे भूखमरी भी लगातार जारी हैI

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने की तमाम शर्तों पर खरे उतरने के बावजूद कई परिवारों को आधार न होने की वजह से राशन कार्ड नहीं दिया जा रहा हैI

ओडिशा के कोरापुट के सरपंच देबाशीष के मुताबिक उनकी ग्राम पंचायत के कुल 1,393 घरों में से 175 घरों के पास अभी तक राशन कार्ड नहीं हैं जबकि इन्हें आवेदन दिए साल से ऊपर हो चुका हैI

देबाशीष का कहना है कि आधार से अनिवार्य रूप से जोड़े जाने की वजह से राज्य की मातृत्व लाभ देने वाली ममता योजना के तहत भी रूपये की पेमेंट में रुकावटें आयींI

राईट टू फ़ूड कैंपेन से जुड़े कार्यकर्त्ताओं ने यह भी बताया कि कैसे भूखमरी की कई घटनाएँ इसकिये हुईं क्योंकि लोगों को सेवाएँ देने से इनकार कर दिया गयाI ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि या तो उनके पास आधार नहीं था या उनके बायोमेट्रिक चिह्न नहीं मिलने में मुश्किल हो रही थीI

झारखण्ड के सिमडेगा के तारामनी साहू ने 11 साल की संतोषी की मौत के बारे में बतायाI संतोषी की भूख से मौत हो गयी थी उसके परिवार को राशन सेने से इंकार कर दिया गया था क्योंकि उनके पास आधार नहीं थाI

झारखण्ड के विश्वनाथ ने जनवरी 2018 में गिरिडीह में रहने वाली एक वृद्ध महिला, बुधनी सोरेन, की भूख से हुई मौत के बारे में बतायाI

कर्णाटक के नरसिम्हा ने राज्य के गोकर्णा इलाके में हुई तीन भाइयों की मौत का विवरण प्रस्तुत किया, इनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था क्योंकि इनके पास आधार नहीं थाI

दिल्ली की एक महिला, रमा, ने कहा कि हालांकि दिल्ली सरकार ने राशन कार्ड धारकों की आँखों की पुतलियों से पहचान करने के लिए मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया है, फिर भी मशीन उनकी पहचान नहीं कर पाई और उन्हें सार्वजानिक वितरण प्रणाली से बाहर कर दिया गयाI  

कमज़ोर सामाजिक और आर्थिक स्थिति में जकड़े कई लोगों ने बताया कि उन्हीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही हैI नोयडा की गुलशन ख़ातून ने कहा कि उनके तीन बेटे हैं जो किसी-न-किसी अक्षमता से ग्रस्त हैं, फिर भी उन्हें कोई पेंशन नहीं मिलतीI ऐसे ही नोयडा की एक विधवा, मैदा ख़ातून, ने भी बताया उन्हें भी पेंशन नहीं मिलतीI  

कर्नाटक से राज्य सभा के सदस्य राजीव गौड़ा इस जन-सुनवायी के दौरान मौजूद थे और उन्होंने कहा कि हालांकि उनकी पार्टी (कांग्रेस) आधार कार्ड की शुरुआत की थी, लेकिन यूनिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम को कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को बाहर करने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने की मंशा कभी नहीं थीI

विभिन्न राज्यों से आये लोगों ने बताया कि उन्हें बड़े पैमाने पर फैल रही बेरोज़गारी की वजह से कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैI

आधार
आधार कार्ड के खतरे
PDS
मोदी सरकार

Related Stories

कमरतोड़ महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम मोदी सरकार 

योगी 2.0 का पहला बड़ा फैसला: लाभार्थियों को नहीं मिला 3 महीने से मुफ़्त राशन 

क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?

तो क्या सिर्फ़ चुनावों तक ही थी ‘फ्री राशन’ की योजना? 

यूपी: चुनावी एजेंडे से क्यों गायब हैं मिर्ज़ापुर के पारंपरिक बांस उत्पाद निर्माता

महामारी के मद्देनजर कामगार वर्ग की ज़रूरतों के अनुरूप शहरों की योजना में बदलाव की आवश्यकता  

अंतर्राष्ट्रीय वित्त और 2022-23 के केंद्रीय बजट का संकुचनकारी समष्टि अर्थशास्त्र

यूपी चुनाव : गांवों के प्रवासी मज़दूरों की आत्महत्या की कहानी

दिल्ली के गरीब भूखे और हताश हैं, उनके पेट में भूख की 'आग' जल रही है

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License