NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केरल की बाढ़ में लोगों की मदद करने आगे आये जन संगठन
केरल सरकार के आलावा ऐसे कई जन संगठन हैं जो लगातार लोगों की मदद में लगे हुए हैं। इनमें मुख्य हैं डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और अखिल भारतीय जनवादी महिला समीतिI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Aug 2018
dyfi

8 अगस्त से लगातार केरल में बाढ़ के चलते स्थिति भयानक बनी हुई है। बताया जा रहा है यह पिछले 100 सालों की सबसे भयानक बाढ़ है। 3.5 करोड़ की जनसंख्या वाले केरल के सभी 14 ज़िले इससे प्रभावित हुए हैं। सूत्र  बताते हैं कि कुछ दिनों पहले तक पूरे सूबे के करीबन 6 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण लिए हुए थे। हालाँकि अब कई लोग अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं। लेकिन जबसे बाढ़ ने भयानक रूप लिया है तबसे राज्य भर से 350 से ज़्यादा लोगों के मरने की खबर है। 14 अगस्त को कोच्ची एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था और 15 से राज्य में रेल और बस सेवाओं को रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले तक ज़्यादातर ज़िलों में रेड एलर्ट की स्थिति बनी हुई थी। अब हालत कुछ बेहतर हैं लेकिन अब भी केरल के पाँच ज़िले अल्लेप्पी, त्रिचूर, चालाकुडी , एर्नाकुलम ,पत्तनमतिट्टा में रेड एलर्ट है। अखबारों के मुताबिक राज्य को अब तक करीब 20,000 करोड़ रुपयों का नुक्सान हुआ है लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ 500 करोड़ रुपए की सहायता करने की बात की है। 
 
 इस सबके बीच केरल सरकार के अलावा ऐसे भी कई जन संगठन हैं जो लगातार लोगों की मदद में लगे हुए हैं। इनमें मुख्य हैं Democratic Youth Federation Of India , Student federation of India और All India democratic Women's Association . Democratic Youth Federation Of India के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद रियाज़ जो कि खुद केरल से हैं, के अनुसार DYFI और बाकी सभी जान संगठन के लोग हज़ारों की संख्या में हर ज़िले में मौजूद हैं और लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पहले जब बारिश तेज़ होने लगी तो जन संगठन के लोग आम लोगों को उनके घरों से निकाल रहे थे और सरकार द्वारा बनाये गए राहत शिविरों में ले जा रहे थे। बहुत से लोगों की जानें इन जन संगठनों के लोगों द्वारा बचाई गयी है। राहत शिविरों को भी बनाने में इन संगठनों का बड़ा योगदान है। बताया जा रहा है कि ज़्यादातर राहत शिविर स्कूलों में बनाये गए हैं। पूरे केरल में करीबन 2000 राहत शिविर बनाये गए हैं।  कालीकट ज़िले में एक मस्जिद का राहत शिविर बनाया गया जहाँ सभी धर्मों से आये लोगों को रुकवाया गया। इसके अलावा बहुत से मदिरों , मस्जिदों और गिरजाघरों में भी इसी तरह राहत शिविर बनाये गए हैं। 
 
शिविरों में खाना, दवाइयाँ ,कपडे और इंसानी ज़रुरत की सभी चीज़ें बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस त्रासदी के दौरान लोगों के जितने ज़रूरी कागज़ात गायब हुए हैं उन्हें सरकार वापस बनाकर देगी। इसके लिए सरकार ने एक सर्वे कराये जाने की बात की है , जिसे प्रदेश भर में जन सगठनों के द्वारा ही किया जायेगा। महिला समिति से जुड़ी महिलायें जगह जगह जाकर महिलाओं से उनके ज़रुरत के सामान सूची बना रही हैं। इसके बाद सैनेटरी नैपकिन, खाने पीने के और बाकी सामान मुफ्त में दिए जा रहे हैं। केरल सरकार ने यह भी कहा है कि इस बाढ़ में बर्बाद हुई बच्चों की किताबें उन्हें मुफ्त में प्रदान की जाएंगी। इससे पहले ही छात्र संगठन SFI ने हर ज़िले में कॉपी और किताब वितरित करने का काम शुरू कर दिया है। बचाव और सहायता कार्य का विकेन्द्रीकरण कर दिया गया जिसमें मज़बूत पंचायती तंत्र की बड़ी भूमिका रही है। जन-संगठनों ने भी इस पंचायती तंत्र का सहारा लिया जैसे लोगों को निकाल कर पंचायत के निर्देशानुसार उपयुक्त स्थानों पर ले जाना या राहत सामग्री समुचित तरीके से सभी तक पहुँचाना अदि। 
 
केरल सरकार ने एक 24 घाटों की हेल्पलाइन चलाई हुई है। सेना के अलावा 40,000 पुलिस और 3400 फायर फाइटर भी लोगों को पुनर्स्थापित करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही केरल के मछुआरों ने भी ज़बरदस्त वीरता का प्रर्दशन किया है। मछुआरों ने न सिर्फ तटीय इलाकों में फंसे हुए लोगों को बचाने के काम किया है , बल्कि पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को भी राहत पहुंचाई है। सूत्र बताते हैं कि कुछ मछुआरे जो कोल्लम ज़िले में थे उन्होंने पत्तनमतिट्टा जाकर लोगों को बचाया। केरल के विभिन्न इलाकों से मछुआरों ने प्रभावित पाँचों ज़िलों में लोगों को बचाने का काम किया है। 7 ज़िलों से 4 दिनों के भीतर 200000 लोगों को बचाया गया , इस कार्य को करने में सबसे अहम भूमिका मछुआरों की ही रही है। 
 
ज़्यादातर इलाकों में अब हालत कुछ काबू में आने लगे हैं इसीलिए लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। इसीलिए अब DYFI और बाकी जन संगठनों के लोग जनता के घरों से पानी निकालने, घरों को साफ़ करने और मरे हुए जानवरों के शवों को हटाने का कार्य कर रहे हैं। जन संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि अब बाढ़ में बर्बाद हुए घरों के पुनर्निर्माण का काम किया जायेगा। इसके अलावा सूत्र बताते हैं कि DYFI हर 15 अगस्त को एक रैली निकालता है लेकिन इस बार इस कार्यक्रम को बाढ़ के चलते नहीं किया गया। इस कार्यक्रम के लिए जो चंदा इकठ्ठा किया गया था वह पूरा राहत कार्य में लगा दिया गया। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत सिर्फ कन्नूर ज़िले से 20 लाख रुपये इकट्ठे किये गए थे। इसके अलावा बताया जा रहा है कि कल से SFI के लोग विभिन्न डॉक्टरों की टीमें बनाकर राहत शिविरों में मदद के लिए जायेंगे। 
 

DYFI
SFI
Kerala
AIDWA
CPI(M)

Related Stories

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License